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आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस से छह साल के लिए निष्काषित, कहा- राम और राष्ट्र से कोई समझौता नहीं हो सकता

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नई दिल्ली। कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से छह साल के लिए निष्काषित कर दिया है। प्रमोद कृष्णम को लेकर पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वो निकट भविष्य में कांग्रेस से अपनी राह अलग कर सकते हैं। इससे पहले कि वो निर्णय लेते, पार्टी ने ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।

कांग्रेस से निष्कासित किए गए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने रविवार को कहा कि “कोई समझौता नहीं हो सकता”। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘राम और राष्ट्र… लेकिन कोई समझौता नहीं हो सकता।’ शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कांग्रेस अध्यक्ष ने “प्रमोद कृष्णम को तुरंत छह साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिसमें कहा गया कि यह निर्णय “अनुशासनहीनता की शिकायतों और पार्टी के खिलाफ बार-बार सार्वजनिक बयानों” के बाद लिया गया। इस फैसले के बाद प्रमोद कृष्णम का पहला बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को टौग करते हुए ट्वीट किया है और अपनी बात रखी है।

इस महीने की शुरुआत में कृष्णम ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें 19 फरवरी को होने वाले श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। उसके बाद उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “माननीय प्रधान मंत्री को इसे स्वीकार करने के लिए हार्दिक आभार और धन्यवाद।” प्रमोद कृषणम के निमंत्रण के लिए धन्यवाद देते हुए, प्रधान मंत्री ने जवाब में कहा कि “आस्था और भक्ति से जुड़े इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है”।

इससे पहले पिछले महीने, कृष्णम ने अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल न होने के विपक्षी नेताओं के फैसले की आलोचना करते हुए कहा था कि यह “दुर्भाग्यपूर्ण” था। आचार्य प्रमोद ने उस समय कहा, “कोई ईसाई या पुजारी या मुस्लिम भी भगवान राम के निमंत्रण को अस्वीकार नहीं कर सकता। राम भारत की आत्मा हैं। राम के बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती।”

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वृंदावन के प्रसिद्ध संत बाबा प्रेमानंद दास महाराज जी की तबीयत बिगड़ी, भक्तों में भारी मायूसी

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मथुरा। वृंदावन के प्रसिद्ध संत बाबा प्रेमानंद दास महाराज जी की शनिवार को तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिससे उनके भक्तों में भारी मायूसी फैल गई है। महाराज जी को गोवर्धन परिक्रमा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हुई, जिसके कारण उन्होंने परिक्रमा छोड़कर आश्रम लौटने का फैसला किया। अब उनके भक्त भगवान श्री कृष्ण से प्रार्थना कर रहे हैं कि महाराज जी जल्दी से स्वस्थ हो जाएं।

बाबा प्रेमानंद की तबीयत बिगड़ी

शनिवार को प्रेमानंद जी महाराज अपनी बड़ी संख्या में भक्तों के साथ गोवर्धन परिक्रमा के लिए गए थे। परिक्रमा के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ने पर वह तुरंत आश्रम लौट आए। परिक्रमा के बीच में ही उन्होंने रुकने का निर्णय लिया, क्योंकि उनकी तबीयत बहुत खराब हो गई थी। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद से भक्तों में चिंता और निराशा का माहौल है। वे भगवान श्री कृष्ण से प्रार्थना कर रहे हैं कि महाराज जी जल्द ठीक हो जाएं और फिर से उनका दर्शन कर सकें।

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