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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का ऐतिहासिक कदम, प्रदेश में सौर ऊर्जा से संचालित हो रहीं जल जीवन मिशन की 33 हज़ार योजनाएँ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर्यावरण संरक्षण को लेकर काफी गंभीर हैं। यही वजह है कि प्रदेश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यावरण संरक्षण और अक्षय ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता देते हुए जल जीवन मिशन को सौर ऊर्जा से संचालित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस पहल से न केवल ऊर्जा खपत में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरणीय सुधार और सरकारी संसाधनों की बचत भी सुनिश्चित होगी। इससे जहां एक ओर प्रति वर्ष लगभग 13 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा, वहीं पारंपरिक बिजली आपूर्ति में हो रहे खर्च में कमी आएगी। इससे सरकारी खजाने में भी बढ़ोत्तरी होगी।

900 मेगावाट के सोलर पैनल से 33,229 योजनाओं को किया जा रहा संचालन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में जल जीवन मिशन को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अधिकारियों को बताया कि वर्तमान में प्रदेश में जल जीवन मिशन की कुल 40,951 योजनाएं संचालित हैं। इसमें फेज-1 के तहत सतही भूजल स्त्रोत आधारित 204 योजनाएं, विद्युत आधारित भूजल 7,504 योजनाएं, फेज-4 के तहत सतही स्त्रोत आधारित 14 योजनाएं और सौर ऊर्जा आधारित भूजल की 33,229 योजनाएं शामिल हैं। योगी सरकार द्वारा जल जीवन मिशन की 33,229 योजनाओं को संचालन होने से प्रदेश सरकार को योजना काल में लगभग एक लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। मिशन की 33,229 योजनाओं को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए लगभग 900 मेगावाट के सोलर पैनल लगाए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस इनोवेशन को बेस्ट प्रेक्टिसेज के रूप में चिह्नित किया गया है। सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं के निर्माण से प्रतिवर्ष लगभग 13 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2)का उत्सर्जन कम होगा। वहीं अगले 30 वर्षों में 390 लाख कार्बन क्रेडिट आर्जित किया जा सकेगा।

ग्रीन स्टेट की ओर अग्रसर हो रहा उत्तर प्रदेश
केंद्र सरकार ने योगी सरकार की इस अभिनव पहल को बेस्ट प्रैक्टिसेज के रूप में चिह्नित किया है। यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन गया है, जो अन्य राज्यों को भी अक्षय ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश न केवल जल जीवन मिशन के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा रहा है। सौर ऊर्जा आधारित योजनाएं न केवल ऊर्जा की लागत कम कर रही हैं, बल्कि प्रदेश को एक “ग्रीन स्टेट” के रूप में उभरने में मदद कर रही हैं।

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उत्तर प्रदेश

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.

शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई

शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.

फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई

इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.

 

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