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सुप्रीम कोर्ट से आधार उपयोग बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई का अनुरोध

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से उसकी एक याचिका की सुनवाई के लिए एक संविधान पीठ गठित करने का अनुरोध किया। याचिका में विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत लाभ देने के लिए तथा बैंकिंग एवं वित्तीय लेन-देन में आधार कार्ड के उपयोग को अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।

महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने प्रधान न्यायाधीश एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ से 11 अगस्त के आदेश के स्पष्टीकरण/संशोधन से संबंधित उनकी याचिका की सुनवाई के लिए वृहद पीठ गठित करने का अनुरोध किया, जिस पर अदालत ने कहा कि इतनी जल्दी सुनवाई के लिए बड़ी पीठ का गठन कर पाना काफी कठिन होगा। प्रधान न्यायाधीश दत्तू ने कहा कि सुनवाई के लिए नौ न्यायाधीशों की पीठ गठित कर पाना कठिन होगा, क्योंकि इससे अन्य अदालतों की कार्यवाही बाधित होगी। इसके बाद उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार शाम याचिका पर गौर करेंगे।

बुधवार को न्यायामूर्ति जे. चेलामेस्वर, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबड़े और न्यायमूर्ति सी. नगप्पन ने 11 अगस्त के अंतरिम आदेश में ढील देने से इंकार करते हुए सरकार और अन्य एजेंसियों के कई आवेदनों को वृहद पीठ के हवाले कर दिया था, जिसमें स्वैच्छिक आधार पर आधार के उपयोग की मांग की गई थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने सिर्फ जनवितरण प्रणाली के तहत अनाजों के वितरण और किरासन तेल तथा रसोई गैस की आपूर्ति में ही आधार कार्ड के उपयोग की अनुमति दी है। 11 अगस्त के आदेश में अदालत ने यह सवाल वृहद पीठ के हवाले किया था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं। कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.एस. पुट्टास्वामी तथा अन्य द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं पर यह सवाल वृहद पीठ के हवाले किया गया था।

न्यायमूर्ति केएस पुट्टास्वामी ने कहा था कि आधार कार्ड देने के लिए बायोमेट्रिक आंकड़े और आंख की पुतली का स्कैन इकट्ठा करना नागरिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन है, क्योंकि व्यक्तिगत आंकड़े पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं और उनका दुरुपयोग हो सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने 1954 में और 1964 में फैसला दिया था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन 1975 में सर्वोच्च न्यायालय ने इसे मौलिक अधिकार का दर्जा दे दिया था।

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इंडियन एयरफोर्स की 92वें वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एयर शो को देखने के लिए पहुंची लाखों की भीड़, ज्यादा गर्मी की वजह से 5 लोगों की मौत

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चेन्नई। इंडियन एयरफोर्स की 92वें वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एयर शो का में तीन लोगों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि दम घुटने से तीन दर्शकों की मौत हुई है. वहीं, 230 अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यातायात में अव्यवस्था के कारण शहर के कई जगहों पर इस तरह की घटनाए देखने को मिली. एयर शो देखने के लिए जमा हुए हजारों लोगों को कार्यक्रम के बाद घर लौटने में कई तरह परेशानियों को सामना करना पड़ा.

बताया जा रहा है कि उमस भरी गर्मी के कारण लोगों की हालत खराब हो गई. निकटवर्ती लाइटहाउस मेट्रो स्टेशन और वेलाचेरी में चेन्नई एमआरटीएस रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों लोग एकत्र हो गए और कई लोगों को प्लेटफॉर्म पर खड़ा होना भी मुश्किल हो गया था. इसके बावजूद कई लोगों ने खतरा उठाकर यात्रा की और कई लोगों की ट्रेन छूट गई. वहीं, एयर शो स्थल के नजदीक अन्ना स्क्वायर पर बस स्टॉप पर लोगों की भारी भीड़ एकत्र थी.

एआईएडीएमके नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने ट्वीट किया

“भारतीय वायु सेना के 92वें उद्घाटन दिवस के अवसर पर, जो भारतीय रक्षा विभाग के सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है, वायु सेना की ताकत का जश्न मनाने के लिए आज चेन्नई में एक हवाई साहसिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अधिसूचना के अनुसार इसके लिए पहले से ही प्रकाशित किया गया था, यह जानते हुए कि लाखों लोग घूमने आएंगे, तमिलनाडु सरकार ने बताया कि परिवहन और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है, हालांकि, आज के कार्यक्रम में प्रशासनिक व्यवस्था और भीड़ और यातायात का प्रबंधन ठीक से नहीं किया गया पुलिस बल भी नियंत्रण के लिए अपर्याप्त है। खबर चौंकाने वाली है कि लोग भारी यातायात में फंसे हुए हैं, पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है, और लू के कारण कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। मैं कड़ी निंदा करता हूं। इतने महत्वपूर्ण आयोजन में भी ठीक से समन्वय करने में विफल रहने के लिए द्रमुक सरकार। वायु सेना के अंत का जश्न मनाने के लिए भारत के विभिन्न शहरों में अब तक कार्यक्रम अच्छे चल रहे हैं, लेकिन आज तमिलनाडु में हुई घटना में जानमाल की हानि बहुत दुखद है। इस आयोजन के लिए उचित सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए एम के स्टालिन सरकार की मैं कड़ी निंदा करता हूं।”

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