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आध्यात्म

कब है रमा एकादशी व्रत? यहां जानें तारीख, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

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Rama Ekadashi 2023

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नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो इस व्रत को रखता है उसे ब्रह्महत्या सहित कई पापों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं कब रखा जाएगा रमा एकादशी का व्रत?

रमा एकादशी व्रत तारीख

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। एकादशी तिथि के आरंभ सुबह 8 बजकर 23 मिनट पर होगा और 9 नवंबर को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी।

दरअसल, एकादशी उदया तिथि में होने के कारण रमा एकादशी का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। इसी के साथ व्रत का पारण 10 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से लेकर 8 बजकर 50 मिनट के बीच करना शुभ रहने वाला है।

रमा एकादशी व्रत पूजा विधि

रमा एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा मंदिर में स्थापित करें। यदि आपके पास पहले से ही प्रतिमा है तो भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक कराएं।

व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करें।

भगवान विष्णु को धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प अर्पित करें।

इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें साथ ही रमा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें।

अंत में ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।

रमा एकादशी व्रत का लाभ

पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति रमा एकादशी का व्रत करता है। उससे भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। साथ ही रमा एकादशी के व्रत रखने से व्यक्ति को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दुन माता लक्ष्मी की पूजा करने का भी विधान है

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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