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ट्रंप जीते तो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को लगेगा धक्का: कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने जताई चिंता

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ओटावा। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने एक बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान ट्रूडो ने कहा है कि अगर 2024 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप जीत जाते हैं तो इससे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को धक्का लगेगा।

कनाडा के एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि ‘हां, वह इसे लेकर चिंतित हैं। जब हम सभी को पर्यावरण को बचाने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ने का समय है, उस समय ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी और मैं इसे लेकर चिंतित हूं।’

ट्रूडो ने ट्रंप को बताया था खतरनाक

ट्रूडो ने कहा कि ‘ट्रंप की जलवायु परिवर्तन को लेकर जो सोच है, वह ना सिर्फ कनाडा बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक है।’ बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान साल 2019 में अमेरिका जलवायु परिवर्तन को लेकर हुए पेरिस समझौते से बाहर आ गया था। ट्रंप का कहना था कि जलवायु परिवर्तन की बात फर्जी है और यह चीन द्वारा ईजाद किया गया है।

पेरिस समझौते में दुनिया के 200 देशों ने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी करने और जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने पर सहमति बनी थी। ट्रंप ने पेरिस समझौते को अमेरिकी हितों के खिलाफ बताया था।

ट्रंप के आलोचक हैं कनाडाई पीएम

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में इनफ्लेशन रिडक्शन एक्ट पेश किया है, जिसमें अमेरिका में अक्षय ऊर्जा के स्त्रोतों में भारी निवेश की योजना बनाई गई है। इसके बाद कनाडा की सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों और बैट्री के कनाडा में ही निर्माण के लिए अरबों डॉलर खर्च करने की योजना बना रहा है।

ट्रूडो के ट्रंप के साथ रिश्ते थोड़े रूखे हैं। दरअसल एक बार ट्रंप ने ट्रूडो को कमजोर और बेईमान बताया था। वहीं जब 2020 के चुनाव में बाइडन को जीत मिली थी तो उन्हें सबसे पहले बधाई देने वाले नेताओं में ट्रूडो ही शामिल थे।

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14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे जो बाइडेन

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अमेरिका। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी 14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे। यही उनका विदाई भाषण भी होगा। इसके लिए ह्वाइट हाउस ने तैयारी शुरू कर दी है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले यानि बुधवार को ओवल ऑफिस से बाइडेन का यह विदाई भाषण होगा। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का यह अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।

इससे पहले बाइडेन सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन’’ पर बात करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में बाइडन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था।

बाइडेन की जगह कमला हैरिस से हुआ ट्रंप का मुकाबला

बाइडेन की पीछे हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद अमेरिकियों को देश की पहली महिला राष्ट्रपति मिलने की उम्मीद भी जगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। इस प्रकार ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि बाइडेन का दावा है कि यदि वह नैतिक दबाव में पीछे नहीं हटे होते तो ट्रंप को हरा सकते थे।

 

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