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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने 4 हफ़्तों में लिए ये 40 बड़े फैसले, सत्ता में आते ही एक्शन मोड में योगी

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उत्तर प्रदेश की सत्ता को दोबारा संभालने वाले योगी आदित्यनाथ को सीएम बने एक महीना हो गया है। 4 हफ्ते में उनकी ओर से लिए गये ताबड़तोड़ 40 फैसले यूपी के विकास की नई कहानी अपने आप कह रहे हैं। उनकी दूरदर्शिता और दृढ़इच्छा शक्ति रंग ला रही है। सरकार बनते ही मुफ्त राशन योजना को 03 महीने बढ़ाने के फैसले ने सीएम योगी के गरीबों के प्रति सेवा और समर्पण भाव को दिखाया है। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोलने के प्रयास और पहली बार होमगार्ड जवानों का स्वास्थ्य बीमा कराने का फैसला भी योगी सरकार की ओर से इन 30 दिनों में ही लिया गया। योगी सरकार के 4 हफ्ते में 40 बड़े फैसले किए गए हैं।

योगी सरकार के 4 हफ्ते, 40 फैसले

फैसला नंबर 1- मुफ्त राशन योजना को तीन महीने बढ़ाया, 15 करोड़ लोगों को राशन आगे भी मिलता रहेगा।

फैसला नंबर 2- योगी सरकार सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्धता कराने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 7 मिनट का रिस्पांस टाइम सुनिश्चित करने के निर्देश।

फैसला नंबर 3- दो वर्ष के अंदर 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश लक्ष्य के साथ फिर होगी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, 100 दिन में तीसरी ग्राउंड ब्रेंकिंग सेरेमनी, औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में यूपी सरकार।

फैसल नंबर 4- भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में डीएम सोनभद्र और एसएसपी गाजियाबाद सस्पेंड।

फैसला नंबर 5-सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस बल के लिए 86 राजपत्रित और 5295 अराजपत्रित नए पदों को शासन की मंजूरी मिली।

फैसला नंबर 6- पिछले 20 दिनों में 200 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति ध्वस्त या जब्त की गई है, जिसमें 25 माफिया डीजीपी ऑफिस और 8 शासन की तरफ से चिन्हित किए गए थे।

फैसला नंबर 7- मुख्यमंत्री ने नवरात्र पर्व के पहले दिन से महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस विभाग को विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए। एंटी रोमियो स्क्याड वापस शुरु किया गया।

फैसला नंबर 8- मुख्यमंत्री आवास पर जनता दर्शन की वापस शुरुआत की। हर दिन सरकार के एक मंत्री की मौजूदगी में जन समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिए।

फैसला नंबर 9- मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर में दौरा कर विभिन्न योजनाओं से जुड़ी समीक्षा बैठकें की।

फैसला नंबर 10- योगी सरकार ने श्रावस्ती जनपद से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की, कम साक्षरता वाले जिलों पर विशेष फोकस किया।

फैसला नंबर 11- लापरवाही और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए डीएम औरैया सुनील वर्मा को सस्पेंड किया गया।

फैसला नंबर 12- पेपर लीक होने के आरोप में बलिया के DIOS को सस्पेंड व अरेस्ट किया गया।

फैसला नंबर 13- पिछले 20 दिनों में 100 से ज्यादा अपराधियों और माफियाओं पर गरजा बुल्डोजर।

फैसला नंबर 14- मुख्यमंत्री योगी ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागों की 100 दिन की कार्ययोजना तैयार कर काम करने के निर्देश दिए हैं।

फैसला नंबर 15- योगी सरकार ने युवाओं को हाथों में 9.74 लाख टैबलेट और स्मार्टफोन देने की कार्रवाई शुरु की।

फैसला नंबर 16- योगी सरकार ने दो अप्रैल को प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की।

फैसला नंबर 17- अब यूपी में होमगार्ड के 20 प्रतिशत पदों पर होगी महिलाओं की भर्ती, 100 दिन में शुरु होगी प्रक्रिया।

फैसला नंबर 18- एक महीने में अगले 3 महीने , 6 महीने और 5 साल का खाका कराया तैयार।

फैसला नंबर 19- भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कई आईएएस अधिकारियों के तबादले तो कई अधिकारियों को वेटिंग लिस्ट में डाला।

