प्रादेशिक
यूपी में है सुशासन, पांच साल में बदली प्रदेश की छवि: सीएम योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल को “सुशासन का काल” कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकारों की खराब नीतियों के कारण उत्तर प्रदेश की छवि खराब हो गई थी। इन दलों की सरकारों में काम करने की कोई नीयत न थी। वर्तमान सरकार ने साफ नीयत और स्पष्ट नीति के साथ इस खराब परसेप्शन का परिमार्जन कर देश में यूपी को उसका वाजिब सम्मान दिलाया।
डीडी न्यूज़ के लिये वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह को दिए एक साक्षात्कार में मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश से जुड़े तमाम मुद्दों पर खुलकर और बेबाक बात की। आत्मविश्वास से भरे योगी ने कहा कि विपक्ष हर समय विरोध करती रही लेकिन सरकार का काम “काम करना” है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश की जनता के लिए जो कार्य किए हैं उसके आधार पर उन्हें पूरा विश्वास है कि जनता जनार्दन का आशीर्वाद फिर से प्राप्त होगा।
सुशासन के सवाल पर योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में सुशासन के लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। गरीब कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्रदेश के गरीबों, नौजवानों, किसानों और महिलाओं को मिल रहा है। समाज के हर तबके को शासन की योजनाओं से जोड़ा गया है। अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य बड़े पैमाने पर हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कहते हैं कि उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता रखता है। इसे हमारी सरकार ने पहचाना और आगे बढ़ाने का कार्य किया।
प्रदेश का हर व्यक्ति जानता है कि विकास के कार्य कौन कर रहा है। 1947 से 2016 तक उत्तर प्रदेश में केवल दो एक्सप्रेसवे थे- नोएडा आगरा यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे। आज पांच एक्सप्रेस वे पर कार्य चल रहा है और अन्य पर भी कार्यवाही आगे बढ़ रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनकर तैयार है जिसका संभवतः अगले महीने प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन कराया जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे लगभग 80 फ़ीसदी बन चुका है जिसे दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां तीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं और दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे अयोध्या और जेवर में बन रहे हैं। जेवर एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यही नहीं, आजमगढ़, सोनभद्र, श्रावस्ती, चित्रकूट समेत 11 एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। कनेक्टिविटी को लेकर जैसा कार्य उत्तर प्रदेश में हुआ है वैसा किसी भी अन्य राज्य में नहीं हुआ। चुनाव में सरकार विरोधी लहर को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था, इन्वेस्टमेंट, बेरोजगारी दर कम करने और विकास योजनाओं को चलाने को लेकर जो आमूलचूल परिवर्तन हुआ है वह अभूतपूर्व है, जिसे हर व्यक्ति स्वीकार करता है। लोकतंत्र में जनता जनार्दन होती है। वह बोलती नहीं है समय आने पर अपना फैसला करती है।
आतंकवादियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेती थी सपा सरकार, हमने दिया कानून-व्यवस्था का मॉडल
कानून व्यवस्था के मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने हर अपराध के विरुद्ध कठोरता से कार्यवाही की है और इसी का नतीजा है कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था आज एक नजीर बनी है। 2017 में जब हमारी सरकार आई तो पुलिस की लगभग आधी भर्तियां नहीं हुई थी। हमने पारदर्शी व्यवस्था से यह काम किया और आज प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल है। सरकार में आते ही हमने पहला काम बालिकाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया और दूसरा काम किया अवैध बूचड़खाने को बंद करने का। वहीं समाजवादी पार्टी की सरकार 2012 में आई तो पहला काम किया कोसीकलां में दंगा करने वालों और राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों पर मुकदमों को वापस लेना। हम अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम कर रहे हैं। बहन-बेटियों को सुरक्षा की गारंटी दे रहे हैं। कर्जमाफी कर किसानों की बेहतरी के लिए कदम उठाया, हर घर में बिजली पहुंचा रहे हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने आतंकवादियों पर मुकदमों को वापस लेने का काम किया।
