उत्तर प्रदेश
रामलला की मूर्ति से नहीं हटेंगी निगाहें, देखते ही हो जाएंगे मंत्रमुग्ध: ट्रस्टी बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा
अयोध्या। अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर को लेकर भगवान राम लला की मूर्ति के लिए चयन प्रक्रिया पूरी हो गई है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी व अयोध्या राजघराने के बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सबकी सहमित से चुनी गई प्रतिमा को अगले महीने प्राण प्रतिष्ठा के लिए लाया जाएगा। मिश्रा ने शुक्रवार को कहा, ‘ट्रस्ट की बैठक राम मंदिर के लिए मूर्ति के चयन को लेकर हुई और यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।’
मालूम हो कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली है। भगवान रामलला की मूर्ति तय करने को लेकर मतदान के लिए ट्रस्ट की मीटिंग हुई, जिसे अगले महीने भव्य मंदिर के गर्भगृह के अंदर स्थापित किया जाना है।
बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा से मूर्ति चयन प्रक्रिया के मापदंडों के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि यह मूर्ति आपसे बात करती है। पहली नजर में इसे देखते ही आप मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘भले ही कई मूर्तियां एक साथ रखी जाएं, मगर जो सबसे अच्छी होगी, उस पर निगाह तो टिक ही जाएगी। मतदान के दौरान मुझे एक मूर्ति पसंद आई और मैंने उसी को अपना वोट दिया। इसे लेकर आगे का फैसला चंपत राय को करना है। मिश्रा ने कहा कि मूर्ति के चुनाव को लेकर वोटिंग सिस्टम रखा गया। हमने अपनी प्राथमिकताएं बताई हैं। मालूम हो कि चंपत राय श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव हैं।
51 इंच ऊंची होगी रामलला की मूर्ति
चंपत राय ने बताया था कि रामलला की मूर्ति 51 इंच ऊंची होगी जो प्रभु की 5 साल की उम्र की दर्शाएगी। जिस प्रतिमा से दिव्यता झलकेगी और जिसका स्वरूप बच्चों जैसा होगा, उसे ही चुना जाएगा। वहीं, मंदिर में रामेश्वरम से भेंट स्वरूप आया 6 क्विटल वजन का अद्भुत व विशाल घंटा लगाया जाएगा। इसकी आवाज मंदिर से 10 किलोमीटर के दायरे में सुनाई देगी।
अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए जिस कार्यशाला में पत्थरों की तराशी और नक्काशी की जा रही है, उसी में तमिलनाडु के रामेश्वरम के सुप्रसिद्ध रामनाथ स्वामी मंदिर की ओर से आया यह 613 किलोग्राम वजन का भव्य घंटा रखा है। यह घंटा अष्टधातु का बना हुआ है। इतने बड़े घंटे में किसी तरह का कोई जोड़ नहीं है। यह एक ही बार में तैयार किया गया है। इसकी आवाज मंदिर से 10 किलोमीटर के दायरे में सुनाई देगी।
उत्तर प्रदेश
सिद्धांतविहीन राजनीति को मौत का फंदा मानते थे अटल जीः सीएम योगी
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी की स्मृतियां न केवल लखनऊ बल्कि समूचे भारतवासियों के लिए नई जीवंतता का प्रमाण है। अटल जी देश में सुशासन के मॉडल और सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी राजनीति के प्रतीक माने जाते हैं। उनका छह दशकों का राजनीतिक जीवन शुचिता, पारदर्शिता व ईमानदारी का प्रतीक माना जाता है। अटल जी की बातें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वे कहते थे कि सिद्धांतविहीन राजनीति मौत का फंदा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी जी के शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘अटल गीत गंगा’ कार्यक्रम में शिरकत की। अतिथियों ने अटल बिहारी फाउंडेशन की स्मारिका का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने एकल काव्य पाठ किया।
मूल्यों व सिद्धांतों के साथ छह दशक तक एक ही विचारधारा को लेकर चले अटल जी
सीएम ने कहा कि अटल जी मूल्यों व सिद्धांतों के साथ छह दशक तक एक राजनीतिक विचारधारा को लेकर चले। पक्ष-विपक्ष की चिंता किए बिना देश व समाज के मूल्यों को लेकर कार्य किया। आने वाले समय के लिए मर्यादाओं का पालन हो, इसके लिए खरीद-फरोख्त की राजनीति से अलग रहते हुए सत्ता की परवाह किए बिना भावी पीढ़ी के लिए अटल जी ने जो मानक व आदर्श प्रस्तुत करने का गौरव प्रदान किया था, वह भारतीय राजनीति के लिए मार्गदर्शक है।
अटल जी ने वर्तमान पीढ़ी को ‘लक्ष्मण रेखाओं’ के साथ चलने की दी थी प्रेरणा
सीएम ने कहा कि शहरी हो या ग्रामीण विकास, अंत्योदय की परिकल्पना हो या देश के नौजवानों के लिए रोजगार सृजन के माध्यम, भारत की गरिमा-गौरव की रक्षा हो या सुरक्षा के मॉडल, यह सब अटल जी ने दिए। कवि, पत्रकार, राष्ट्रवादी विचारक, भारत मां के सच्चे सपूत होने के कारण सच्चे-संवेदनशील महामानव के रूप में अटल जी के प्रति हर दल, व्यक्ति, भारतवासी श्रद्धा व सम्मान का भाव रखता है। अटल जी ने कहा था- मेरे प्रभु, मुझे इतनी ऊंचाई कभी न देना, गैरों को गले न लगा सकूं, इतनी रुखाई कभी मत देना। उन्होंने वर्तमान पीढ़ी को ‘लक्ष्मण रेखाओं’ के साथ चलने की प्रेरणा भी दी थी।
विपरीत मौसम में भी सुबह से आयोजनों के जरिए जीवंत हो रहीं अटल जी की स्मृतियां
सीएम योगी ने कहा कि अटल बिहारी फाउंडेशन प्रतिवर्ष दो बड़े आयोजन करता है। विपरीत मौसम में भी केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आज सुबह 25-30 हजार साथियों के साथ युवा कुम्भ में जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ, वे सभी अटल जी की स्मृतियों को जीवंत कर रहे थे। अटल स्वास्थ्य मेला के जरिए 2019 से 2023 तक 50 हजार से अधिक लखनऊवासी लाभान्वित हुए, जिन्हें निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श, उपचार, दिव्यांगजनों को उपकरण का लाभ मिला। इस वर्ष भी यह मेला कल तक चलेगा। अब यहां इस आयोजन से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। वहीं प्रदेश के हर जनपद में सुशासन पर निबंध लेखन, भाषण, गोष्ठियां हो रही हैं तो नवोदित कवियों के लिए मंच लगा है, जिसमें वे अटल जी की कविताओं का काव्य पाठ कर सकते हैं। प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बुधवार को पुरस्कृत किया जाएगा।
कार्यक्रम संयोजक उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, अमरपाल मौर्य, संजय सेठ, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक योगेश शुक्ल, नीरज बोरा, सुरेंद्र मैथानी, मनीष रावत, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, रामचंद्र प्रधान, इंजी. अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, उमेश द्विवेदी, संतोष सिंह आदि मौजूद रहे।
रक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री ने किया सम्मानरक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री ने गंगाधर प्रसाद तिवारी, पवन अग्रवाल, सतीश कुमार रस्तोगी, गणेश प्रसाद वर्मा, हनुमंत सिंह, अनीता अग्रवाल, आरपी त्रिपाठी को अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न व पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
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