अन्तर्राष्ट्रीय
प्राथमिक चुनावों में बाइडन-ट्रंप को हरा सकती हैं निक्की हेली, प्रभावशाली संगठन AFP ने किया समर्थन
वाशिंगटन। अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक निक्की हेली भी राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए संघर्ष कर रही हैं। हेली को अब अमेरिकन फॉर प्रॉस्पेरिटी नेटवर्क (Americans for Prosperity Network- AFP) का समर्थन मिल गया है।
नेटवर्क अमेरिका में काफी प्रभावशाली है। नेटवर्क ने मंगलावर को बताया कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वे हेली का समर्थन कर रहे हैं। हेली प्राथमिक चुनावों में मौजूदा और पूर्व राष्ट्रपति को हरा सकती हैं।
हेली को मजबूती प्रदान करेंगे
एएफपी की वरिष्ठ सलाहकार एमिली सेडेल ने कहा कि हेली का समर्थन करने पर हमें गर्व है। हेली अमेरिका की मौजूदा राजनीतिक युग का पन्ना पलटने के काबिल हैं। वे प्राथमिक चुनावों में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हरा सकती हैं। AFP द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि हम जमीनी स्तर पर हेली को मजबूती प्रदान करेंगे। हम हर प्रयास करेंगे कि अमेरिका की अगली राष्ट्रपति निक्की हेली ही बनें।
देश बचाने के लिए चुनाव
हेली का कहना है कि मैं एएफपी के समर्थन से खुश हूं। यह चुनाव स्वतंत्रता, समाजवाद, वित्तीय जिम्मेदारी और कर्ज पर लगाम लगाने की एक कोशिश है। यह चुनाव देश बचाने के लिए है। मैं एएफपी के लिए आभारी हूं।
सिख परिवार में हुआ जन्म
निक्की हेली का जन्म सिख माता-पिता अजीत सिंह रंधावा और राज कौर रंधावा के घर हुआ था। उनका परिवार 1960 के दशक में पंजाब से कनाडा और फिर अमेरिका चला गया था। निक्की हेली का असली नाम निमरत रंधावा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकती हैं निक्की हेली
आपको जानकर हैरानी होगी कि, राजनीति में आने से पहले भी निक्की कॉर्पोरेट वर्ल्ड में अच्छा खासा नाम कमा चुकी है। वह परिवार की कंपनियां चलाने के बाद 1998 में ओरेंजबर्ग काउंटी चेंबर ऑफ कॉमर्स के निदेशक मंडल में शामिल हुईं।
इसके बाद निक्की नेशनल एसोसिएशन ऑफ वुमेन बिजनेस ऑनर की अध्यक्ष बनीं। वह सामाजिक कार्यों में शामिल होने लगीं और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। वहीं निक्की साउथ कैरोलिना की स्टेट रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर चुनी गईं।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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