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उत्तर प्रदेश

फिर गहराया बाढ़ का संकट तो राहत कार्यों को लेकर सख्त दिखे सीएम योगी के तेवर

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लखनऊ| पिछले तीन दिन से पहाड़ों और प्रदेश में झमाझम बारिश से सूबे में एक बार फिर बाढ़ का संकट गहराने लगा है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में राहत कार्यों में लापरवाही न बरतने के निर्देश दिये। इसके साथ ही पूरी ताकत से सरकारी मशीनरी को बाढ़ प्रभावित इलाकों में पीड़ितों की हर संभव मदद के निर्देश दिये हैं। साथ ही राहत सामग्री किट की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न करने के आदेश दिये हैं। राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार 5 अगस्त को जहां प्रदेश के 7 जिल ही बाढ़ से प्रभावित थे, वहीं तीन दिन में झमाझम बारिश से इनकी संख्या 12 हो गयी है। ऐसे में बाढ़ को देखते हुए इन सभी जिलों में राहत कार्य तेज कर दिये गये हैं। साथ ही बाढ़ चौकियों से पल-पल की निगरानी की जा रही है।

फर्रुखाबाद, बलिया और बिजनौर समेत प्रदेश के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि पिछले कई दिनों की बारिश से प्रदेश के 12 जनपदों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। इनमें फर्रुखाबाद, बलिया, बिजनौर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, वाराणसी, सीतापुर, बांदा, बुलंदशहर, प्रयागराज और लखीमपुर खीरी शामिल हैं। ऐसे में यहां पर राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि फर्रुखाबाद में गंगा नदी के बढ़े जल स्तर की वजह से 3 तहसील के 34 गांव प्रभावित हैं। इसमें से 1 गांव में कटान हो रहा है और 1 गांवों का संपर्क मार्ग कटा हुआ है। वर्तमान में जल भराव के कारण 19504 लोग प्रभावित हैं। बाढ़ से निपटने के लिए 38 नावों एवं 1 मोटर बोट लगाई गई है। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 18 है जबकि 24 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। इनमें 38 व्यक्ति रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 50 लंच पैकेट एवं 611 खा‌द्यान्न सामग्री बांटी गयी। इसके साथ ही रेस्क्यू कार्य के लिए पीएसी की 1 टीम तैनात है। इसी तरह बलिया में सरयू और गंगा नदी के बढ़े जल स्तर की वजह से 2 तहसील के 4 गांव प्रभावित हैं। सभी 1 गांव में कटान हो रहा है। वर्तमान में जल भराव के कारण 607 लोग प्रभावित हैं। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 202 है जबकि 71 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं, जिनमें से दो संचालित हैं। इनमें 50 व्यक्ति रह रहे हैं। यहां शुक्रवार को 100 लंच पैकेट बांटे गये। बिजनौर में गंगा नदी के बढ़े जल स्तर की वजह से 1 तहसील के 18 गांव की कृषि प्रभावित है। यहां आबादी प्रभावित नहीं है। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 37 है जबकि 35 बाढ़ शरणालय संचालित हैं। इसके साथ ही रेस्क्यू कार्य के लिए पीएसी और एनडीआरएफ की 1 टीम तैनात है। बाराबंकी की 1 तहसील के 2 गांव प्रभावित हैं, जिसमें से 1 गांव में कटान हो रहा है। बाढ़ की वजह से 635 लोग प्रभावित हैं। यहां पर 15 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं, जिनमें से एक संचालित है। बाढ़ से निपटने के लिए 4 नाव और 1 मोटर बोट लगाई गई है जबकि प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 259 है। इसके अलावा शुक्रवार को 1000 लंच पैकेट बांटे गये है। वहीं रेस्क्यू के लिए पीएसी की 1 टीम तैनात है।

