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उत्तर प्रदेश

मुख्तार अंसारी मिलेगी राहत या सज़ा? 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में फैसला आज

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Awadhesh Rai murder case: Mukhtar Ansari sentenced to life imprisonment and one lakh fine

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वाराणसी। बांदा जेल में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी समेत अन्य के खिलाफ लंबित 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में फैसला आज पांच जून को आ सकता है। इस प्रकरण में अभियोजन और बचाव पक्ष के 12 गवाहों का बयान और अंतिम बहस पूरी हो चुकी है। वादी पक्ष की ओर से लिखित बहस दाखिल की जा चुकी है। सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने पर अदालत ने उक्त मुकदमे में फैसले के लिए पांच जून की तिथि मुकर्रर की थी।

विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में लंबित मुकदमे में पिछली सुनवाई पर मुख्य आरोपित पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने 41 पृष्ठ में अपनी लिखित बहस अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था। बचाव पक्ष ने अपनी लिखित बहस में वादी मुकदमा, एक अन्य गवाह व विवेचक द्वारा घटना का समय बताने को लेकर अभियोजन के दावे पर प्रश्न खड़ा किया था।

वहीं बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने अपने वकील के जरिए अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। 19 मई को जेल में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का सीसीटीवी फुटेज तलब करने का अदालत से आग्रह किया है। अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि जेल अब मेरे लिए सुरक्षित नहीं है। मेरे साथ कुछ भी हो सकता है।

वाराणसी और प्रयागराज में हुई मुकदमे की सुनवाई

विदित हो कि वाराणसी के लहुराबीर क्षेत्र में तीन अगस्त 1991 को पूर्व विधायक अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अजय राय ने इस हत्याकांड को लेकर मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

मुख्तार अंसारी के खिलाफ स्थानीय अदालत में तो राकेश न्यायिक के खिलाफ इलाहाबाद जिला न्यायालय में सुनवाई चल रही है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व कमलेश सिंह की मौत हो चुकी है। इस प्रकरण की सुनवाई सबसे पहले वाराणसी की ही एडीजे कोर्ट में चल रही थी। 23 नवंबर 2007 को मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही अदालत के चंद कदम दूर ही बम ब्लास्ट हो गया।

एक आरोपी राकेश न्यायिक ने सुरक्षा को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली और काफी समय तक सुनवाई पर रोक लगी रही। इसके बाद मामले को प्रयागराज जिला अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। वाराणसी में एमपी/एमएलए की विशेष कोर्ट के गठन होने पर मुकदमे की सुनवाई यहां शुरू हुई।

राकेश न्यायिक की पत्रावली अभी भी प्रयागराज में ही लंबित है। बीते एक साल में मुख्तार अंसारी को चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें गैंगस्टर व अन्य मामले हैं। मुख्तार के खिलाफ हत्या का यह पहला मामला है जो फैसले के करीब है।

कड़ी की गई कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था

मुख्तार अंसारी के खिलाफ लंबित मुकदमे के आने वाले फैसले के मद्देनजर वाराणसी कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। तीन थानों की फोर्स को तैनात किया गया है। शहर में भी सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं।

पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन के अनुसार कचहरी परिसर से लेकर पूरे शहर में सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्था की गई है। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। थानेदारों को उनके क्षेत्रों में गश्त करने का निर्देश दिया गया है।

उत्तर प्रदेश

सिद्धांतविहीन राजनीति को मौत का फंदा मानते थे अटल जीः सीएम योगी

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी की स्मृतियां न केवल लखनऊ बल्कि समूचे भारतवासियों के लिए नई जीवंतता का प्रमाण है। अटल जी देश में सुशासन के मॉडल और सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी राजनीति के प्रतीक माने जाते हैं। उनका छह दशकों का राजनीतिक जीवन शुचिता, पारदर्शिता व ईमानदारी का प्रतीक माना जाता है। अटल जी की बातें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वे कहते थे कि सिद्धांतविहीन राजनीति मौत का फंदा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी जी के शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘अटल गीत गंगा’ कार्यक्रम में शिरकत की। अतिथियों ने अटल बिहारी फाउंडेशन की स्मारिका का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने एकल काव्य पाठ किया।

