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लाइफ स्टाइल

ब्लड शुगर कंट्रोल करने से लेकर हड्डियों को मजबूत बनाने तक, अखरोट खाने के हैं फायदे हजार

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Walnut Milk Benefits

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नई दिल्ली। ड्राई फ्रूट्स हमारी सेहत के लिए काफी गुणकारी होते हैं। कई पोषक तत्वों से भरपूर होने की वजह से यह सेहत को कई तरह से फायदे पहुंचाते हैं। अखरोट इन्हीं ड्राई फ्रूट्स में से एक है, जो अपने ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ के लिए जाने जाते हैं। कुछ लोग इसे स्नैक्स के तौर पर खाते हैं, तो वहीं कुछ अपने दिन की शुरुआत मुट्ठी भर भीगे हुए अखरोट के साथ करते हैं। हालांकि, आप इसका दूध बनाकर भी पी सकते हैं।

अखरोट का दूध भी बेहद स्वास्थ्यवर्धक साबित होता है। हम सभी ने आमतौर पर बादाम के दूध के बारे में सुना होगा, लेकिन अखरोट का दूध भी कई मायनों में आपके लिए लाभकारी होता है। यह आपको ताकत देता है, हड्डियों और यहां तक ​​कि ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है। अखरोट का दूध एक प्लांट-बेस्ड दूध का विकल्प है, जो अखरोट और पानी से बनाया जाता है।

आइए जानते हैं इसके कुछ फायदे

ब्लड शुगर कंट्रोल करे

वॉल्नट मिल्क फाइबर से भरपूर होता है और कम ग्लाइसेमिक वाला फूड होता है। यही वजह है कि यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सबसे अच्छे फूड आइटम्स में से एक है। ऐसे में अपने दिन की हेल्दी शुरुआत के लिए दूध में अखरोट एक बढ़िया विकल्प है।

हड्डियां बनाए मजबूत

अखरोट के दूध में कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल की भारी मात्रा पाई जाती है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए बेहद जरूरी है। ऐसे में अखरोट के दूध को अपनी डाइट में शामिल कर हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलेगी और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों को रोकने में मदद मिल सकती है।

पाचन स्वास्थ्य बेहतर करे

इस दूध में मौजूद फाइबर का हाई कंटेंट मल त्याग में सहायता करता है, कब्ज से राहत देता है और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है। डाइटरी फाइबर आंत को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

दिल को बनाए सेहतमंद

अखरोट में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड डार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में सहायक होता है। अखरोट के दूध को डाइट में शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और ब्लड वेसल्स के कार्य में सुधार कर दिल को सेहतमंद बनाने में मदद करता है।

पोषक तत्वों से भरपूर

अखरोट का दूध साबुत अखरोट में पाए जाने वाले कई पोषक तत्वों को बरकरार रखता है, जिनमें ओमेगा -3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल शामिल हैं। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, विशेष रूप से, हार्ट हेल्थ और मस्तिष्क के कार्य के लिए फायदेमंद होते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

अखरोट में पॉलीफेनॉल और विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचाने में मदद करते हैं। साथ ही यह सेल डैमेज का कारण बनने वाले फ्री रेडिकल्स से भी बचाता है।

 

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लाइफ स्टाइल

स्वस्थ रखने का अच्छा व आसान उपाय है टहलना, कई बीमारियों से करेगा बचाव

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Walking is a good and easy way to keep healthy

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नई दिल्ली। वर्तमान समय में गलत खानपान, अनियमित जीवनशैली व शारीरिक श्रम से दूरी कई गंभीर बीमारियों को न्योता दे रही है। आज जैसी आरामपसंद जीवनशैली में टहलना खुद को स्वस्थ रखने का एक अच्छा व आसान उपाय है।

कहते हैं कि यदि दौड़ न सकें तो चलें। चल न सकें, तो खड़े हो जाएं और खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं तो अपने शरीर को बस सक्रिय रखकर स्वास्थ्य लाभ पा सकते हैं।