संसाधनों का सही उपयोग हुआ होता तो नंबर एक अर्थव्यवस्था होती यूपी
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर पिछली सरकारों ने यहां के संसाधनों का ठीक से उपयोग कर कार्य किया होता तो प्रदेश देश की छठवीं नहीं, पहले नंबर की अर्थव्यवस्था होता। जब हमारी सरकार आई तो प्रदेश देश की छठवीं अर्थव्यवस्था था और आज हम उसको दूसरे नंबर पर ले आए हैं। कानून उत्तर प्रदेश की बड़ी समस्या रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था की स्थिति ने अब प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को बढ़ाया है। सुशासन लाने के लिए जो सुधार किए गए उनके परिणाम अब सामने आ रहे हैं। स्वच्छता अभियान के मुद्दे पर उन्होंने बताया की उत्तर प्रदेश को दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनाने थे। पहले ढाई वर्ष में मात्र 43 लाख बन पाए थे। जब हमारी सरकार आई तो डेढ़ वर्ष में दो करो एक करोड़ अस्सी लाख शौचालय बनाकर तैयार किए और ढाई साल में खुले में शौच से मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त किया।
चुनौतियों में होती है शासन की परीक्षा:
कोरोना काल के दौरान अपनी सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का इलाज करने और राहत पहुंचाने- दोनों मोर्चों पर सरकार ने बेहतरीन कार्य किया। टेस्ट और टीका में यूपी नंबर एक है। योगी ने कहा कि हमारे यहां सीएफआर सबसे कम तो रिकवरी रेट सबसे बेहतर है। बावजूद इसके विरोधी दलों ने कोरोना जैसी वैश्विक आपदा को भी राजनीति का मुद्दा बनाने से गुरेज नहीं किया और सरकार को बदनाम करने के लिए कई झूठी बातें प्रचारित की गई। गंगा तट पर बड़ी संख्या में शवों का मामला जमकर उछाला गया। जबकि सच यह है कि गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में कुछ लोग पंचक के दौरान शवों का दाह संस्कार नहीं करते बल्कि गंगा में प्रवाहित करते हैं। उस दौरान कुछ लोग संक्रमण से मरे होंगे तो कुछ अपनी उम्र संबंधी समस्याओं या बीमारी के चलते, लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ। 2012 और 2014 की मीडिया रिपोर्ट देख ले तो सब साफ हो जाता है। इस बार भी जब पत्रकारों ने मौके पर जाकर रिपोर्टिंग की तो पाया कि यह कोई नई बात नहीं है ऐसा काफी पहले से होता आ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर प्रदेश में हर जिले में मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है जो गन्ने का किसानों को सर्वाधिक मूल्य देता है।
अपराध पर जीरो टॉलरेंस, दोषी कोई हो बचेगा नहीं:
लखीमपुर खीरी के मामले पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार के पास किसी भी अपराध के मामले में जब भी प्रमाण होंगे वह कठोरता के साथ कार्यवाही करेगी। लखीमपुर खीरी मामले की मॉनिटरिंग सुप्रीम कोर्ट स्वयं कर रहा है। सरकार ने इस मामले में न्याय संगत कार्रवाई की है और आगे भी जो लोग वहां हुई 08 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार होंगे उन पर कार्रवाई करेगी। एसआईटी पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है
भाजपा जाति वाद में नहीं करती विश्वास
चुनाव के समय सभी राजनीतिक दलों द्वारा जातीय और सामाजिक समीकरण बिठाने की कोशिश के क्रम में हो रहे जातीय सम्मेलनों से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए योगी ने कहा कि हमारे सम्मेलन जातीय नहीं बल्कि सामाजिक हैं। ये सामाजिक सम्मेलन सरकार द्वारा उस समाज के हित के लिए उठाए गए कदमों को उन्हें बताने के लिए हैं। हमारे सामाजिक सम्मेलन जातिवाद से प्रेरित नहीं हैं। हम सबका विकास करने, सबको योजनाओं का लाभ देने, लेकिन किसी का भी तुष्टीकरण नहीं करने की बात करते हैं। तुष्टीकरण किसी का नहीं का मतलब किसी का भी नहीं। फिर भेदभाव कैसा। उन्होंने कहा कि, सरकार को यह भी दायित्व बनता है कि लोगों को बताएं हमने क्या किया। इसका माध्यम सामाजिक और प्रबुद्ध सम्मेलन हो सकते हैं, रैलियां हो सकती हैं, उद्घाटन और शिलान्यास के कार्यक्रम हो सकते हैं। विपक्ष की तरह जाति की राजनीति भाजपा नहीं करती। हमने मंच पर कभी नहीं कहा कि इस जाति के लिए यह काम किया और उस जाति के लिए वह काम किया।
प्रसारण से पहले ही सोशल मीडिया पर छाया योगी का इंटरव्यू
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डीडी न्यूज़ पर दिया गया इंटरव्यू प्रसारण से कुछ घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर छा गया। ट्विटर पर 5:00 बजे के बाद #CMYogiWithPradeepSingh ट्रेंड करने लगा और नंबर दो तक चला गया।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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