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पशुपति पारस से मिले नित्यानंद राय, NDA की बैठक में शामिल होने का दिया न्योता
पटना/नई दिल्ली। आगामी 18 जुलाई को दिल्ली में भाजपा नीत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें कई घटक दलों को आमंत्रित किया गया है। इसी क्रम में बिहार के लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों धडों चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान को भी न्योता दिया गया है।
इसे लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए पशुपति पारस ने बताया कि केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय चिराग पासवान से समझौते की बात करने के लिए हमारे पास आए थे लेकिन हमारी पार्टी और हमारे परिवार की कुछ मजबूरी है मैने बता दिया कि हमारी क्या मजबूरी है।
पशुपति पारस ने साफ तौर पर कह दिया है कि वे हाजीपुर सीट नहीं छोड़ेंगे। हाजीपुर सीट के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हमारे पांच सांसद हैं किन्तु परन्तु का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। गठबंधन दल का फार्मूला होता है सिटिंग-गेटिंग माना जाता है।
पारस ने कहा कि दल टूटता है तो जुड़ जाता है लेकिन दिल टूटता है तो दिल नहीं जुड़ता है। उन्होंने उदहारण देते हुए कहा कि दूध फटता है तो जितना भी जमाने की कोशिश करों वो मक्खन नहीं होगा। इसलिए हमारा दिल टूट गया है जो कभी नहीं जुड़ेगा।
पशुपति ने भतीजे चिराग पासवान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब मेरे भाई रामविलास पासवान बीमार थे तब उनसे हमें मिलने नहीं दिया गया। जिंदा रहते रामविलास भाई से मिलने नहीं दिया गया। जबकि दूसरे लोगो को मिलने दिया जाता था। परिवार के लोगों को यह कहा गया कि डॉक्टर ने मिलने से मना किया है।
चिराग पासवान के इस रवैये से परिवार का कोई भी सदस्य समझौते के पक्ष में नहीं है। चिराग से समझौते के लिए नित्यानंद कल आए थे लेकिन समझौता संभव नहीं है।
दूसरी ओर, बैठक के संबंध में जब चिराग पासवान से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पत्र मुझे प्राप्त हुआ है। 18 तारीख को एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। लोजपा (रामविलास) के तमाम बड़े साथियों के साथ बैठकर इस पर चर्चा करेंगे। एनडीए की बैठक में जाना है या नहीं इस पर सबकी सहमति ली जाएगी।
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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