नेशनल
पूर्वोत्तर के लिए चटगांव बंदरगाह खोलने का माणिक का बांग्लादेश से आग्रह
चटखोला (त्रिपुरा), 16 दिसम्बर (आईएएनएस)| त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने क्षेत्र के विकास के लिए शनिवार को बांग्लादेश सरकार ने चटगांव बंदरगाह का उपयोग पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा करने की अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच लंबित अनसुलझे मसलों को दरकिनार करते हुए बांग्लादेश को चाहिए कि वह भारत के पूर्वोत्तर प्रांतों को चटगांव अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का उपयोग वस्तुओं, खाद्यान्नों, ईंधन व जरूरत के सामान व अन्य चीजों के परिवहन के लिए करने की अनुमति प्रदान करे।
अनसुलझे तीस्ता जल बंटवारा और व्यापार संबंधित अनसुलझे मसलों का जिक्र किए बगैर उन्होंने बांग्लादेश सरकार से पूर्वोत्तर राज्यों के मुद्दों को दोनों देशों के अन्य अनसुलझे मुद्दों से नहीं जोड़ने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री शनिवार को प्रदेश की राजधानी अगरतला से 132 किलोमीटर दूर एक सीमांत गांव में 1971 के बंग मुक्ति संग्राम में शहीद हुए भारतीय सैनिकों व बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में बनाए गए विशाल स्मारक व उद्यान के उद्घाटन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
बांग्लादेश की सीमा से सटे त्रिपुरा के चटखोला में 20.20 हेक्टेयर भूमि पर सात करोड़ रुपये की लागत से स्मारक व उद्यान का निर्माण किया गया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नौ महीने चले संघर्ष को भारतीय सैनिकों का समर्थन प्राप्त था और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से प्रोत्साहन मिल रहा था। उन्होंने कहा कि बंग मुक्ति संग्राम में सैनिकों की बहादुरी को दुनिया के इतिहास में खासतौर से याद किया जाएगा।
उद्यान में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और बांग्लादेश के निर्माता शेख मुजीबुर्रहमान की प्रतिमा भी लगाई गई है।
नेशनल
कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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