मूल्यों व सिद्धांतों के साथ छह दशक तक एक ही विचारधारा को लेकर चले अटल जी

सीएम ने कहा कि अटल जी मूल्यों व सिद्धांतों के साथ छह दशक तक एक राजनीतिक विचारधारा को लेकर चले। पक्ष-विपक्ष की चिंता किए बिना देश व समाज के मूल्यों को लेकर कार्य किया। आने वाले समय के लिए मर्यादाओं का पालन हो, इसके लिए खरीद-फरोख्त की राजनीति से अलग रहते हुए सत्ता की परवाह किए बिना भावी पीढ़ी के लिए अटल जी ने जो मानक व आदर्श प्रस्तुत करने का गौरव प्रदान किया था, वह भारतीय राजनीति के लिए मार्गदर्शक है।

अटल जी ने वर्तमान पीढ़ी को ‘लक्ष्मण रेखाओं’ के साथ चलने की दी थी प्रेरणा

सीएम ने कहा कि शहरी हो या ग्रामीण विकास, अंत्योदय की परिकल्पना हो या देश के नौजवानों के लिए रोजगार सृजन के माध्यम, भारत की गरिमा-गौरव की रक्षा हो या सुरक्षा के मॉडल, यह सब अटल जी ने दिए। कवि, पत्रकार, राष्ट्रवादी विचारक, भारत मां के सच्चे सपूत होने के कारण सच्चे-संवेदनशील महामानव के रूप में अटल जी के प्रति हर दल, व्यक्ति, भारतवासी श्रद्धा व सम्मान का भाव रखता है। अटल जी ने कहा था- मेरे प्रभु, मुझे इतनी ऊंचाई कभी न देना, गैरों को गले न लगा सकूं, इतनी रुखाई कभी मत देना। उन्होंने वर्तमान पीढ़ी को ‘लक्ष्मण रेखाओं’ के साथ चलने की प्रेरणा भी दी थी।

विपरीत मौसम में भी सुबह से आयोजनों के जरिए जीवंत हो रहीं अटल जी की स्मृतियां

सीएम योगी ने कहा कि अटल बिहारी फाउंडेशन प्रतिवर्ष दो बड़े आयोजन करता है। विपरीत मौसम में भी केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आज सुबह 25-30 हजार साथियों के साथ युवा कुम्भ में जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ, वे सभी अटल जी की स्मृतियों को जीवंत कर रहे थे। अटल स्वास्थ्य मेला के जरिए 2019 से 2023 तक 50 हजार से अधिक लखनऊवासी लाभान्वित हुए, जिन्हें निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श, उपचार, दिव्यांगजनों को उपकरण का लाभ मिला। इस वर्ष भी यह मेला कल तक चलेगा। अब यहां इस आयोजन से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। वहीं प्रदेश के हर जनपद में सुशासन पर निबंध लेखन, भाषण, गोष्ठियां हो रही हैं तो नवोदित कवियों के लिए मंच लगा है, जिसमें वे अटल जी की कविताओं का काव्य पाठ कर सकते हैं। प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बुधवार को पुरस्कृत किया जाएगा।

कार्यक्रम संयोजक उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, अमरपाल मौर्य, संजय सेठ, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक योगेश शुक्ल, नीरज बोरा, सुरेंद्र मैथानी, मनीष रावत, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, रामचंद्र प्रधान, इंजी. अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, उमेश द्विवेदी, संतोष सिंह आदि मौजूद रहे।

रक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री ने किया सम्मानरक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री ने गंगाधर प्रसाद तिवारी, पवन अग्रवाल, सतीश कुमार रस्तोगी, गणेश प्रसाद वर्मा, हनुमंत सिंह, अनीता अग्रवाल, आरपी त्रिपाठी को अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न व पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।

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