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प्रादेशिक

बाबा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह से लेकर शिखर तक सफाई का काम जोरों पर

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लखनऊ। बाबा विश्वनाथ के स्वर्ण शिखर की आभा को बढ़ाने का काम योगी सरकार कर रही है। स्वर्ण शिखर के पुरातन स्वरूप को संरक्षित करते हुए उसकी साफ-सफाई का काम किया जा रहा है। साथ बाहरी दीवारों की चमकाने का काम जोरों पर है। प्रशासन मंदिर के गर्भगृह से लेकर शिखर तक स्वरूप को वैभवशाली बनाने में जुटा हुआ है।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर महाराजा रणजीत सिंह ने स्वर्ण मढ़वाया था। स्वर्ण शिखर का आभामंडल श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। स्वर्ण शिखर पर समय के साथ कुछ काले धब्बे आ गए थे, लेकिन पूर्व की सरकारों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब स्वर्ण शिखर और बाहरी दीवार को उनके पुराने स्वरूप में बरकार रखते हुए चमक को बढ़ाने का काम जोर-शोर से किया जा रहा है।
गौरतलब है कि अहिल्याबाई होल्कर ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का पुनरुद्धार करवाया था और लगभग 352 वर्ष के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे पुनः करवा रहे हैं। यह नए भारत की पहचान बनने जा रहा है।

वाराणसी के मंडलायुक्त व काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने बताया कि कुछ साल पहले बाहरी दीवार को पेंट कर दिया गया था, जिससे उसकी वास्तविक छवि छिप गई थी। अब बिना किसी छेड़छाड़ के उस पेंट को बाहरी दीवार से हटाया गया है ताकि दीवारों के पत्थरों का रंग उभरकर सामने आ सके। वहीं स्वर्ण शिखर पर कुछ काले धब्बे आ गए थे, जिसे बिना कोई बदलाव किए विशेषज्ञों की मदद से हटाया गया है।

इस साफ-सफाई से बाबा विश्वनाथ की छवि निखरकर सामने आ रही है, जो श्रद्धालुओं के लिए सुखद अनुभूति है। श्री काशी विश्वनाथ धाम का प्रधानमंत्री ने आठ मार्च 2019 को शिलान्यास किया था, जिसकी आभा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निखर के दिखने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसम्बर को वाराणसी की संभावित यात्रा में श्री काशी विश्वनाथ धाम श्रद्धालुओं को समर्पित करेंगे।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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