वाराणसी में बाढ़ की चपेट में आए शहरी इलाके, पल-पल की हो रही निगरानी

राहत आयुक्त ने बताया कि गोंडा में घाघरा नदी से 2 तहसील के 15 गांव प्रभावित हैं, जिससे 7152 जनसंख्या प्रभावित है। यहां 31 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं जबकि 2 संचालित हैं। यहां राहत कार्यों के लिए 57 नावें लगायी गई हैं जबकि प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 92 है। वर्तमान में एसडीआरएफ और पीएसी की 1 टीम तैनात है। इसी तरह वाराणसी में गंगा नदी की वजह से 1 तहसील के 2 वार्ड की 54 शहरी जनसंख्या प्रभावित है। यहां 46 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं, जिसमें से 2 संचालित हैं। इनमें 54 व्यक्ति रह रहे हैं। यहां शुक्रवार को 330 लंच पैकेट बांटे गये है। वर्तमान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की 1-1 टीम तैनात है। बस्ती की 1 तहसील के 3 गांव की 950 जनसंख्या प्रभावित है। राहत कार्यों के लिए 13 नाव एवं 2 मोटर बोट लगाई गई है। यहां 3 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 62 है। सीतापुर में बाढ़ की वजह से 1 तहसील के 1 गांव में कटान हो रहा है। यहां 17 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। यहां राहत कार्यों में 74 नाव और 3 मोटर बोट लगाई गई है। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 18 है। वर्तमान में पीएसी की 1 टीम तैनात है। बांदा में केन नदी का जलस्तर बढ़ने से 1 तहसील के 2 गांवों के संपर्क मार्ग कट गये हैं। फिलहाल जल स्तर कम हो रहा है। यहां 47 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। यहां राहत कार्यों के लिए 5 नाव और 1 मोटर बोट लगाई गई है। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 218 है।

प्रयागराज में प्रिपोजिशन्ड की गईं एक हजार नावें

बुलंदशहर में गंगा नदी के कारण 1 तहसील के 2 गांव की कृषि का कटान हो रहा है। यहां अभी तक आबादी प्रभावित नहीं है। यहां 16 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। वहीं प्रिपोजिशन्ड नावों की संख्या 65 है। वर्तमान में पीएसी की 1 टीम तैनात है। प्रयागराज में 1 तहसील के 4 गांव का संपर्क मार्ग बाधित है। आवागमन के लिये 6 नावें लगाई गई हैं। यहां पर 100 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। वहीं प्रिपोजिसंड नावों की संख्या 1000 है। वर्तमान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की एक-एक और पीएसी की 2 टीम तैनात की गई है। यहां 9 घोड़े जलभराव में फंस गये थे, जिन्हे एनडीआरएफ द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। लखीमपुर खीरी में शारदा नदी के कारण 1 तहसील के 1 गांव में कटान हो रहा है, यहां बाढ़ से कोई आबादी प्रभावित नहीं है। यहां 14 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। वहीं राहत कार्य के लिए 16 नाव लगाई गई है। वर्तमान में एनडीआरएफ की 1 टीम एवं पीएसी की 1 टीम तैनात है।

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उत्तर प्रदेश

मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडे ने संगम में में लगाई डुबकी, कहा- सभी पाप धुल गए

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प्रयागराज। मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडे ने मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम में पवित्र स्नान किया। पूनम ने कहा कि गंगा में डुबकी लगाने से उनके सभी पाप धुल गए। महाकुंभ में शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालु कई किलोमीटर पैदल सफर तय कर रहे हैं, लेकिन पूनम पांडे ने संगम तट तक पहुंचने के लिए स्कूटी की सवारी की। उन्होंने भीड़ के नज़ारे को अपने फैंस के साथ साझा किया और वहां के माहौल का अनुभव बताया।

मौनी आमवस्या की रात प्रयागराज में संगम नोज पर भगदड़ को लेकर भी पूनम पांडे ने दुख व्यक्त किया है। पूनम पांडे ने भी मौनी आमवस्या के दिन ही स्नान किया। उन्होंने अपनी स्टोरी में कहा- मौनी आमवस्या के दिन जो हादसा हुआ वो बहुत दुखद है. फिर भी लोग यहां मौजूद है, पहले की तरह ही भीड़ है। शक्ति कम हो जानी चाहिए पर श्रद्धा कम नहीं होनी चाहिए।

आपको बता दें कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में अब तक कई सेलिब्रिटीज पहुंच चुके हैं। इनमें हेमा मालिनी, अनुपम खेर, ममता कुलकर्णी, गुरु रंधावा, शंकर महादेवन, रेमो डिसूजा, कैलाश खेर, मिलिंद सोमन जैसे नाम प्रमुख हैं।

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