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प्रादेशिक

प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत तक कमी लाने के लिए सीएम योगी ने परिवहन विभाग को दिए सख्त दिशा-निर्देश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए योगी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। इसको लेकर सीएम योगी ने परिवहन विभाग को सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में परिवहन विभाग ने सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत सभी जनपदों में आगामी 15 दिसम्बर से 31 दिसम्बर, 2023 तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा अंतर्विभागीय समन्वय के साथ मनाया जाएगा। दरअसल ओवरस्पीडिंग, रांग साइड ड्राइविंग, मोबाइल फोन का प्रयोग एवं ड्रंकन ड्राइविंग सड़क दुघर्टनाओं के प्रमुख कारण होते हैं। यह एक मैन मेड डिजास्टर है, इसलिये इसमें कमी लाने के लिये अवेयरनेस बिल्ट करने की जरूरत है। यह एक संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण मुद्दा है।

स्कूली वाहनों का कराया जाए फिटनेस टेस्ट

सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के तहत प्रदेश के सभी स्कूली वाहनों का फिटनेस तथा वाहन चालकों के मेडिकल फिटनेस की जांच करायी जायेगी।सभी शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभा में छात्रों को सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों की जानकारी दी जायेगी एवं सुड़क सुरक्षा शपथ ग्रहण कराया जायेगा। कोहरे के दृष्टिगत प्रभावी पेट्रोलिंग की जायेगी। कॉमर्शियल चालकों हेतु हेल्थ कार्ड अनिवार्य रूप से जारी किये जायेंगे। ओवरलोडिंग को टास्क फोर्स द्वारा सोर्स प्वाइंट ही रोका जायेगा। इसके अलावा परिवहन विभाग द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये समय-समय पर निर्गत आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। इस तरह से बहुत लोगों की जिन्दगी को बचा सकते हैं।

सड़क दुर्घटनाओं का एनालिसिस कर एक्शन लिया जाये

निर्देश दिया गया है कि सभी मण्डल एवं जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें अनिवार्य रूप से होनी चाहिये। इसके लिये सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी दिन निर्धारित करें। बैठक में सड़क सड़क दुर्घटनाओं का जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित कर उनके भी सुझाव लिये जायें। इसके अलावा बैठक में विषय विशेषज्ञों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित कर सकते हैं। समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं का एनालिसिस कर एक्शन लिया जाये। एक्शन का रिजल्ट धरातल पर भी दिखना चाहिये। किसी भी चालक का लगातार तीन बार से अधिक चालान होने पर उसका लाइसेंस निरस्त किया जाये। इसके बावजूद भी उल्लंघन करने पर उसके वाहन का पंजीयन निरस्त कराया जाये। इसके अतिरिक्त जनपद में उपलब्ध क्रिटिकल केयर फैसिलिटी का भी समय-समय पर निरीक्षण करें, ताकि सड़क दुर्घटना से प्रभावित व्यक्तियों को जनपद में ही उपचार मिल सके। आपदा मित्रों को सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति को बचाने की भी ट्रेनिंग दी गई है। सड़क दुर्घटना होने पर उन्हें भी सूचित करने की व्यवस्था की जाये।

उत्तर प्रदेश

पंजाब से दौड़ लगाकर अयोध्या पहुंचा 6 साल का मासूम बच्चा, सीएम योगी ने किया सम्मानित

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अयोध्या। अगर लक्ष्य बना लिया जाए तो उसे पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता। 6 साल के एक बच्चे ने इस कहावत को पूरा करके दिखाया है। ये छोटा सा मासूम बच्चा पंजाब से दौड़ लगाकर अयोध्या पहुंचा है। सीएम योगी ने इस बच्चे को मंच पर सम्मानित किया है और मोबाइल भी गिफ्ट किया है।इस मौके पर सीएम योगी ने अयोध्या में भगवान राम लला के चित्र पर पुष्पांजलि देकर दीप प्रज्वलित किया। मंच पर महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी व सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी भी मौजूद रहे।

अयोध्या में सीएम योगी ने क्या कहा?

सीएम योगी ने कहा कि रोज अयोध्या मे डेढ़ से 2 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। कोई सोचता था कि एक साल पहले की अयोध्या को ये स्थान प्राप्त होना चाहिए। 2017 से पहले अयोध्या में बिजली भी नहीं थी। केवल 4 घंटे बिजली आती थी। सड़कें गंदी और टूटी हुई थीं। सरयू का जल सड़ता रहता था। राम जी पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे लेकिन यहां एक एयरपोर्ट तक नहीं था।

सीएम योगी ने कहा कि देश की पहली सोलर सिटी अयोध्या बन चुकी है। सूर्यवंशियों की अयोध्या सूर्य से चलती है। अयोध्या में ये सब एक दिन में नहीं हुआ बल्कि ये एक लंबा संघर्ष था संतों का, जिन्होंने अपना जीवन इसमें लगा दिया।

सीएम योगी ने कहा कि राम भक्तों, कारसेवकों और संतों के हम कर्जदार हैं। आज बोलने के लिय शब्द नहीं हैं। हम आंदोलन को याद करके भावुक हो जाते हैं। मगर हम सब भाग्यशाली हैं। हमने ये मंदिर बना हुआ देखा है। मेरे पूज्य गुरूजी ने अपने आखिरी समय में अशोक जी से कहा था कि क्या रामजन्मभूमि का मंदिर बन जायेगा? आज कोई भी अयोध्या आता है तो वो अभिभूत होकर जाता है और कहता है कि अयोध्या त्रेता युग की याद करा है। एक से दो साल में जब मंदिर परिसर का काम पूरा होगा, तब अयोध्या विश्व की सबसे सुंदर नगरी होगी।

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