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नेशनल

कश्मीर में बारिश, बर्फबारी से पारा लुढ़का

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श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर में मंगलवार को ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात और मैदानी इलाकों में हुई बारिश के चलते राज्य में रात्रि तापमान में गिरावट आई है। स्थानीय मौसम विभाग के एक अधिकारी ने अगले दो दिनों के दौरान राज्य में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है।

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “अगले दो दिनों तक मौसम उथल-पुथल भरा बने रहने की संभावना है, क्योंकि हमें जम्मू एवं कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में बर्फबारी व बारिश होने का अनुमान है।” अधिकारी ने कहा, “पर्वतीय क्षेत्र में ताजा बर्फबारी की वजह से मंगलवार को गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया।”

पहलगाम में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं श्रीनगर में 8.5 डिग्री, करगिल कस्बे में एक डिग्री और लद्दाख क्षेत्र के लेह कस्बे में 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 15.7 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं जम्मू के कटरा में 15.8 डिग्री, बनिहाल में 8.7, बटोत में 10.7 डिग्री और भद्रवाह कस्बे में 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

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वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

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