मनोरंजन
तुर्की के राजदूत बोले- मैं आमिर खान का बड़ा फैन, ‘लाल सिंह चड्ढा’ चार बार देखी
नई दिल्ली। भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल बॉलीवुड फिल्मों के बहुत बड़े फैन हैं। एक्टर्स की बात जाए तो उन्हें आमिर खान का काम बहुत पसंद है। उन्होंने कहा कि आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा उन्होंने चार बार देखी है।
लाल सिंह चड्ढा, जो हॉलीवुड क्लासिक फॉरेस्ट गंप की अधिकृत रीमेक थी, सुनेल के अनुसार, टॉम हैंक्स अभिनीत 1994 की मूल फिल्म की तुलना में अधिक सफल थी। सोशल मीडिया पर बॉयकाट के आह्वान के बीच 2022 की फिल्म को मिली-जुली नकारात्मक समीक्षा मिली, जिसका असर इसके बॉक्स ऑफिस व्यवसाय पर पड़ा।
सुनेल ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब आप बॉलीवुड फिल्में देखते हैं तो आपको इंडियन लाइफ स्टाइल और बैकग्राउंड भी नजर आती है। आप भारत और इंडियन लोगों के बारे में बहुत कुछ सीखते हैं इसीलिए बॉलीवुड अधिक से अधिक सफल हो रहा है।
राजनयिक ने कहा कि लाल सिंह चड्ढा, जिसे तुर्की में भी शूट किया गया था, ने उन्हें इंडियन और तुर्की संस्कृति के बीच कई समानताओं का एहसास कराया। अपनी बात समझाने के लिए, सुनेल ने फिल्म के शुरुआती दृश्य के बारे में बात की, जहां ट्रेन में यात्रा कर रहे खान द्वारा अभिनीत नायक, खुद खाने से पहले साथी यात्रियों को गोलगप्पे पेश करता हुआ दिखाई देता है। यह आपके और मेरे लिए सामान्य है, क्योंकि यह एक परंपरा है. तुर्किये में, हम खाने से पहले अपने आस-पास के लोगों को भी भोजन देते हैं।
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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बताया कमजोर
मुंबई। मंडी सांसद व बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है. कंगना रनौत का कहना है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री को बहुत मजबूत महिला मानती थीं, लेकिन गहन अध्ययन के बाद अब उनका मानना है कि वह तो कमजोर थीं. उन्हें खुद पर ही यकीन नहीं था.
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी से सांसद कंगना रनौत अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आज कोई भी निर्देशक उनके लायक नहीं है. कंगना ने चर्चित फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि ‘मैं बहुत गर्व के साथ कह रही हूं कि आज फिल्म इंडस्ट्री में एक भी ऐसा निर्देशक नहीं है, जिसके साथ मैं काम करना चाहूं, क्योंकि उनमें वो बात ही नहीं है कि मैं उनके साथ काम करने के लिए राजी हो सकूं.
कंगना ने तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा 1975 में लगाए गए 21 महीने के आपातकाल को दर्शाने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ का निर्देशन और निर्माण किया है. उन्होंने कहा कि वह इंदिरा गांधी से समानुभूति रखती हैं, जब तक उन्होंने इस फिल्म पर काम शुरू नहीं किया था, तब तक वह उन्हें बहुत मजबूत मानती थीं, लेकिन जब मैंने अध्ययन किया तो मुझे समझ में आया कि वह इसके बिल्कुल विपरीत थीं. इससे मेरा यह विश्वास और मजबूत हुआ कि आप जितने कमजोर होते हैं, उतना ही अधिक नियंत्रण चाहते हैं. वह एक बहुत कमजोर व्यक्ति थीं. उन्हें खुद पर यकीन नहीं था. वह वास्तव में कमजोर थीं.
कंगना रनौत ने कहा, कि उनके आसपास बहुत सी बैसाखियां थीं. वह लगातार किसी न किसी तरह खुद को सही ठहराना चाहती थीं. वह कई लोगों पर बहुत अधिक निर्भर थीं, उनमें से एक संजय गांधी भी थे. एक्ट्रेस ने कहा कि उन्होंने अपनी फिल्म में इंदिरा गांधी और आपातकाल के चित्रण को लेकर अपनी तरफ से कोई बदलाव नहीं किया है.
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