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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ से योगी का संदेश “एकता से अखंड रहेगा देश”

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महाकुम्भनगर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को महाकुम्भ में आयोजित विश्व हिंदू परिषद के विराट संत सम्मेलन में हिसा लिया। देश के कोने कोने से आए संतों और धर्माचार्यों के सानिध्य में मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म की एकता और इसकी अखंडता को सुदृढ़ करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने इस मंच से महाकुम्भ को सनातन धर्म की अद्भुत ऊर्जा और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताते हुए पूरे विश्व में इसके संदेश को पहुंचाने का संकल्प लिया।

महाकुम्भ सनातन परंपरा की जीवंत धारा

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महाकुम्भ को विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन परंपरा की विराटता और दिव्यता का प्रमाण है। उन्होंने 45 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का द्योतक बताया। उन्होंने बताया कि अब तक 10 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है और आगामी दिनों में यह संख्या 45 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

संतों का आशीर्वाद भारत की उन्नति का आधार

मुख्यमंत्री ने संतों के आशीर्वाद को भारत की उन्नति का आधार बताया और कहा कि संतों के मार्गदर्शन और उनके संकल्पों के परिणामस्वरूप अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण संभव हो सका। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में अयोध्या में 2.36 लाख श्रद्धालु आए थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 12 से 15 करोड़ हो गई है। अविरल और निर्मल गंगा इन पूज्य संतों की साधना का ही परिणाम है।

सनातन धर्म एकता और सहिष्णुता का प्रतीक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म की जड़ें इतनी गहरी हैं कि यह किसी एक संप्रदाय, जाति या क्षेत्र तक सीमित नहीं है। यह धर्म सभी उपासना विधियों को समान सम्मान देता है। यही कारण है कि सिख गुरुओं, जैन मुनियों और अन्य संत परंपराओं के अनुयायियों ने भी सनातन धर्म की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म एक विराट वटवृक्ष है। इसे जाति, क्षेत्र, भाषा या संप्रदाय के आधार पर बांटा नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने गुरु गोविंद सिंह, गुरु तेग बहादुर और अन्य महान संतों के बलिदानों का स्मरण करते हुए कहा कि इन सभी ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया।

अयोध्या, काशी और प्रयागराज का उदाहरण

मुख्यमंत्री ने राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम और प्रयागराज के महाकुम्भ के दिव्य और भव्य आयोजन को सरकार और संतों के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, आज अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है तो काशी विश्वनाथ धाम एक नए स्वरूप में दुनिया के सामने है। इसी के साथ प्रयागराज में महाकुम्भ की भव्यता ने पूरे विश्व का ध्यान खींचा है। यह सब संतों की प्रेरणा और सनातन धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम है।

आधुनिक भारत में रामराज्य की परिकल्पना

मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों को रामराज्य का आधुनिक स्वरूप बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चार करोड़ गरीबों को घर, 12 करोड़ किसानों को सम्मान निधि, 10 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया है। यह भारत के आर्थिक और सामाजिक उत्थान का उदाहरण है।

वर्ल्ड क्लास संस्थान और उद्योग किए जा रहे स्थापित

सीएम योगी ने कहा कि भारत विकास के बड़े-बड़े कार्यों के जरिए तेजी से आगे बढ़ा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हाईवे, एक्सप्रेसवे, रेलवे, मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहे हैं। वर्ल्ड क्लास संस्थान और उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं। उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों का निर्माण हो रहा है। साथ ही गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें मुफ्त भोजन जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

संतों के योगदान का स्मरण

मुख्यमंत्री ने अशोक सिंघल के साथ ही अन्य संतों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से विश्व हिंदू परिषद ने सनातन धर्म को एक वैश्विक मंच दिया। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और प्रयागराज के महाकुम्भ की भव्यता उन्हीं के आशीर्वाद और नेतृत्व का परिणाम है।

महाकुम्भ से दुनिया को संदेश

अपने संबोधन के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह पूरी दुनिया को सनातन धर्म के एकता, सहिष्णुता और अखंडता का संदेश देने का माध्यम है। इसका हर पहलू भारत की सांस्कृतिक शक्ति को प्रकट करता है। मुख्यमंत्री ने सभी संतों और श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि इस आयोजन से पूरे विश्व को भारत की सांस्कृतिक विरासत और सनातन धर्म की ऊर्जा का संदेश पहुंचाना चाहिए।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025 : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज पहुंचेंगे प्रयागराज, गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के त्रिवेणी संगम में लगाएंगे डुबकी

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भव्य महाकुंभ का आयोजन जारी है। करोड़ों की संख्या में लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, अब तक 13 करोड़ से भी ज्यादा लोग महाकुंभ में शामिल हुए हैं और त्रिवेणी संगम में स्नान किया है। वहीं, अब भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी महाकुंभ में शामिल होने जा रहे हैं। अमित शाह सोमवार को प्रयागराज पहुंचेंगे और गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे।

अमित शाह ने दी जानकारी

गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर महाकुंभ में शामिल होने के बारे में जानकारी साझा की है। गृह मंत्री ने लिखा- “सम्पूर्ण विश्व को समानता व समरसता का संदेश देता सनातन धर्म का महासमागम, महाकुंभ केवल तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि देश की विविधता, आस्था और ज्ञान परंपरा का संगम भी है। कल प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान व पूजन करने और पूज्य संतों से भेंट करने के लिए उत्साहित हूं।

सीएम योगी भी प्रयागराज जाएंगे

जानकारी के मुताबिक, सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रयागराज जाएंगे। सीएम योगी अधिकारियों के साथ मौनी अमावस्या से पहले जरूरी बैठक करेंगे। सीएम योगी ग्राउंड जीरो पर स्थिति का जायजा लेंगे। इसके साथ ही सीएम योगी गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी कार्यक्रम में शामिल रहेंगे।

13 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल

प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में भारी भीड़ जुट रही है। 26 जनवरी 2025 तक महाकुंभ में 13 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने स्नान कर लिया है। इसके अलावा आगामी 29 जनवरी को प्रयागराज महाकुम्भ में 7 से 8 करोड़ लोग आ सकते हैं। बता दें कि महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हुई है और इसकी समाप्ति 26 फरवरी को होगी। महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के शामिल होने की संभावना जताई गई है।

 

 

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