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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बड़ा रेल हादसा होने से टला, एक ही ट्रैक पर आ गई दो ट्रेनें

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को एक बड़ा रेल हादसा होने से बच गया। दरअसल, वाराणसी में एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें आमने-सामने आ गई। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और अयोध्या धाम स्पेशल टक्कर होने से बाल बाल बच गई। जानकारी के अनुसार, चेन पुलिंग के कारण नई दिल्ली से जयनगर की ओर जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस वाराणसी जंक्शन के यार्ड में खड़ी थी। इससे स्वतंत्रता सेनानी ट्रेन का पिछला हिस्सा सिंगनल क्रासिंग के पार ही रुक गया।

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह 8.15 बजे गाड़ी संख्या -12562 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर एक पर प्रवेश कर रही थी। इस बीच अचानक चेन पुलिंग से ट्रेन आउटर में खड़ी हो गई। तीन एसएलआर बोगियां क्रॉस ओवर (क्रॉसिंग के बाहर) ही रह गई। इधर, पहले ही लोवर सिग्नल मिलने पर प्लेटफार्म से प्रस्थान गाड़ी संख्या – 08851 विलासपुर- अयोध्या धाम स्पेशल ट्रेन के पहिए ठिठक गए. चालक ने आपात ब्रेक लगाकर कुछ दूर पहले ट्रेन रोक दिया।

रेलवे कंट्रोल से सूचना मिलते ही स्थानीय अधिकारी हरकत में आ गए। परिचालन और सिग्नल विभाग के कर्मचारियों के साथ उन्होंने मौका मुआयना किया। एक साथ दोनों ट्रेनों के लोवर सिग्नल मिलने पर सवाल खड़े हुए। वहीं चेन पुलिंग की वजहों का भी पता लगाया जा रहा है। अपर मंडल रेल प्रबंधक लालजी चौधरी ने बताया कि जांच के लिए पांच सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया गया है। जो 48 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में फिर लगी आग, कई टेंट जलकर राख, कोई हताहत नहीं

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प्रयागराज। महाकुंभ में एक बार हादसा हो गया है। यहां सेक्टर-22 में बनाए गए टेंटों में आग लग गई है। हालांकि गनीमत रही कि इस हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। फिलहाल फायर ब्रिगेड की टीम आग को काबू में पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक आग को काबू में नहीं पाया जा सका है। वहीं गनीमत रही कि मौके पर कोई भी श्रद्धालु टेंट में नहीं था। आग लगने के बाद सभी के सभी बाहर निकल आए थे, जिस वजह से बड़ा हादसा होने से टल गया।

बता दें कि महाकुंभ का सेक्टर-22 एरिया झूसी के छतनाग घाट और नागेश्वर घाट के बीच में है. गुरुवार को यहीं पर अचानक से कई टेंट जलने लगे। यह देख श्रद्धालु अपने-अपने टेंटों से बाहर निकल आए और फायर ब्रिगेड को जानकारी दी. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने में जुट गई है। आग से कई टेंट जलकर राख हो गए। गनीमत है कि कोई जनहानि नहीं हुई है।

इससे पहले बुधवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी। कुछ लोग बैरिकेड तोड़कर जाना चाहते थे। वहीं, कुछ लोग जमीन पर सो रहे थे। भीड़ इन लोगों के ऊपर से गुजर गई। इस घटना के बाद 90 लोगों को अस्पताल लाया गया। इनमें से 30 की मौत हो गई थी।

सीएम योगी हुए भावुक

महाकुम्भ हादसे को लेकर बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “भारी भीड़ और बैरिकेड्स टूटने के कारण यह दुखद हादसा हुआ।” मुख्यमंत्री ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे, जबकि पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह को आयोग में शामिल किया गया है। यह आयोग एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा। पुलिस भी मामले की जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। यही नहीं, गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी भी प्रयागराज जाकर घटना की समीक्षा करेंगे।

मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा

मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, “प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ? इसकी गहन जांच होगी।” सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹25-25 लाख की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजीपी को गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वे हालात का जायजा लेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे।

हादसे से मर्माहित सीएम योगी

घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भावुक हो गए और बोले, “इतनी तैयारियों के बावजूद यह हादसा बेहद दुखद है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।” उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम 7 बजे से ही काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन प्रयागराज पहुंचकर स्नान भी कर रहे थे और काफी बड़ी संख्या में ब्रह्म मुहूर्त का भी इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान अखाड़ा मार्ग पर संगम तट पर यह हादसा हुआ। यह हादसा भारी भीड़ के द्वारा अखाड़ा मार्ग के बैरिकेड्स को तोड़ने और उसके बाद उससे कूदकर जाने के कारण हुआ है, जिसमें 30 के आसपास लोगों की मृत्यु हुई है। 36 घायलों का प्रयागराज में उपचार चल रहा है। शेष घायलों को उनके परिवार से सदस्य लेकर चले गए हैं।

हादसे की तह में जाने की आवश्यकता

सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज में बुधवार को 8 करोड़ से अधिक लोगों का दबाव था। यद्यपि अगल बगल के जनपदों मिर्जापुर, भदोही, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशांबी, में भी होल्डिंग एरिया बनाकर श्रद्धालुजनों को रोका गया था, जिन्हें अखाड़ों का अमृत स्नान संपन्न होने के बाद रिलीज किया गया है। रेलवे स्टेशनों पर भी लगातार दबाव बना रहा। रेलवे ने भी इस दौरान रूटीन और मेला स्पेशल को मिलाकर लगभग 300 से अधिक ट्रेनें चलाई हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भी 8000 से अधिक बसें संचालित की हैं। ये सभी घटनाएं मर्माहत करने वाली भी हैं और एक सबक भी हैं, लेकिन हादसे की तह में भी जाने की आवश्यकता है।

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