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जनवरी से बाजार मूल्य पर खरीदना होगा सिलेंडर

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लखनऊ। इंडियन आयल के महाप्रबंधक व राज्यस्तरीय समन्वयक यूपी सिंह ने कहा कि एक जनवरी 2015 से पूरे भारत में सब्सिडाइज्ड रसोई गैस के उपभोक्तओं को गैस सिलेंडर बाजार मूल्य पर खरीदना होगा, जिसके लिए डीपीटीएल योजना के अनुसार सब्सिडी की धनराशि सीधे बैंक खाते में दी जाएगी। नयी योजना के तहत आधार संख्या न होने पर भी उपभोक्ताओं को सब्सिडी की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाएगी। हालांकि आधार संख्या प्राप्त करने पर उनको आधार आधारित सब्सिडी हस्तांतरण पर शिफ्ट होना होगा।

उन्होंने बताया कि जो रसोई गैस उपभोक्ता इस योजना में आधार संख्या देकर पहले जुड़े थे उनको 1 जनवरी 2015 से प्रभावी बाजार मूल्य पर सिलेंडर मिल जाएगा और सब्सिडी की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में दे दी जाएगी। उन उपभोक्ताओं को आगे कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि जो एलपीजी उपभोक्ता 1 जनवरी 2015 या उससे पहले इस योजना में शामिल होते हैं उनको एक बार परमानेंट एडवांस की धनराशि सिलेंडर बुक करते ही मिल जाएगी।

जो उपभोक्ता पहले से ही योजना में शामिल हुये थे और 435 रुपये एक परमानेंट एडवांस प्राप्त कर चुके हैं उन्हें अब कोई एडवांस धनराशि नहीं मिलेगी। वर्तमान में परमानेंट एडवांस की धनराशि 568 रुपये हैं। उन्होंने बताया कि जो उपभोक्ता 1 जनवरी 2015 तक इस योजना से जुड़ते हैं उन सभी को बाजार मूल्य पर रसोई गैस सिलेंडर मिलेगी। 1 जनवरी 2015 से 31 मार्च 2015 के बीच योजना में नहीं शामिल हुए एलपीजी उपभोक्ताओं को सब्सिडाइज्ड मूल्य पर सिलेंडर मिलता रहेगा।

नेशनल

सुप्रीम कोर्ट ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में एडमिशन, कहा- प्रतिभाशाली छात्र को मझधार में नहीं छोड़ सकते

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक गरीब मजदूर के बेटे को आईआईटी में एडमिशन मिल गया है। दरअसल, मजदूर किसान का बेटा अतुल कुमार अपनी आगे की पढ़ाई के लिए IIT धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लेना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो डेडलाइन पर फीस नहीं जमा कर सका। जिस कारण उसका आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना, सपना ही रह गया।

दरअसल 18 वर्षीय अतुल कुमार के माता-पिता 24 जून तक फीस के रूप में 17,500 रुपये जमा करने में विफल रहे, जो आवश्यक शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि थी। कुमार के माता-पिता ने आईआईटी की सीट बचाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश

इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘हम ऐसे प्रतिभाशाली युवक को अवसर से वंचित नहीं कर सकते। उसे मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में एडमिशन दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जैसे स्टूडेंट कमजोर वर्ग से आते हैं। उनको एडमिशन लेने से रोका नहीं जा सकता है।

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