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नेशनल

समाज की शक्ति से देश की शक्ति बढ़ती है- मन की बात में बोले पीएम मोदी

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PM Modi in Mann Ki Baat

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ के 98वें एपिसोड में लोगों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा ‘मन की बात’ को आप सभी ने जनभागीदारी की अभिव्यक्ति का अद्भुत प्लेटफॉर्म बना दिया है।

मन की बात कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर ‘मन की बात’ में हमने 3 प्रतियोगिता की बात की थी। ये प्रतियोगिताएं देशभक्ति पर गीत, लोरी और रंगोली पर आधारित थी। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि देशभर के 700 से अधिक जिलों के 5 लाख से अधिक लोगों ने इसमें भाग लिया है।

लता मंगेशकर और उस्ताद बिस्मिल्लाह का जिक्र

इस दौरान पीएम मोदी ने लता मंगेशकर और उस्ताद बिस्मिल्लाह का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा आज के इस अवसर पर मुझे लता मंगेश्कर की याद आना स्वभाविक है, क्योंकि जब ये प्रतियोगिता प्रारंभ हुई थी। उस दिन लता दीदी ने ट्वीट कर देशवासियों से आग्रह किया था कि वे इस स्पर्धा में जरूर जुड़ें।

इसी के साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार’ दिए गए। ये पुरस्कार संगीत और कला प्रदर्शन के क्षेत्र में उभर रहे प्रतिभाशाली कलाकारों को दिए जाते हैं। ये कला और संगीत की लोकप्रियता बढ़ाने के साथ ही इसकी समृद्धि में अपना योगदान दे रहे हैं।

समाज की शक्ति से देश की शक्ति बढ़ती है

पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान कहा कि समाज की शक्ति से कैसे देश की शक्ति बढ़ती है ये हमने ‘मन की बात’ के अलग-अलग एपिसोड में देखा है। पीएम ने कहा मुझे वो दिन याद है, जब हमने मन की बात में भारत के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन की बात की थी। उस समय देश में एक लहर सी उठ गई, भारतीय खेलों के जुड़ने की, इनमें रमने की, सीखने की।

भारत की डिजिटल क्रांति की शक्ति है ई-संजीवनी एप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कहा देश के सामान्य मानवी, मध्यम वर्ग और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए ई-संजीवनी जीवन रक्षा करने वाला एप बन रहा है। ये भारत की डिजिटल क्रांति की शक्ति है। इस एप का उपयोग करके अब तक टेली परामर्श करने वालों की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। आप कल्पना कर सकते हैं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 करोड़ परामर्श, मरीज और डॉक्टर के साथ अद्भुत नाता, ये बहुत बड़ी उपलब्धि है।

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नेशनल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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