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उत्तर प्रदेश

रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल व ड्रोन के जरिए रिहंद डैम की मैपिंग व आइडेंटिफिकेशन सर्वे कराएगी योगी सरकार

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लखनऊ, । उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार जल्द ही सोनभद्र के पिपरी स्थित रिहंद डैम की क्रैक्स मैपिंग व आइडेंटिफिकेशन सर्वे कराने जा रही है। बांध के अबव वॉटर व अंडर वॉटर क्रैक्स के आंकलन और चिन्हांकन की प्रक्रिया को रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरएवी) व ड्रोन (अंडर वॉटर यूएवी) के जरिए पूरा किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन लिमिटेड के अंतर्गत उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि इस पूरी प्रक्रिया द्वारा रिवर बेड के 35 हजीर स्क्वेयर मीटर की वीडियोग्राफी कराई जाएगी और 2डी व 3डी डाटा कैप्चरिंग तकनीक के जरिए आंकड़ों का संकलन किया जाएगा। अपस्ट्रीम सर्फेस को मैप करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और इसी के आधार पर डैम की स्थिति को लेकर एक डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया को एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के उपरांत 3 महीने की समयावधि में पूरा किया जाएगा तथा इस मद में 76.50 लाख रुपए का व्यय किया जाएगा।

स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी का होगा सर्वे कार्य में प्रयोग

अपनी अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य के लिए न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार व मध्य प्रदेश के पर्यटकों में प्रसिद्ध रिहंद डैम में क्रैक्स आइडेंटिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए जिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा उसे स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी की संज्ञा दी जाती है। रिहंद बांध की अपस्ट्रीम दीवार पर पानी के ऊपर और पानी के नीचे वीडियोग्राफी आयोजित कर इसके माप (लंबाई, चौड़ाई और गहराई), निर्माण सामग्री के नुकसान और गिरावट जैसे मानकों की पहचान की जा सके। निरीक्षण किया जाने वाला क्षेत्र जलाशय तल तक पानी के स्तर से नीचे (लगभग 35,000 वर्ग मीटर क्षेत्र) और पानी के ऊपर (लगभग 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र) है। यह निरीक्षण कार्य आरओवी (रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल) का उपयोग करके किया जाएगा, जिसमें डाटा कैप्चरिंग उपकरण, कम रोशनी वाले एचडी कैमरे, डेप्थ सेंसर, अल्टीमीटर, पानी के अंदर के लिए लेजर और यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) के 2डी, 3डी डाटा कैप्चरिंग की जाएगी।

प्रत्येक फ्रेम की होगी जियो टैगिंग

सर्वे द्वारा जुटाए गए डाटा में से सॉफ्टवेयर का उपयोग करके दोषों को चिह्नित किया जाएगा और दोषों के विवरण को निर्धारित करने के लिए पानी के ऊपर के लिए माप की रिपोर्ट की जाएगी। बांध के मुख पर मार्किंग ग्रिड के संदर्भ में बांध के शीर्ष पर प्रत्येक फ्रेम और डिस्प्ले स्क्रीन की पोजिशनिंग/जियोटैगिंग की जाएगी। प्रभारी अभियंता (अधिशासी अभियंता रिहंद कॉलोनी सिविल अनुरक्षण प्रभाग पिपरी, सोनभद्र उ.प्र.) कार्य के निष्पादन के लिए नोडल प्राधिकारी होंगे और कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी द्वारा की किए गए कार्यों के प्रत्येक चरण को प्रभारी अभियंता उत्तरदायित्व व निरीक्षण में पूरा किया जाएगा। निरीक्षण के बाद रॉ डाटा का विजुअल एनालिसिस प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें गहराई के अंकन के साथ प्रत्येक फ्रेम की जियो टैगिंग कर दरारों, गड्ढों, क्षति, निर्माण सामग्री की गिरावट आदि सहित किसी भी दृश्यमान चिंताजनक बिंदुओं की पहचान की जाएगी। इसके बाद डीडेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी जिसे सॉफ्ट कॉपी के साथ ही पेन-ड्राइव में संसाधित एचडी वीडियो प्रस्तुत करने के साथ एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

शैव अखाड़ों के महाकुम्भ नगर में छावनी प्रवेश के बाद वैष्णव अखाड़ों का कुम्भ क्षेत्र में हुआ भव्य प्रवेश

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर 13 जनवरी से आयोजित होने जा रहे आस्था के जन समागम महाकुम्भ में सनातन धर्म के ध्वज वाहक अखाड़ों की दुनिया विस्तार लेने लगी है। शैव उपासक संन्यासी अखाड़ों के छावनी क्षेत्र में प्रवेश के बाद बुधवार को विष्णु उपासक वैष्णव अखाड़ों का भी भव्य छावनी प्रवेश हुआ। शहर में जगह जगह वैष्णव अखाड़ों के संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।

वैष्णव अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा में दिखा राम भक्ति का अद्भुत रंग

संगम की रेती में बसी अखाड़ों की दुनिया में शिव उपासक अखाड़ों के छावनी प्रवेश के समापन के बाद अब वैष्णव अखाड़ों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। शहर के केपी ग्राउंड परिसर से तीनों वैष्णव अखाड़ों की भव्य छावनी प्रवेश यात्रा की शुरुआत हुई। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु राम भद्राचार्य की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकाली गई जिसमें दस हजार से अधिक वैष्णव उपासक संतो ने हिस्सा लिया। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास का कहना है कि प्रवेश यात्रा में तीनों वैष्णव अखाड़ों के सौ से अधिक महा मंडलेश्वर और द्वाराचार्य ने हिस्सा लिया।

प्रवेश यात्रा में वैष्णव संतो के युद्ध कला प्रदर्शन पर जमकर हुई पुष्प वर्षा

तीनों वैष्णव अखाड़ों ने संयुक्त रूप से अपनी छावनी प्रवेश यात्रा निकाली जिसे देखने के लिए शहर के मार्गों में दोनों तरफ हज़ारों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। यात्रा में सबसे आगे तीनों अखाड़ों के इष्ट भगवान हनुमान की धर्म ध्वजा और मूर्ति के बाद अखाड़ों के खालसों की रंग बिरंगी धर्म ध्वजा लहरा रही थी। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु राम भद्राचार्य के रथ के बाद गाजे बाजे और बैंड बाजे के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट की सवारी में सिंहासन में विराजमान संत चल रहे थे। इन सबके बीच वैष्णव अखाड़ों के संतों के युद्ध कला कौशल का प्रदर्शन सबके लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला के संकल्प को दर्शाती इस युद्ध कला का प्रदर्शन कर रहे संतो पर जगह जगह पुष्प वर्षा की गई। मेला प्रशासन की तरफ से भी वैष्णव अखाड़ों का महा कुम्भ क्षेत्र पहुंचने पर विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया।

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