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मनोरंजन

दिग्गज एक्ट्रेस उत्तरा बावकर का निधन, 79 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

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मुंबई। दिग्गज फिल्म और टीवी एक्ट्रेस उत्तरा बावकर का 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इस बात की जानकारी दिवंगत एक्ट्रेस के परिवार से जुड़े सूत्रों ने दी। परिवार के मुताबिक लंबी बीमारी के चलते उत्तरा ने मंगलवार को पुणे के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली और बुधवार को दिवंगत एक्ट्रेस का अंतिम संस्कार किया गया।

उत्तरा बावकर ने मृणाल सेन की एक दिन अचानक में एक प्रोफेसर की पत्नी के रूप में जबरदस्त काम किया, जो आज भी याद किया जाता है। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग रोल एक्ट्रेस का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। गोविंद निहलानी की तमस और रुक्मावती की हवेली में उनके काम के लिए भी उनकी सराहना की गई।

उत्तरा बावकर ने एनएसडी में इब्राहिम अल्काज़ी के अंडर में ट्रेनिंग ली थी। उमराव जान जैसे नाटकों में उनकी पावरहाउस परफॉर्मेंस के लिए वो जाने जाते थे। वह एक आकाशवाणी नाटक कलाकार भी थीं। उत्तरा उड़ान, अंतराल, एक्स ज़ोन, रिश्ते कोरा कागज़, नज़राना, जस्सी जैसी कोई नहीं, कशमकश ज़िंदगी की और जब लव हुआ जैसे लोकप्रिय टीवी शो में नज़र आ चुकी हैं।

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मनोरंजन

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बताया कमजोर

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मुंबई। मंडी सांसद व बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है. कंगना रनौत का कहना है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री को बहुत मजबूत महिला मानती थीं, लेकिन गहन अध्ययन के बाद अब उनका मानना है कि वह तो कमजोर थीं. उन्हें खुद पर ही यकीन नहीं था.

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी से सांसद कंगना रनौत अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आज कोई भी निर्देशक उनके लायक नहीं है. कंगना ने चर्चित फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि ‘मैं बहुत गर्व के साथ कह रही हूं कि आज फिल्म इंडस्ट्री में एक भी ऐसा निर्देशक नहीं है, जिसके साथ मैं काम करना चाहूं, क्योंकि उनमें वो बात ही नहीं है कि मैं उनके साथ काम करने के लिए राजी हो सकूं.

कंगना ने तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा 1975 में लगाए गए 21 महीने के आपातकाल को दर्शाने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ का निर्देशन और निर्माण किया है. उन्होंने कहा कि वह इंदिरा गांधी से समानुभूति रखती हैं, जब तक उन्होंने इस फिल्म पर काम शुरू नहीं किया था, तब तक वह उन्हें बहुत मजबूत मानती थीं, लेकिन जब मैंने अध्ययन किया तो मुझे समझ में आया कि वह इसके बिल्कुल विपरीत थीं. इससे मेरा यह विश्वास और मजबूत हुआ कि आप जितने कमजोर होते हैं, उतना ही अधिक नियंत्रण चाहते हैं. वह एक बहुत कमजोर व्यक्ति थीं. उन्हें खुद पर यकीन नहीं था. वह वास्तव में कमजोर थीं.

कंगना रनौत ने कहा, कि उनके आसपास बहुत सी बैसाखियां थीं. वह लगातार किसी न किसी तरह खुद को सही ठहराना चाहती थीं. वह कई लोगों पर बहुत अधिक निर्भर थीं, उनमें से एक संजय गांधी भी थे. एक्ट्रेस ने कहा कि उन्होंने अपनी फिल्म में इंदिरा गांधी और आपातकाल के चित्रण को लेकर अपनी तरफ से कोई बदलाव नहीं किया है.

 

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