प्रादेशिक
सीएम योगी का निर्देश- पैसे की तंगी की वजह से किसी के इलाज में दिक्कत नहीं आनी चाहिए
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पैसे की तंगी की वजह से किसी भी व्यक्ति के इलाज में बाधा नहीं आनी चाहिए। इसके लिए जो भी प्रार्थना पत्र आएं उन पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।
सीएम योगी ने यह निर्देश रविवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान दिए। जनता दर्शन में कई फरियादी ऐसे पहुंचे थे जिन्हें खुद या परिजन के इलाज के लिए सरकार से आर्थिक सहायता की अपेक्षा थी। हिन्दू सेवाश्रम एवं यात्री निवासी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन कार्यक्रम में 500 से अधिक फरियादी महिला-पुरुष अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक-एक व्यक्ति के पास जाकर सबकी पीड़ा सुनी और उन्हें आश्वास्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। कई मामले ऐसे भी आए थे जिसमें पीड़ित बीमार थे और उन्हें आर्थिक सहायता चाहिए थी। सीएम ने अधिकारियों को तत्काल प्रक्रिया पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
रविवार की सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ मठ से बाहर आए तो गुरु गोरखनाथ का पूजन करने के बाद ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर द्वय महंत दिग्विजयनाथ एवं महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर माथा टेक कर आशीर्वाद लिया। उसके बाद गो शाला में गोसेवा की। तकरीबन 7.45 बजे वह हिंदू सेवाश्रम में जनता दर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां 200 से अधिक लोगों से उन्होंने मुलाकात की। उन्हें बताया कि यात्री निवास में भी 300 से अधिक लोग है। इस पर सीएम यात्री निवास भी पहुंचे। कुर्सियों पर बैठे लोगों के पास जाकर उनकी लिखित शिकायत पर जरूरी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जनता दर्शन में राजस्व एवं पुलिस सम्बधी काफी शिकायतें आई थी। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जमीन की पैमाइश और राजस्व संबंधी मामलों का तहसीलों में निस्तारण तेज किया जाए। जहां जरूरत पड़े पुलिस बल भी साथ लिया जाए। उन्होंने थानों में समस्याओं के गुणवत्तापूर्ण समाधान के प्रति अधिकारियों को निर्देशित किया।
उत्तर प्रदेश
निराश्रित बच्चों के लिए सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण बनाने में जुटी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास और सुरक्षा के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न जनपदों में 10 नए बाल संरक्षण गृहों का निर्माण और संचालन किया जाएगा। इन संरक्षण गृहों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है, जहाँ वे अच्छे नागरिक के रूप में विकसित हो सकें।
वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या समेत 10 जिलों में बनेंगे नए बाल संरक्षण गृह
महिला कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अनुसार, प्रदेश के मथुरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, आजमगढ़, झांसी, अमेठी, फिजाबाद, देवरिया, सुल्तानपुर, तथा ललितपुर में इन संरक्षण गृहों की स्थापना की जाएगी। हर संरक्षण गृह में 100-100 बच्चों को रखने की क्षमता होगी, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जा सके। इनमें 1 राजकीय बाल गृह(बालिका) 1 राजकीय बाल गृह (बालक), 7 राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), किशोर न्याय बोर्ड सहित 1 प्लेस ऑफ सेफ्टी गृह शामिल है। इन संरक्षण गृहों में बच्चों को न केवल रहने की सुविधाएं दी जाएंगी, बल्कि उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का भी ध्यान रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग इन संरक्षण गृहों की स्थापना से असहाय और संवेदनशील बच्चों को एक नया जीवन देकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। इन गृहों में बच्चों को एक संरक्षित वातावरण में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और जीवन कौशल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम
इस योजना के तहत राज्य सरकार ने बाल संरक्षण गृहों के निर्माण के लिए आवश्यक फंड भी निर्धारित किए हैं। सभी गृहों का निर्माण योगी सरकार अपने बजट से करेगी। वहीं इन गृहों के संचालन में केंद्र सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के प्राविधानों के केंद्रांश-60 प्रतिशत और राज्यांश-40 प्रतिशत के अनुसार राज्य सरकार पर 7.96 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। योजना के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन गृहों का निर्माण और प्रबंधन गुणवत्ता मानकों के अनुसार किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कंसल्टेंट्स का चयन भी किया है, ताकि इन बाल संरक्षण गृहों में दी जाने वाली सेवाओं का उच्चतम स्तर सुनिश्चित किया जा सके।
बाल अधिकारों की रक्षा में सीएम योगी का सशक्त प्रयास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य है कि राज्य का कोई भी बच्चा असुरक्षित या उपेक्षित महसूस न करे। सीएम योगी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि वे समाज के भविष्य हैं। इस योजना के तहत बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, जो उनकी सुरक्षा और कल्याण के प्रति संजीदा होंगे। इन बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के हिसाब से सेवाएं दी जाएंगी, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।
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