उत्तर प्रदेश
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप जन मन का आयोजन बना महाकुंभ
महाकुंभ नगर। तीरथराज प्रयाग का महाकुंभ जन मन का महापर्व बन चुका है। अपवाद छोड़ दें तो हर कोई एक-दूसरे का हर संभव सहयोग कर रहा है। बिना पूछे भी। प्रशासन की तो खैर हर जगह प्रभावी उपस्थित है ही। हमारे सनातन धर्म का हर आयोजन, जन मन का आयोजन बने। स्थानीय लोगों के अलावा बाकी लोग भी उस जगह और आयोजन का अपने संभव सहयोग के जरिये ब्रांड एंबेसडर की भी भूमिका निभाएं। यही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा भी है। इसी मानसिकता से पर्यटन जन उद्योग बनेगा। विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ इसका बहुत बड़ा अवसर बन रहा है।
फाफामऊ से सिविल लाइंस
शुरुआत फाफामऊ से करते हैं। लखनऊ की बस फाफामऊ के बेला कछार में उतार देती है। रात होने को थी। उतरकर एक राहगीर से पूछता हूं। भैया ये कौन सी जगह है। सिविल लाइंस जाना है। जवाब मिला, बेला कछार फाफामऊ। यहां से आपको सिविल लाइंस के लिए ऑटो मिल जाएंगे। सामने कुछ ऑटो दिख भी रहे थे। पास जाकर एक से अभी मोलभाव ही कर रहा था कि दूसरा आटो वाला रुका। उसने कहा सामने 200 कदम आगे पानी की टंकी के उस पार सड़क पर खड़ी हर ऑटो सिविल लाइंस ही जाएगी। 30 रुपए किराया है। उससे ज्यादा नहीं देना है। योगी सरकार ने यही रेट निर्धारित किया है।
महाकुंभ में
सिविल लाइंस होते हुए महाकुंभ में डेरे तक पहुंचते-पहुंचते रात हो गई। हाथ मुंह धोकर निकल पड़े मानवता के इस महासमागम का हिस्सा बनने। संगम नोज पर एक सज्जन मिले। बिहार से थे। उन्होंने यूं ही पूछ लिया, संगम नहाना है। मैंने हां में जवाब दिया तो वह वहां तक जाने का पूरा प्रोसिजर बता गए। मसलन, नाव कहां से मिलेगी। किराया क्या होगा। सब एक सांस में। साथ ही यह भी कहा, भाई साहब बिना संगम स्नान के मत जाइयेगा। खैर घूम फिरकर देर रात अपने डेरे में आ गया।
दूसरे दिन सुबह सबेरे
दूसरे दिन सुबह सेक्टर चार से निकल कर पास स्थित वीआईपी घाट पर पहुंचा। संगम स्नान के इरादे से। अच्छी खासी भीड़ थी। प्रोटोकॉल वालों को भी प्रतीक्षा करनी पड़ रही थी। यहां भी अनायास एक सज्जन टकरा गए। पूछा? आप तो रुके होंगे। मैंने जवाब हां में दिया। फिर उन्होंने कहा, भाई साहब प्रोटोकॉल वालों के पास तो समय नहीं होता। उनको नहा लेने दीजिए। आप भी बिना नहाए मत जाएगा। भले शाम हो जाय। मैने कहा जरूर। आया ही उसी मकसद से हूं। करीब घंटे भर बाद अपनी भी बारी आ गई। संगम में स्नान-ध्यान के बाद इत्मीनान से कुंभ देखा। शाम तक यह सिलसिला चलता रहा। डेरे में आकर थोड़ा आराम और भोजन के बाद देर रात फिर मानवता के इस सबसे बड़े समायोजन को देखने निकल पड़ा।
महाकुंभ कभी सोता नहीं
सेक्टर चार से निकलकर किला घाट पहुंचा। वहां से यमुना के पक्के घाट पर। रास्ते से लेकर घाट तक चहल-पहल। रौशनी में किला अद्भुत लग रहा था। घाट से अरैल का जगमग इलाका किसी दूसरी दुनिया का अहसास करा रहा था। घाट पर लोग मौजूद लोग इस मनमोहक तस्वीर को मोबाइल कैमरों में कैद कर रहे थे। कुछ युवा उस रात में भी यमुना में डुबकी भी लगा रहे थे। रह रहकर पुलिस की गाड़ियों से बजते हुए हूटर मानों यह कह रहे थे, बेफ्रिक रहें, हम हैं। यही तो योगी जी भी सबसे कहते हैं। हर नागरिक की सुरक्षा हमारी गारंटी है। यह गारंटी दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन प्रयागराज के महाकुंभ में भी दिख रही है। और, लोग उस पर मुकम्मल भरोसा भी कर रहे हैं। वाकई अदभुत, अकल्पनीय और अविस्मरणीय है ये महाकुंभ।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर PM मोदी ने जताया दुख, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के भगदड़ मची। इसमें कई लोगों के घायल होने की जानकारी है। बताया जा रहा है कि मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए संगम क्षेत्र में बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई। हालांकि बताया जा रहा है कि अब काफी हद तक हालात पर काबू पा लिया गया है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा दुखद है। जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.’ उन्होंने घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। उन्होंने ये भी बताया कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। उन्होंने खुद मुख्यमंत्री योगी से बातचीत की है और लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं।
29 जनवरी को मौनी अमावस्या है. ऐसे में महाकुंभ में अमृत स्नान का योग है। मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए देशभर से करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं। जिसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आज यानी मौनी अमावस्या के मौके पर संगम नगरी में 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान करेंगे। बुधवार सुबह आठ बजे तक ही तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में स्नान डुबकी लगा चुके हैं। जिसके चलते रात से ही संगम किनारे पर भीड़ होने लगी थी, लेकिन रात एक से दो बजे के बीच भीड़ इतनी बढ़ गई कि कुछ श्रद्धालु बैरिकेट्रस तोड़कर आगे बढ़ने लगे, तभी भगदड़ मच गई।
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