उत्तराखंड
उत्तराखंडः सीएम के बाद एक और बड़ा बदलाव, मदन कौशिक बने नए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
नई दिल्ली। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है। माना जा रहा है कि ये बड़े बदलाव अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए किए गए हैं।
शुक्रवार को बीजेपी ने बंशीधर भगत को हटाकर हरिद्वार मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने हाईकमान का अभार जताया है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, भारतीय जनता पार्टी द्वारा उत्तराखंड प्रदेश का अध्यक्ष बनाए जाने पर मा. प्रधानमंत्री जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी एवं गृह मंत्री जी का आभार। 2022 मे पुनः उत्तराखंड में भाजपा सरकार बनाने हेतु संकल्पित।
त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में वह शहरी विकास मंत्री भी रह चुके हैं। बता दें कि कौशिक गुरुवार को अचानक दिल्ली पहुंचे थे। यहां उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा, राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम समेत कई केंद्रीय नेताओं से भेंट की थी, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए उनके नाम पर मुहर लगी है।
उत्तराखंड
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी
देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।
UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।
उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?
यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।
किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।
हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।
उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।
एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।
लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।
लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।
-
नेशनल2 days ago
दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से मिली कस्टडी पेरोल, करेंगे चुनाव प्रचार
-
नेशनल2 days ago
दिल्ली के बुराड़ी में चार मंजिला इमारत ढही, 2 की मौत, कई अभी भी मलबे में फंसे
-
नेशनल2 days ago
मल्लिकार्जुन खड़गे पर भड़के हिमंत बिस्वा सरमा, कहा- 2001 में सोनिया गांधी ने खुद कुंभ में स्नान किया था
-
उत्तराखंड3 days ago
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी
-
नेशनल2 days ago
गुरमीत राम रहीम को 12 वीं बार मिली पैरोल, अनुयायियों को दिया ये संदेश
-
खेल-कूद2 days ago
कोहली की 12 साल बाद रणजी में वापसी, अरुण जेटली स्टेडियम में किया अभ्यास
-
राजनीति3 days ago
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: केजरीवाल ने जारी किया मैनिफेस्टो, जानें 15 बड़े ऐलान
-
राजनीति3 days ago
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 : बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा की बढ़ गई मुश्किलें, पंजाबियों को लेकर दिया बड़ा बयान