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उत्तर प्रदेश

साल 2023 में पूर्वांचल का टॉप धार्मिक व टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना वाराणसी

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वाराणसी। योगी सरकार ने काशी के कलेवर को बदलकर उसे विश्व में जो नई पहचान दिलाई है उसका लाभ वाराणसी समेत आसपास के अन्य जिलों को भी मिल रहा है। वाराणसी में आने वाले पर्यटक पड़ोसी जिलों के आध्यात्मिक,धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों को भी पसंद कर रहे है। वर्ष 2023 में पूर्वांचल का टॉप रिलीजियस व टूरिस्ट डेस्टिनेशन  वाराणसी रहा। वही, दूसरे नंबर पर मिर्ज़ापुर का विंध्याचल और तीसरे पायदान पर मिर्ज़ापुर का ही अष्टभुजा मंदिर रहा। इसके अतिरिक्त, संत रविदास नगर (भदोही) में स्थित सीतामढ़ी चौथे नंबर पर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा सोनभद्र पांचवे स्थान पर रहा। भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने बनारस और उसके आस-पास के जिलों की कनेक्टिविटी में इजाफा करने के साथ इन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की विभिन्नय परियोजनाओं पर कार्य किया है जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं और पर्यटक कम समय में ज्यादा से ज्यादा डेस्टिनेशन एक्सप्लोर कर रहे है।

विकास के कार्यों ने बढ़ाया पर्यटकों का रुझान

पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि वाराणसी में हुए विकास के कार्यो, मूलभूत ढांचा में सुधार ,दूसरे शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी ,सुगमता और सुरक्षा ने पर्यटकों की संख्या बढ़ा दी है। वाराणसी के पडोसी जिलों के पर्यटन और धार्मिक स्थलों के विकास के काम ने पर्यटकों का रुझान बढ़ाया है। वाराणसी के आस-पास 100 से 200 किलोमीटर की यात्रा पर्यटकों के लिए काफी आसान हो गई है। वाराणसी आने वाले पर्यटकों को संतरविदास नगर (भदोही ) ,मिर्ज़ापुर ,सोनभद्र के धार्मिक स्थलों,जलप्रपात और प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थल खूब भा रहे है।

वर्ष 2023 में वाराणसी और आसपास के 5 डेस्टिनेशन में कुल पर्यटकों की संख्या

1 – वाराणसी – 8,54,73,633
2 – विंध्याचल -72,97,800
3 -अष्टभुजा –42,35,770
4 -सीतामढ़ी –25,41,080
5 -सोनभद्र–22,26 310

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उत्तर प्रदेश

लंगड़े भेड़िए ने बनाया अपना नया झुंड, डर के साए में जीने को मजबूर लोग

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बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी है। माता-पि‍ता अपनी और अपने बच्चों की जान को लेकर फिक्र मंद हैं। यहां पांचवें भेड़िए के पकड़े जाने के बाद अब बस एक लंगड़ा भेड़िया बचा है। यह छठा भेड़िया लगातार महिलाओं और बच्चों को अपना निशाना बना रहा है।

इस बीच बहराइच में भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी के फार्म हाउस पर की बुधवार शाम चार भेड़ियों का झुंड देखा गया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस झुंड में एक लंगड़ा भेड़िया भी है। माना जा रहा है कि ये वही भेड़िया है जिसकी वन विभाग को तलाश है। हालांकि भेड़ियों के नए झुंड ने लोगों का डर और ज्यादा बढ़ गया है।

भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी ने बताया है कि सिसैया चूरामनि गांव से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर उनके फार्म हाउस पर बुधवार शाम चार भेड़ियों का एक झुंड देखा गया। इनमें से एक भेड़िया लंगड़ा बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने भेड़ियों को घेरना शुरू किया तो वे हमारे मक्के के खेत से होते हुए पड़ोसी के खेत में चले गये। अब संभवतः किसी खेत में ही भेड़िए छिपे हैं। हालांकि, वन अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि इस नये झुंड में आदमखोर भेड़िया शामिल होगा। अधिकारी ने कहा कि भेड़ियों का ये झुंड अगर नरभक्षी नहीं है, फिर भी इसे पकड़ने की कवायद हुई तो इसके सदस्य भेड़िये भी बदले की भावना से इंसानों पर हमलावर हो सकते हैंर और ज्यादा बढ़ा दिया है।

बहराइच के महसी तहसील अंतर्गत घाघरा नदी के कछार में स्थित 50 गांवों के हजारों लोग भेड़ियों के हमलों से दहशत में हैं। यहां आदमखोर भेड़ियों ने इस साल मार्च में सबसे पहले एक बच्चे पर हमला कर दिया था, लेक‍िन जुलाई के बाद से भेड़ियों का हमला बढ़ता जा रहा है। ये भेड़िये अक्सर घरों में सो रहे बच्चों को निशाना बनाते हैं। डेढ़ महीने में भेड़ियों का झुंड महिलाओं और बच्चों समेत दस लोगों की जान ले चुका है. इसके अलावा भेड़ियों ने 35 लोगों को घायल कर द‍िया है।

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