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आध्यात्म

कब है पद्मिनी एकादशी व्रत, जानें तारीख; शुभ मुहूर्त व पूजा विधि  

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Padmini Ekadashi 2023

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नई दिल्ली। सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी मनाई जाती है। इस बार पद्मिनी एकादशी का व्रत अधिक मास में रखा जाएगा। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है साथ ही पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है।

पद्मिनी एकादशी व्रत तारीख

पद्मिनी एकादशी तिथि का आरंभ 28 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से आरंभ होगी और 29 जुलाई को रात के समय 1 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। ऐसे में पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई को रखा जाएगा। वहीं, 30 तारीख को सुबह सूर्योदय से 2 घंटे के अंदर अंदर एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा।

पद्मिनी एकादशी पूजा विधि

पद्मिनी एकादशी के दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करनी चाहिए।पद्मिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इससके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा में पीले रंग के फूल, धूप, दीप, अक्षत, चंदन और दूर्वा अर्पित करें।

साथ ही इस दिन पद्मिनी एकादशी की कथा पढ़ें और विष्णु चालीसा का पाठ करें और अंत में विष्णु चालीसा का पाठ जरूर करें। इस दिन पूरे दिन व्रत करें और शाम के समय फलाहार करें। अगले दिन व्रत खोलें।

पद्मिनी एकादशी महत्व

मान्यताओं के अनुसार, पद्मिनी एकादशी का व्रत जो व्यक्ति रखता है वह इस जीवन में हर तरह के सुख भोग कर भगवान विष्णु के धाम को प्राप्त करता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस व्रत को रखने से यज्ञ, तप और दान का महत्व है। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं व्रत को नियम और संयम के साथ पालन करें।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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