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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने साढ़े सात वर्षों में बाढ़ पीड़ितों को लगाया 29 सौ करोड़ का “मरहम”

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ पीड़ितों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं। पिछले साढ़े सात वर्षों में सीएम योगी द्वारा बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है। सीएम योगी ने उनके आंसू पोंछने के लिए पिछले साढ़े सात वर्षों में 29 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि जारी की है। वहीं प्रदेश के 22 लाख से अधिक किसानों को बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा दिया गया है। उन्हे योगी सरकार ने वर्ष 2017 से अब तक नौ करोड़ से अधिक का मुआवजा वितरित किया है। इसके अलावा बाढ़ से पूरी तरह क्षतिग्रस्त तीन हजार से अधिक मकान और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त एक लाख से अधिक मकान का मुआवजा दिया गया।

22 लाख से अधिक किसानों को दिया गया मुआवजा

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आपदा को लेकर पहले से ही काफी अलर्ट रहते हैं ताकि जनहानि-धनहानि को कम किया जा सके। सीएम योगी की मॉनीटरिंग और दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में बाढ़ की वजह से कोई बड़ी घटना नहीं हुई। वहीं सीएम योगी के निर्देश पर लगातार बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद की जा रही है। इतना ही नहीं सीएम योगी ने उनकी मदद के लिए पिछले सात वर्षों में दिल खोलकर धनराशि जारी की है। सीएम योगी ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पिछले साढ़े सात वर्षों में 2,982.37 करोड़ जारी किये हैं। वहीं बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए विभिन्न मदों में 2,286.90 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं जबकि शासन को बची धनराशि वापस भेज दी गयी। पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश के 22,44,605 किसानों को बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा दिया गया है। इस मद में योगी सरकार ने 964.23 करोड़ रुपये खर्च किये। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पिछले साढ़े सात वर्षों मेें 89,20,234 फूड और लंच पैकेट बांटे गये। बाढ़ प्रभावित इलाकों में निगरानी के लिए 5301 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई।

रेस्क्यू में इस्तेमाल की गयीं 2813 मोटर बोट और 34,912 नावें

राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू के लिए 2813 मोटर बोट और 34912 नावों को लगाया गया। बाढ़ की वजह से 530 लोगों ने अपनी जान गंवायी। इनके परिजनों को योगी सरकार की ओर से 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। इसी तरह 1304 दुधारू पशुओं और 337 गैर दुधारू पशुओं की मृत्यु पर पशुपालकों को सहायता धनराशि दी गयी। इसके अलावा बाढ़ से पूरी तरह क्षतिग्रस्त 3,107 मकान और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त 1,41,107 मकानों का मुआवजा दिया गया। उन्होंने बताया कि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान में झोपड़ियां भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश

यूपी में और ‘ताकतवर’ होगा अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेलने वाला अभियोजन विभाग

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लखनऊ | योगी सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था को मजबूत और पुख्ता करने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। यही वजह है कि सरकार ने पिछले साढ़े सात वर्षों में बड़ी तादाद में अपराधियों को कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये सलाखों के पीछे धकेला है। इसी क्रम में योगी सरकार यूपी पुलिस के अभियोजन विभाग को और सशक्त करने के लिए प्रदेश के 11 जिलों में संयुक्त निदेशक अभियोजन कार्यालयों की स्थापना करने जा रही है। इसके लिए इन सभी जिलों में विभाग के कार्यालय के लिए जमीन आवंटित कर दी गयी है। वहीं निर्माण कार्य के लिए बजट के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। शासन से बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

संतकबीर नगर में एक एकड़ में बनेगा संयुक्त अभियोजन कार्यालय

अभियोजन निदेशालय के एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाग को सशक्त एवं सक्षम बनाने के लिए प्रदेश के 11 जिलों में नये संयुक्त अभियोजन कार्यालयों की स्थापना के निर्देश दिये थे। इसी क्रम में प्रदेश के 11 जिलों श्रावस्ती, चंदौली, चित्रकूट, बांदा, संतकबीर नगर, गाजियाबाद, महाराजगंज, ललितपुर, सोनभद्र, औरैया और फिरोजाबाद में जमीन आवंटित कर दी गयी। संतकबीर नगर के जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप जिले में संयुक्त अभियोजन कार्यालय और आवास के लिए ग्राम बड़गो में 0.405 हेक्टेयर अर्थात एक एकड़ जमीन आवंटित कर दी गयी है। जिलाधिकारी ने बताया कि यह जमीन गाटा संख्या 725, 727, 728, 729 एवं 730 में दर्ज है। इस जमीन का तहसीलदार द्वारा चिह्नांकन भी कर दिया गया है। चिह्नित भूमि पर भवन निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड द्वारा प्रस्तुत एस्टीमेट 740.64 लाख एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा एस्टीमेट 793.02 लाख को पुलिस महानिदेशक अभियोजन निदेशालय को उपलब्ध करा दिया गया है।

अपराधियों को सजा दिलाने में आएगी और तेजी

एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि संयुक्त अभियोजन कार्यालय के लिए श्रावस्ती में 1 एकड़ जमीन ग्राम गलकटवा, परगना एवं तहसील भिनगा में आवंटित की गयी है। इसी तरह चंदौली के ग्राम धुरीकोट, परगना मझवार, तहसील एवं जनपद चंदौली में 0.100 हेक्टेयर, चित्रकूट के ग्राम तरौंहा रूरल, परगना एवं तहसील कर्वी में 0.050 हेक्टेयर, बांदा के ग्राम मवई बुजुर्ग तहसील बांदा में 0.770 हेक्टयर और गाजियाबाद के ग्राम नूरनगर परगना लोनी तहसील गाजियाबाद में 0.1000 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गयी है। वहीं महराजगंज में जिला मुख्यालय परिसर में 30 गुणा 50 मीटर, ललितपुर के अंदर हद परगना एवं तहसील ललितपुर में 20 गुणा 30 मीटर, सोनभद्र में 2.0240 हेक्टेयर भूमि ग्राम रोप, तहसील राबट्सगंज परगना बडहर, औरैया के ग्राम ककोर बुर्जुग में 0.093 हेक्टेयर और फिरोजाबाद में कलेक्ट्रेट परिसर में 3500 वर्गमीटर जमीन आवंटित की गयी है। इन सभी कार्यालय के निर्माण से अभियोजन प्रक्रिया में और भी सुधार होगा। इससे अपराधियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई में तेजी आएगी और न्यायालयों में मामलों का समाधान जल्दी होगा। वहीं न्यायिक प्रणाली पर दबाव कम होगा और मामलों का निष्पक्ष तरीके से जल्दी समाधान होगा।

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