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उत्तर प्रदेश

यूपी में बरेली के सरकारी स्कूल में दिखा भूत, बच्चों की अचानक तबीयत खराब, पुलिस और प्रशासन के भी होश उड़े

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बरेली। यूपी के बरेली स्थित एक सरकारी स्कूल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पढ़ने वाले कई बच्चों की अचानक तबीयत बिगड़ गई। बच्चों के दावे सुनकर स्कूल, पुलिस और प्रशासन के भी होश उड़ गए। बच्चों का दावा था कि उन्होंने भूत देखा था। हालांकि इंडिया टीवी भूत-प्रेत के दावों की पुष्टि नहीं करता।

क्या है पूरा मामला?

बरेली जिले के एक सरकारी स्कूल में अचानक एक छात्रा फर्श पर लेट गई और अपनी गर्दन दबाने लगी। कुछ देर बाद कई और छात्र भी छात्रा की तरह गर्दन दबाने लगे। बच्चों की हालत अचानक इस तरह से बिगड़ने पर स्कूल में हड़कंप मच गया। बच्चों ने दावा किया कि उन्होंने भूत देखा।

प्रधानाध्यापक ने मामले की जानकारी ग्राम प्रधान को दी। प्रधान ने फोन से पुलिस, प्रशासन और डॉक्टरों को सूचना दी। सूचना मिलते ही डॉक्टरों की टीम तत्काल स्कूल पहुंची और सभी बच्चों की जांच की लेकिन किसी भी बच्चे में किसी बीमारी के लक्षण नजर नहीं आए।

बरेली के नवाबगंज के ग्राम ईंध जागीर के सरकारी स्कूल में शनिवार को यह मामला सामने आया। स्कूल के कुछ बच्चे अजीब हरकतें करने लगे। कोई डर से चीख रहा था। कोई अपनी गर्दन दबा रहा था, ये देखकर बाकी लोग हैरान थे। बच्चों की इस हरकत ने स्कूल में लोगों के अंदर डर पैदा कर दिया।

दरअसल स्कूल में कक्षा 6 में पढ़ने वाली छात्रा शबनूर अचानक गश खाकर गिर पड़ी और अपने हाथों से गला दबाने लगी। यह नजारा देखकर साथ पढ़ने वाले बच्चे और टीचर भी चकित रह गए। अचानक कुछ और बच्चे भी उसी की तरह हरकतें करने लगे। इन सभी लोगों के चेहरों पर दहशत साफ झलक रही थी।

एक बच्चे ने बताया कि जब उसे होश आया तो उसने कुछ अजीब सा देखा था। बच्चों ने कहा कि वह शबनूर को देखकर डर गए थे और जब वह क्लास में बैठे तो रोने लगे और उनके सिर में दर्द होने लगा।

डॉक्टरों ने क्या कहा?

डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों की जांच की गई लेकिन किसी में भी बीमारी या विषाक्तता के संकेत नहीं मिले। बच्चों की इस अजीबोगरीब हरकत को डॉक्टर मानसिक दबाव, ठंड या सामूहिक डर का परिणाम बता रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

बीजेपी का आरोप, संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं

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लखनऊ। संभल में बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद जमकर राजनीति हो रही है। एक ओर विरोधी दल इस हिंसा के लिए योगी सरकार और बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी सपा नेताओं को जिम्मेदार बता रही है। इस हिंसा में मारे गए पांच लोगों के अलावा पीड़ितों के परिवार से मुलाकात करने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पूरी कोशिश कर रही है।

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल जो राजनीति कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। हमारी प्रतिबद्धता शांति स्थापित करने को लेकर है। न्यायालय में इसका मामला विचाराधीन है। जो भी निर्णय होगा, उसका हम अनुपालन करेंगे। रविवार को न्यायिक आयोग ने इलाके का जायजा लिया, अपनी रिपोर्ट में वो जो भी कहेंगे, हम उसकी निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

सरकार किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देगी।” विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के लोग सिर्फ वोटों की फसल काटने के लिए इस प्रकार की बात कर रहे हैं। हम हर स्थिति में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं मिलने वाली है।” बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेता वहां पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन ने जिले में बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

नेताओं के संभल जाने की सूचना पर पुलिस ने टोल प्लाजा पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। वहीं, एक दिन पहले हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम रविवार को कोतवाली परिसर पहुंची थी। हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में टीम ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मौजूदा हालात का जायजा लिया। आयोग की टीम ने शाही जामा मस्जिद में पहुंचकर वहां की स्थिति का भी जायजा लिया।

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