प्रादेशिक
अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, वृंदावन, कानपुर में पवित्र नदियों का बदलने लगा स्वरूप
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानपुर और वाराणसी में गंगा, अयोध्या में सरयू और मथुरा – वृंदावन में यमुना प्रदूषण मुक्त होने की ओर हैं। इन नदियों में गिरने वाले नालों को टैप कर दिया गया है और एसटीपी से जोड़ते हुए नालों के पानी का ट्रीटमेंट कर शोधित किया जा रहा है। इन प्रमुख शहरों के 37 नालों को नदी में गिरने से रोका गया है। अब इनके किनारों पर नए-नए एसटीपी बन गये हैं। इनमें नालों के सीवेज को आईएण्डडी विधि द्वारा टैप कर शोधित किया जा रह है।
प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नामामि गंगे ने आस्था और विश्वास की प्रतीक नदियों को नया जीवन दिया है। नदियों को निर्मल और स्वच्छ बनाने के लिए दूषित नालों को रोकने के साथ प्रदूषण मुक्त करने का बड़ा काम किया है। वाराणसी में इसका असर दिखाई देने लगा है। यहां 161.31 करोड़ की लागत से रमना में 50 एमएलडी का नया एसटीपी तैयार हो चुका है, जिसमें गंगा नदी में गिरने वाले 03 नालों को आईएण्डी के माध्यम से टैप किया गया है। नालों के पानी को एसटीपी में ट्रीटमेंट कर शोधित किया जा रहा है। इसी तर्ज पर मथुरा-वृंदावन में यमुना नदी को भी प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सरकार ने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मथुरा में 460.45 करोड़ की लागत से 20 नालों को टैप करने के साथ-साथ 30 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण एवं वृंदावन में 42.82 करोड़ की लागत से 05 नालों को टैप करने के साथ-साथ 04 एमएलडी के एसटीपी के नवीनीकरण और उच्चीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। गौरतलब है कि एक वर्ष में गंगा एवं उसकी सहायक नदियां, यमुना, रामगंगा और सरयू में गिरने वाले 72 और नाले टैप किये गये हैं। सरकार के प्रयास से नदियों के जल की गुणवत्ता में भी पहले से काफी सुधार आया है।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। खास तौर पर वो बड़े महानगर जहां से गंगा, यमुना और सरयू जैसी प्रमुख नदियां गुजरती हैं। वहां नालों को टैप करने के साथ-साथ नए एसटीपी शुरू किए जा रहे हैं। नदियों की स्वच्छता से जुड़ी हर योजना और हर कार्य की त्रिस्तरीय निगरानी की जा रही है।
अयोध्या में पवित्र नदी सरयू के जल की गुणवत्ता में आने लगा सुधार
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत धार्मिक व पौराणिक नगर अयोध्या में पवित्र नदी सरयू में गिरने वाले सभी नालों को टैप कर दूषित जल को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया जा रहा है। इससे अयोध्या में पवित्र नदी सरयू के जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। यहां 37.67 करोड़ की लागत से 05 नालों को आईएण्डडी विधि द्वारा टैप करने का बड़ा काम किया गया है। साथ में 12 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है।
कानपुर नगरी में बदला गंगा नदी का स्वरूप
कानपुर नगरी में गंगा नदी का रूप बदल चुका है। यहां बिठूर में 13.40 करोड़ की लागत से 07 नालों को आईएण्डडी विधि द्वारा टैप किया गया है। नालों के पानी को एसटीपी में ट्रीटमेंट कर शुद्ध किया जा रहा है। इससे गंगा नदी का प्रदूषण अब खात्मे की ओर है। यहां नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सीवरेज योजना पर भी तेजी से काम हुआ है। 430.49 करोड़ की सीवरेज योजना से 106.67 किमी सीवर लाइनों को बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही 10350 सीवर हाउस कनेक्शन किये गये हैं और गंगा नदी में 182 किमी लम्बाई में गाद निकालने का काम पूरा कर लिया गया है।
उत्तर प्रदेश
स्वस्थ महाकुम्भ अभियान के तहत प्रयागराज रेल मण्डल के स्टेशनों पर फर्स्ट एड बूथ तैयार
महाकुम्भ नगर। प्रयागराज में महाकुम्भ के दिव्य भव्य आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस दौरान महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और यात्रियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए डबल इंजन की सरकार ने महाकुम्भ 2025 को स्वस्थ और सुरक्षित महाकुम्भ भी घोषित किया है। इसी दिशा क्रम में भारतीय रेलवे ने प्रयागराज रेल मण्डल के स्टेशनों पर 30 से अधिक फर्स्ट एड बूथ स्थापित किए हैं। रेलवे की यह पहल श्रद्धालुओं की सुविधा और आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है।
प्रयागराज रेल मण्डल के स्टेशनों पर तैयार हैं फर्स्ट एड बूथ
महाकुम्भ 2025 को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज रेल मण्डल के लगभग सभी स्टेशनों पर फर्स्ट एड बूथ स्थापित किए गए हैं। महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और किसी भी तरह की आपात स्थिति में त्वरित स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा सके। इस दिशा क्रम में प्रयागराज जंक्शन, नैनी जंक्शन, फाफामऊ, प्रयाग जंक्शन, झूंसी, रामबाग, छिवकी, प्रयागराज संगम और सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन आदि पर फर्स्ट ऐड बूथ स्थापित किए गए हैं । जरूरत के मुताबिक प्रयागराज जंक्शन पर 14 बूथ, नैनी स्टेशन पर 03 ,छिवकी पर 03 और सूबेदारगंज स्टेशन पर 02 बूथ बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रयागराज रेल मण्डल के विंध्याचल, मंकीपुल,
संगम कैम्प क्षेत्र में एक-एक,प्रयाग स्टेशन पर 03 बूथ, फाफामऊ स्टेशन भी 01 फर्स्ट एड बूथ बनाया गया है। इसके साथ ही अयोध्या धाम, अयोध्या केंट और काशी स्टेशन पर भी एक -एक बूथ बनाए गए हैं।
प्रशिक्षित चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ करेंगे त्वरित उपचार
फर्स्ट एड बूथ के बारे में बताते हुए प्रयागराज रेल मण्डल के सीनियर पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि सभी फर्स्ट एड बूथ पर प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी पूरे मेले के दौरान तैनात रहेंगे। इसके साथ ही आपातकालीन चिकित्सा के उपकरण और दवाइयां भी उपलब्ध रहेंगी। गंभीर मामलों में त्वरित रेफरल की सुविधा भी बनाई गई है।
संगम कैम्प क्षेत्र में भी बनाया गया हैं विशेष फर्स्ट एड बूथ
संगम क्षेत्र, जहां लाखों श्रद्धालु स्नान और पूजा के लिए एकत्र होते हैं, वहां एक विशेष प्राथमिक चिकित्सा बूथ स्थापित किया गया है। यह बूथ भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए पूरी तरह तैयार है। साथ ही
रेलवे प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर महाकुम्भ के श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य सुविधा बूथ बनाए हैं। साथ ही रेलवे ने आपातकालीन स्थिति के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 139 भी जारी किया है।
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