जर्नल आफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक शोध के मुताबिक, यदि आप कदमों की एक निश्चित संख्या को सतत बनाए रखते हुए प्रतिदिन टहलते हैं तो डिमेंशिया, कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं।

तेजी से टहलना रखता है चुस्त

यदि आप सामान्य रूप से टहलते हैं तो इस दौरान आमतौर पर लोग किसी से आराम से बात करते हुए चलते हैं। पर इससे थोड़ा और तेज चलें तो आप बस बात को समझकर हां या ना में जवाब भर दे सकते हैं।

वहीं, जब आप इन दोनों तरीके से अलग और तेज चलते हैं तो इसे ब्रिस्क वाक कहते हैं। यह सामान्य गति से चलने और दौड़ने के बीच की स्थिति होती है। तेज गति से टहलना एक शानदार कसरत है। यदि आप हर दिन एक घंटे तक ब्रिस्क वाक करें तो यह हृदय की कार्यप्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है। हालांकि जितना लंबा चलें, उतना अच्छा।

तनाव न लें, इसे आनंददायक बनाएं

हर उम्र और वर्ग के लोगों को टहलने के लिए प्रेरित करना चाहिए पर ऐसा न हो कि आपने टहलना शुरू किया और जब यह किसी कारण वश रुक गया तो आप परेशान हो जाएं। इससे कई लोग टहलना भी छोड़ देते हैं।

गैजेट की मदद से जानना कि कितने कदम चले, कितने घंटे चले, यह सब अच्छा है। यह उत्साह भी ठीक है, लेकिन टहलने को आनंददायक बना लें, तो इससे आपको लाभ अधिक मिलेंगे। यह एक मजेदार चीज है। आप दिन भर खुश और ऊर्जावान महसूस करेंगे। आप इसकी मदद से अपना स्वाथ्य बेहतर कर रहे हैं, इसलिए तनाव के बजाय सहजता से आगे बढ़ें।

इन बातों का रखें ध्यान

आपके जूते आरामदायक हों। मधुमेह के मरीज हैं, तो संक्रमण का कारण बन सकता है अनफिट जूता।

कपड़े मौसम के अनुकूल होने चाहिए।

सर्दी में शरीर को अच्छी तरह ढककर चलें। गुनगुनी धूप में टहलें।

सुरक्षित और साफ-सुथरे वातावरण में टहलें।

टहलते समय अपना पेट बिल्कुल टाइट रखें। कमर सीधी रहे और आगे की ओर न झुकें।

खाने के बाद हल्की चहलकदमी करें। इससे पाचन में मदद मिलेगी।

उम्र का ध्यान रखें, अपनी क्षमता को जानें।

टहलने से तन मन रहता है चुस्त

नींद अच्छी आती है। पाचन तंत्र सही रहता है।

मोटापा, मधुमेह, कैंसर, डिमेंशिया आदि से दूर रहने में मदद मिलती है।

नाड़ी को नियंत्रित करता है। रक्तचाप को नियंत्रित कर हृदय की कार्यक्षमता में सुधार लाता है।

वजन पर नियंत्रण रहता है।

सहनशक्ति बढ़ती है। नकारात्मकता दूर होने से खुशी और उत्साह से भरे होते हैं आप।

मेनोपाज के कारण महिलाओं में वजन बढ़ने, चिड़चिड़ेपन आदि जैसी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

30 मिनट कम से कम प्रतिदिन चलना चाहिए

10 प्रतिशत तक कम कर देता है हृदय रोग व कैंसर का जोखिम प्रत्येक 2000 कदम।

10,000 कदम प्रतिदिन चलना डिमेंशिया का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम कर देता है।

35 प्रतिशत तक मौत के खतरे को कम कर सकते हैं तेजी से टहल कर।

25 प्रतिशत तक कैंसर और हृदय रोग के खतरे को कम कर सकते हैं ब्रिस्क वॉक से।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य से है न कि कोई चिकित्सकीय सलाह। अपनाने से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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