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अरविंद केजरीवाल जल्द ही खाली करेंगे मुख्यमंत्री आवास, एक-दो दिन में नए घर में होंगे शिफ्ट

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नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल का आशियाना बदलने वाला है. अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं. लिहाजा उन्हें मुख्यमंत्री आलवास अब खाली करना होगा. अरविंद केजरीवाल ने पितृपक्ष के बाद सरकारी आवास और सुविधाएं छोड़ने का ऐलान किया है. अरविंद केजरीवाल ने नया घर फाइनल कर लिया है. उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिन में वह अपने नए घर में शिफ्ट हो जाएंगे. अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना फिरोजशाह रोड पर होगा.

अरविंद केजरीवाल ने अपने लिए घर तय कर लिया है. अरविंद केजरीवाल ऐसा मकान चाहते हैं, जिस पर कोई विवाद ना हो. साथ ही उनकी विधानसभा नई दिल्ली इलाके में ही घर हो ताकि वो लोगों से जुड़े रह सकें. इसका मतलब है कि वह नई दिल्ली विधानसभा में ही रहेंगे.

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सयोंजक अरविंद केजरीवाल के रहने के लिए अब तक दो घरों पर विचार हो रहा है. इन दोनों घरों का पता लुटियंस दिल्ली के फिरोजशाह रोड का है. यहां बताना जरूरी है कि फिरोजशाह रोड पर आम आदमी पार्टी के दो राज्यसभा सांसदों का भी घर है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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