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विजय दिवस पर बॉलीवुड हस्तियों ने भारतीय सेना को किया सलाम

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मुंबई, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)| विजय दिवस के मौके पर शनिवार को अनुपम खेर, अमित साध जैसी बॉलीवुड हस्तियों ने भारतीय सेना के पराक्रम और साहस को सलाम किया।

साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना द्वारा दुश्मन देश पर विजय हासिल करने के प्रतीक स्वरूप देश (भारत) में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है।

इस मौके पर बॉलीवुड हस्तियों ने ये ट्वीट किए :

अनुपम खेर : विजय दिवस पर भारतीय सेना को मेरा सलाम। जय हिंद।

अमित साध : विजय दिवस के मौके पर हम सभी अपने सैनिकों के पराक्रम को याद करते हैं और 1971 के युद्ध में शहीद हुए जवानों के अदम्य उत्साह और बलिदान को सलाम करते हैं। वे हर दिन हमारी रक्षा के लिए सीमाओं की सुरक्षा करते हैं। जय हिंद।

राकुल प्रीत सिंह : हमारे देश के वास्तविक नायकों और मेरे पिता जो मेरे नायक हैं, उन्हें सलाम करती हूं। विजय दिवस.. जय हिंद।

अशोक पंडित : मैं इस शुभ अवसर पर जवानों को सलाम करता हूं। विजय दिवस की शुभकामनाएं। जय हिंद..जय भारत।

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नेशनल

कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया

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अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।

कौन हैं नारायण सिंह चौरा?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।

जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन

कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।

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