फैसला नंबर 20 – अपने क्षेत्र में नागरिकों की समस्या के तुरंत निस्तारण के लिए रात में अपनी तैनाती स्थल पर एसडीएम, सीओ और तहसीलदार को सीएम ने दिए निर्देश।

फैसला नंबर 21- यूपी में महिला होमगार्ड्स को एंटी टेरेरिस्ट मॉड्यूल का प्रशिक्षण देने के दिए निर्देश।

फैसला नंबर 22- सरकारी कर्मचारियों के लंच का समय को किया निर्धारित, दोपहर एक बजे से 1.30 बजे तक होगा लंच टाइम।

फैसला नंबर 23- पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुर्नावास के लिए भूमि के पट्टे का स्वीकृति पत्र दिया गया।

फैसला नंबर 24- अगले 6 महीने में 2.51 लाख आवास बनाने का लक्ष्य लेकर तेजी से कार्य करने के निर्देश।

फैसला नंबर 25- भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में असिस्टेंट कमिश्नर( प्रभारी) वाणिज्य कर सचल दल, इकाई बस्ती आशुतोष मिश्रा को सस्पेंड किया।

फैसला नंबर 26- बिना मानचित्र स्वीकृति के इमारत निर्मित किए जाने के मामले में अवर अभियंता, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण शिव ओम को सस्पेंड किया।

फैसला नंबर 27- यूपी पुलिस आधुनिकिकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का कार्यकाल 30 जून 2022 तक बढ़ाए जाने की स्वीकृति प्रदान की।

फैसला नंबर 28- भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में असिस्टेंट कमिश्नर (प्रभारी) वाणिज्य कर सचल दल, इकाई बाराबंकी को सस्पेंड किया।

फैसला नंबर 29 – सीतापुर में आमजन की सुविधा के लिए नई पुलिस चौकी गनेशपुर स्थापित करने का फैसला किया।

फैसला नंबर 30- गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए राज्य में कानून व्यवस्था को प्राथमिकता बनाया गया है।

फैसला नंबर 31- योगी सरकार आयुषमान भारत योजना से महिला और पुरुष होमगार्ड जवानों का स्वास्थ्य बीमा कराएगी।

फैसला नंबर 32- सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के आरोप में झांसी प्रखंड बेतवा नहर झांसी (संप्रित निलंबित) अधिशासी अभियंता को सेवा से हटाने का आदेश दिया। अधिकारी से 77 लाख 41 हजार की वसूली भी की जाएगी।

फैसला नंबर 33- उप निबंधक कार्यालय (मैथा) कानपुर देहात के लिए पद सृजन की स्वीकृति दी।

फैसला नंबर 34- अयोध्या में नियमित रामलीला का आयोजन किया जाएगा. हस्तिनापुर, मेरठ और गोरखपुर में प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय की स्थापना की जाए।

फैसला नंबर 35- सभी कैबिनेट मंत्री अब फील्ड में जाएंगे।

फैसला नंबर 36- यूपी में पुरोहित कल्याण बोर्ड का गठन करने को लेकर सीएम योगी ने दी मंजूरी।

फैसला नंबर 37- प्रदेश में आने वाले पांच सालों में मेडिकल प्रोफेशनल सीटें दोगुनी होंगी, जिसमें पांच सालों में एमबीबीएस की 7000, पीजी की 3000, नर्सिंग की 14,500 और पैरामेडिकल की 3,600 सीटों को बढ़ाया जाएगा।

फैसला नंबर 38- यूपी की 100 ग्राम पंचायतों में खिलाड़ियों को मिलेगी ओपन जिम की सौगात।

फैसला नंबर 39 – यूपी में अब नए स्थानों पर माइक और लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं।

फैसला नंबर 40 -आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और सहायिकाओं के 20,000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अगले छह माह में पूर्ण कराएं। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और स्वास्थ्य सखियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाया जाए।

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम, जिनके श्राप के कारण हुआ था समुद्र मंथन

