Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

राष्ट्रपति प्रणब ने पेरू के राष्ट्रीय दिवस पर बधाई दी

Published

on

Loading

नई दिल्ली| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पेरू के राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को पेरू सरकार और वहां की जनता को बधाई दी। पेरू ने 28 जुलाई को स्वतंत्रता हासिल की थी। मुखर्जी ने पेरू के राष्ट्रपति ओलांटा हुमाला को अपने संदेश में कहा, “भारत सरकार, यहां की जनता और मेरी ओर से पेरू के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आपको और पेरू की जनता को हार्दिक बधाई।”

भारत और पेरू के परंपरागत रूप से निकट और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जो कई नए क्षेत्रों में मजबूत और व्यापक हो गए हैं।

मुखर्जी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि आगामी सालों में दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत बने रहेंगे।

उन्होंने कहा, “मैं महामहिम के अच्छे स्वास्थ्य और उनकी खुशहाली के लिए शुभकामनाएं देता हूं। इसके साथ ही पेरू के मित्रवत लोगों की प्रगति और समृद्धि की भी कामना करता हूं।”

पेरू ने 28 जुलाई, 1821 को स्पेन से स्वतंत्रता की घोषणा की थी, लेकिन पेरू को स्पेन से पूर्ण स्वतंत्रता 1824 में प्राप्त हुई थी।

उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

Published

on

Loading

वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

Continue Reading

Trending