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अंत्योदय से सर्वोदय, राष्ट्रीय एकता, सुशासन को समर्पित होगा वर्ष 2025: मुख्यमंत्री
● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में भावी कार्यक्रमों पर चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश….
● आगामी वर्ष 2025 अत्यंत महत्वपूर्ण होने जा रहा है। यह वर्ष धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाना है, तो यह लौहपुरुष सरदार पटेल की 150 वीं जयंती का भी वर्ष है। एक ओर जहां हम संविधान अंगीकार करने का अमृत महोत्सव मनाएंगे, वहीं लोकतंत्र की हत्या ‘आपातकाल’ के 50 वर्ष पूरे होने पर लोगों को जागरूक भी किया जाना है।लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती भी इसी वर्ष मनाई जाएगी। 2025 का यह वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी की जन्मशताब्दी वर्ष है तो इसी वर्ष हमें जीरो पॉवर्टी का लक्ष्य भी पूरा करना है। यह पूरा वर्ष अंत्योदय से सर्वोदय, राष्ट्रीय एकता और सुशासन की परिकल्पना को समर्पित होगा। इनके दृष्टिगत पूरे वर्ष आयोजन किये जायेंगे।
● 26 नवंबर 2024 से प्रारंभ हो रहे ‘संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष’ की शुरुआत पर राजधानी लखनऊ में शासन स्तर के साथ-साथ सभी सरकारी संस्थानों, विभागों, कार्यालयों, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली जानी चाहिए। स्कूल/कॉलेजों में निबंध और डिबेट आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। संसदीय कार्य विभाग इसका नोडल विभाग होगा। पूरे वर्ष होने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत कार्ययोजना यथाशीघ्र जारी कर दी जाए।
● प्रयागराज महाकुम्भ में पूरी दुनिया से लोगों का आगमन होगा। यह दुनिया के लिए भारत को जानने, समझने का सुअवसर है। महाकुम्भ में भारतीय संविधान पराधारित ‘संविधान गैलरी’ तैयार कराई जाए। यहां संविधान सभा के गठन चर्चा-परिचर्चा, संविधान के बनने की पूरी प्रक्रिया को ऑडियो-विजुअल माध्यम से प्रदर्शित किया जाए।
● आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार जनजातीय समाज की संस्कृति के संरक्षण और जनजातीय समाज के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। बलरामपुर के इमिलिया कोडर में जनजातीय संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, जबकि दो और संग्रहालय भारत सरकार द्वारा स्थापित कराए जा रहे हैं। महाकुम्भ में भगवान बिरसा मुंडा पर और प्रदेश की जनजातीय संस्कृति, सरकार के प्रयासों पर केंद्रित विशेष गैलरी बनाया जाए।
● अटल जी की जन्मशताब्दी के अवसर पर विश्वविद्यालयों में अटल शोध पीठ तथा सुशासन पीठ की स्थापना कराई जानी चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इसमें आवश्यक कार्यवाही की जाए। इसी प्रकार, सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष में राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करते हुए पूरे वर्ष विविध कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाना चाहिए। गृह विभाग इसका नोडल विभाग होगा।
● लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती को पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर मनाया जाना चाहिए। आक्रांताओं के कालखण्ड में किस प्रकार अहिल्याबाई जी ने भारतीय सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवन दिया, इससे नई पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए। अहिल्याबाई जी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर स्कूल कॉलेजों में निबन्ध, डिबेट और सेमिनार का आयोजन भी कराया जाए।
● ‘लोकतंत्र की हत्या’ आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोगों को अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से इसकी विभीषिका से नई पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए। इस दौरान लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के सम्मेलन कराया जाना चाहिए। इस संबंध में सूचना विभाग द्वारा आवश्यक कार्ययोजना तैयार की जाए।
नेशनल
76वें गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं, कही ये बात
नई दिल्ली। 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने शुक्रवार को देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कामना की कि यह राष्ट्रीय उत्सव संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त व समृद्ध भारत बनाने की दिशा में जारी प्रयासों को और मजबूत करे। बता दें कि भारत आज 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह का आयोजन हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट की। अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं! आज हम अपने गौरवशाली गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हम उन सभी महान विभूतियों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारा संविधान बनाकर यह सुनिश्चित किया कि हमारी विकास यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को और मजबूत करे, यही कामना है।’’
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति हैं मुख्य अतिथि
बता दें कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं। गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्र की सैन्य क्षमता और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया जायेगा। दरअसल, भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी तो मिल गई थी, लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ। ठीक 75 वर्ष पहले आज ही के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।
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