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शीना हत्याकांड : इंद्राणी ने नहीं कबूला जुर्म, हत्या की मंशा साफ नहीं
मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड में गुरुवार को मुंबई पुलिस शीना बोरा की हत्या की मंशा साबित करने में जुटी रही, हालांकि उसे इसमें अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है। हत्याकांड में प्रमुख संदिग्ध शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी जुर्म कबूल न करने पर अड़ी रहीं। अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई शनिवार को होगी। इंद्राणी का दावा है कि उसने अपनी बेटी शीना की हत्या नहीं की।
पुलिस पारिवारिक विवाद, संपत्ति विवाद और वित्तीय मकसद सभी पहलुओं से शीना की हत्या के तीनों आरोपियों इंद्राणी, उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और उसके पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय के साथ ही अन्य से पूछताछ में लगी हुई है। टेलीविजन चैनल स्टार इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी और इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी से लगातार दूसरे दिन गुरुवार को पुलिस ने पूछताछ की। पुलिस ने पीटर से मुख्य रूप से वित्तीय एवं संपत्ति के संबंध में पूछताछ की।
इस बीच गुरुवार को कुछ मीडिया रपटों में इंद्राणी द्वारा जुर्म कबूल कर लेने की बात भी सामने आई, लेकिन उनके वकील गुंजन मंगला ने इससे इनकार कर दिया। कुछ समाचार चैनलों पर गुरुवार को जारी खबर के अनुसार इंद्राणी ने अपनी बेटी शीना की हत्या, हत्या के माहौल तैयार करने में अपनी मुख्य भूमिका और अन्य पहलुओं में भी अपनी भूमिका स्वीकार कर ली। शीना की हत्या में इस्तेमाल हुए कार और उसके मालिक के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए खार पुलिस थाने ने निजी कार किराए पर देने वाली एक कंपनी के महाप्रबंधक को सम्मन जारी किया।
अहम सुराग हासिल करने की उम्मीद में पुलिस इंद्राणी के पूर्व लिव-इन पार्टनर सिद्धार्थ दास को भी सम्मन जारी कर सकती है। बुधवार को सिद्धार्थ के कोलकाता में होने की जानकारी मिली थी। सिद्धार्थ ने इंद्राणी के साथ रिश्ता होने की बात कबूल कर ली है और शीना तथा शीना का भाई मिखाइल बोरा, सिद्धार्थ के ही बच्चे हैं। सिद्धार्थ ने जांच में पूरा सहयोग देने की इच्छा जाहिर की है।
पुलिस ने गुरुवार को भी तीनों मुख्य आरोपियों, इंद्राणी, खन्ना और राय से पूछताछ जारी रखी। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है उन्हें आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई या नहीं। जांचकर्ताओं ने जल्द ही मामले में बड़े खुलासे के प्रति सकारात्मक उम्मीद व्यक्त की है, हालांकि ब्यौरा देने के नाम पर चुप्पी साधे रखी। इंद्राणी, खन्ना और राय पांच सितंबर तक के लिए पुलिस की हिरासत में हैं। पुलिस को रायगढ़ से बीते शुक्रवार को मिले कथित तौर पर शीना के कंकाल के डीएनए परीक्षण और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है।
नेशनल
सुप्रीम कोर्ट ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में एडमिशन, कहा- प्रतिभाशाली छात्र को मझधार में नहीं छोड़ सकते
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक गरीब मजदूर के बेटे को आईआईटी में एडमिशन मिल गया है। दरअसल, मजदूर किसान का बेटा अतुल कुमार अपनी आगे की पढ़ाई के लिए IIT धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लेना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो डेडलाइन पर फीस नहीं जमा कर सका। जिस कारण उसका आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना, सपना ही रह गया।
दरअसल 18 वर्षीय अतुल कुमार के माता-पिता 24 जून तक फीस के रूप में 17,500 रुपये जमा करने में विफल रहे, जो आवश्यक शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि थी। कुमार के माता-पिता ने आईआईटी की सीट बचाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश
इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘हम ऐसे प्रतिभाशाली युवक को अवसर से वंचित नहीं कर सकते। उसे मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में एडमिशन दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जैसे स्टूडेंट कमजोर वर्ग से आते हैं। उनको एडमिशन लेने से रोका नहीं जा सकता है।
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