उत्तराखंड
उत्तराखंड: धामी सरकार को जल्द UCC का ड्राफ्ट सौंपेगी समिति, जानिए अब तक क्या हुआ
देहरादून। उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित समिति अपनी रिपोर्ट धामी सरकार को फरवरी में सौंप देगी। इसके स्पष्ट संकेत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए हैं। आगामी 2 फरवरी को समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बनाई गई कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है।
UCC के प्रति मुख्यमंत्री धामी की गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने कैबिनेट के साथ दो फरवरी को अयोध्या राम मंदिर के लिए प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया है। ड्राफ्ट कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार इसे विधि, वित्त और न्याय विभाग के पास भेजेगा। ताकि रिपोर्ट के हर पहलू पर विचार किया जा सके और इसके कानूनी पक्ष को समझने के लिए भी समय मिल सके।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल 26 जनवरी को खत्म हो चुका है। सरकार ने समिति का कार्यकाल चौथी बार 15 दिन के लिए बढ़ाया है। हालांकि माना जा रहा है कि दो फरवरी तक समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।
UCC लागू होने पर प्रदेश में होंगे बदलाव
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद काफी बदलाव होंगे। समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद तलाक के सारे धार्मिक तरीके भी अवैध हो जाएंगे। नए कानून के दायरे में तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन भी आएंगे।
यूसीसी लागू होने पर लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के तहत ही लिव इन रिलेशन की जानकारी लड़के और लड़की के माता-पिता को भी दी जाएगी। जानकारी न देने पर सजा का प्रावधान इस कानून के तहत होगा।
माना जा रहा है कि चौथी बार कार्यकाल बढ़ने के बाद समिति जल्द ही रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी। संभवत: दो फरवरी तक रिपोर्ट सरकार के हाथ में होगी। इसको देखते हुए सीएम ने अपने मंत्रिमंडल के साथ अयोध्या यात्रा को रद्द कर दिया है।
UCC के लिए कब क्या हुआ
- 23 मार्च 2022 को धामी 2.0 सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट बैठक में UCC लागू करने का निर्णय लिया गया था।
- 27 मई 2022 को उत्तराखंड समान नागरिकता संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।
- जस्टिस रंजना देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।
- समिति में दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखंड शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल को शामिल किया गया।
- सरकार ने 6 महीने के भीतर क्राफ्ट तैयार करने की समय सीमा तय की थी।
- 2 दिसंबर 2022 को समिति का कार्यकाल पहली बार छह माह के लिए बढ़ाया गया।
- 27 मई 2023 तक ड्राफ्ट का काम पूरा न होने के चलते दूसरी बार सरकार ने समिति के कार्यकाल को अगले 4 महीने 27 सितंबर 2023 तक बढ़ाया गया।
- इसके बाद भी ड्राफ्ट का काम पूरा न होने और समिति के अनुरोध पर यह कार्यकाल अगले 4 महीने के लिए यानी 26 जनवरी तक के लिए फिर से बढ़ाया गया।
- सरकार ने 26 जनवरी तक समिति द्वारा रिपोर्ट न सौंपे जाने पर एक बार 15 दिन के लिए समिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए 15 दिन का कार्यकाल बढ़ा दिया है।
- यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए समिति ने लिए तमाम सुझाव समिति की पहली बैठक 4 जुलाई को आयोजित की गई।
- समिति ने अपने पूरे कार्यकाल में ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 63 बैठक की।
- जनता से सुझाव लेने के लिए समिति ने करीब 20,000 लोगों से मुलाकात कर सुझाव लिए।
- समिति ने अपने गठन के बाद से लेकर मसौदा तैयार करने तक ढाई लाख से अधिक सुझाव ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से प्राप्त किए।
- यूनिफॉर्म सिविल कोड समिति ने इस संबंध में 13 जिलों में लोगों के साथ सीधे संवाद किया।
- विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट के लिए प्रदेश के राजनीतिक दलों से लिए सुझाव।
- ड्राफ्ट तैयार करने के लिए समिति ने विदेशों के कुछ कानूनों का भी अध्ययन किया।
- नई दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों से भी कई मुद्दों पर चर्चा की गई। राजनीतिक दलों से भी संवाद कर राय शुमारी की प्रक्रिया की पूरी की गई।
उत्तराखंड
भक्तों को सभी मौसमों में चार धाम मंदिरों में जाने की अनुमति – सीएम पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा करने के लिए लाखों पर्यटक पहुंचते है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की शीतकालीन तीर्थयात्रा को साल भर चलने वाले आयोजन में बदल दिया है। सीएम धामी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में हमारी डबल इंजन सरकार ने शीतकालीन तीर्थयात्रा शुरू की है। धामी ने कहा कि अब उत्तराखंड में तीर्थयात्रा 6 महीने के बदले पूरे 12 महीने आयोजित की जा रही है। यह कदम राज्य के पर्यटन को बढ़ाने और पूरे साल आध्यात्मिक यात्रा को बढ़ावा देने की व्यापक रणनीति के तहत उठाया गया है।
“भक्तों को सभी मौसमों में चार धाम मंदिरों में जाने की अनुमति”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शीतकालीन तीर्थयात्रा जो पहले ठंडे महीनों तक सीमित थी। अब भक्तों को सभी मौसमों में चार धाम मंदिरों में जाने की अनुमति देती है। सीएम धामी ने कहा कि श्रद्धालुओं को चार धाम की शीतकालीन सीट पर जाकर आध्यात्मिक अनुभव मिल रहा है और साथ ही सर्दियों के मौसम को देखते हुए राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है। इस पहल से न केवल धार्मिक पर्यटन को फायदा होगा बल्कि स्थानीय रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर भी पैदा होंगे।
“तीर्थयात्रा से स्थानीय लोगों को रोजगार के मिल रहे नए अवसर”
सीएम ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस दूरदर्शी पहल से एक ओर जहां राज्य में वर्ष भर यात्राएं संचालित हो रही हैं। वहीं, दूसरी ओर स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं।
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