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 महाकुम्भ। सनातन संस्कृति में तीर्थराज, प्रयागराज को यज्ञ और तप की भूमि के रूप में जाना जाता है। वैदिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में अनेक देवी, देवताओं और ऋषि-मुनियों ने यज्ञ और तप किये हैं। उनमें से ही एक है ऋषि अत्रि और माता अनसूईया के पुत्र महर्षि दुर्वासा। महर्षि दुर्वासा को पौरिणक कथाओं में उनके क्रोध और श्राप के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवता शक्तिहीन हो गये थे। तब देवताओं ने भगवान विष्णु के कहने पर असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। महर्षि दुर्वासा की तपस्थली प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है। मान्यता है कि अपने क्रोध के कारण ही महर्षि दुर्वासा को प्रयागराज में शिव जी की तपस्या करनी पड़ी थी।

महर्षि दुर्वासा के श्रापवश देवताओं को करना पड़ा था समुद्र मंथन

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंद गिरने के कारण ही प्रयागराज में महाकुम्भ का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में समुद्र मंथन की कई कथाएं प्रचलित हैं, उनमें से एक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवताओं को असुरों के साथ मिल कर समुद्र मंथन करना पड़ा था। कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र, हाथी पर बैठ कर भ्रमण कर रहे थे, महर्षि दुर्वासा ने उनको आशीर्वाद स्वरूप फूलों की माला पहनने को दी। देवराज इंद्र ने अपनी शक्ति के मद में महर्षि दुर्वासा की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी दी हुई माला को अपने हाथी को पहना दिया। हाथी ने फूलों की महक से परेशान होकर माला को गले से उतार कर पैरों से कुचल दिया। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा ने क्रोधवश देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। तब देवता निराश हो कर विष्णु जी के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने देवताओं को पुनः शक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करने को कहा। अंततः महर्षि दुर्वासा के श्राप से मुक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए देवताओं ने समुद्र मंथन किया था।

महर्षि दुर्वासा द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से मिलता है अभयदान

महर्षि दुर्वासा आश्रम उत्थान ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष शरत चंद्र मिश्र जी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार परम विष्णु भक्त इक्षवाकुवंशीय राजा अंबरीष को क्रोधवश गलत श्राप देने के कारण सुदर्शन चक्र, महर्षि दुर्वासा को मारने के लिए पीछा करने लगे। महर्षि को भगवान विष्णु ने अभयदान के लिए प्रयागराज में संगम तट से एक योजन की दूरी पर भगवान शिव की तपस्य़ा करने को कहा। महर्षि दुर्वासा ने गंगा तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव का तप और पूजन किया, जिससे उन्हें अभयदान मिला। पौराणिक मान्यता है कि महर्षि द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से अभयदान मिलता है।

प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम

दूर्वा अर्थात दूब घास को ही अपना आहार बनाने वाले महर्षि दुर्वासा का आश्रम प्रयागराज में झूंसी क्षेत्र के ककरा दुबावल गांव में स्थित है। यहां महर्षि दुर्वासा के आश्रम में एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में शिव लिंग की स्थापना स्वयं दुर्वासा ऋषि ने ही की थी। मंदिर के गर्भगृह में साधना अवस्था में महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा भी स्थापित है। साथ ही मंदिर के प्रांगण में अत्रि ऋषि, माता अनसुइया, दत्तात्रेय भगवान, चंद्रमा, हनुमान जी और मां शारदा की प्रतिमाएं भी है। महर्षि दुर्वासा को वैदिक ऋषि अत्रि और सती अनसुइया का पुत्र और भगवान शिव का अंश माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय और चंद्रमा उनके भाई हैं। सावन मास में यहां प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा मार्गशीर्ष माह की चतुर्दशी के दिन दुर्वासा जंयति मनाई जाती है।

महाकुम्भ में पर्यटन विभाग ने करवाया है दुर्वासा आश्रम और शिव मंदिर का जीर्णोद्धार

महाकुम्भ 2025 के दिव्य, भव्य आयोजन में सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप प्रयागराज के मंदिर और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने महर्षि दुर्वासा आश्रम का भी जीर्णोद्धार कराया है। मंदिर के प्रवेश मार्ग पर रेड सैण्ड स्टोन के तीन विशाल द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर की पेंटिग और लाईटिंग का कार्य भी करवाया जा रहा है। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु अभयदान पाने के लिए महर्षि दुर्वासा आश्रम और शिवलिंग का पूजन करने जरूर आते हैं।

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