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नेशनल

सुषमा ने अमेरिका में सिख किशोर पर हमले की रिपोर्ट मांगी

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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)| विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वॉशिंगटन में एक सिख बच्चे पर हुए हमले की खबर के बाद शनिवार को कहा कि उन्होंने अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास से इस मामले की रिपोर्ट मांगी है। सुषमा ने ट्वीट कर कहा, मैंने अमेरिका में एक सिख बच्चे को पीटे जाने की खबर देखी। मैंने अमेरिका में भारतीय दूतावास से इस घटना की रिपोर्ट भेजने को कहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वॉशिंगटन के केन्ट शहर में एक 14 वर्षीय किशोर को उसके साथी ने बुरी तरह से पीटा। पीड़ित बच्चे के पिता का कहना है कि उसके बच्चे को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि वह भारतीय मूल का है।

केआईआरओ-टीवी के मुताबिक, यह घटना 26 अक्टूबर को केंट्रीज हाई स्कूल से कुछ ही दूरी पर हुई। दोनों बच्चे इसी स्कूल के छात्र हैं।

स्नैपचेट पर जारी इस मामले की क्लिप में देखा जा सकता है कि एक किशोर पीड़ित का पीछा करता है और फिर उसे मुक्का जड़ता है, जिससे वह जमीन पर गिर पड़ता है।

पीड़ित पर कई बार मुक्के चलाए गए। इस दौरान पीड़ित अपने सिर को बचाने की कोशिश करता रहा और रेंगता रहा।

पीड़ित के पिता का कहना है कि वह जब भी इस वीडियो का देखता है, तो वह दर्द से कराह उठता है। वह कहते हैं, मुझे बहुत बुरा लग रहा है क्योंकि यह मेरे बेटे के साथ हुआ है। उन्होंने उस पर पीछे से हमला किया और उसे बहुत पीटा।

पीड़ित के पिता ने पहचान उजागर करने से मना करते हुए कहा, यह मेरे लिए यहां अमेरिका में बहुत बड़ी बात है। मैं बयां नहीं कर सकता कि मैं क्या महसूस कर रहा हूं।

परिवार ने कहा कि इस घटना ने शहर में नस्लीय भेदभाव को उजागर किया है। वहीं, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि यह हमला धर्म या नस्ल से प्रेरित नहीं था बल्कि इससे पहले कक्षा में हुए एक विवाद से जुड़ा है।

पीड़ित के परिवार ने स्कूल प्रबंधन की बातों को नकारते हुए कहा कि उनका बेटा हमलावर का नाम तक नहीं जानता।

पीड़ित के पिता ने कहा, मेरे बेटे ने कभी इससे (हमलावर) से बात तक नहीं की। वह इसका नाम तक नहीं जानता।

इस घटना के बाद से इस क्षेत्र के लोग फोन करके या संदेश भेजकर अपना रोष जता रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

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वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

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