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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी का निर्देश- रामनवमी पर 24 घंटे हों श्रीरामलला के दर्शन-पूजन

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनवमी और नवरात्रि की तैयारियों की समीक्षा की। अयोध्या में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर सीएम योगी ने नवरात्रि में अष्टमी, नवमी और दशमी को श्रीरामलला मंदिर में 24 घंटे दर्शन-पूजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्यों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस अवधि में मंदिर के कपाट केवल विशेष पूजन अर्चन के दौरान ही बंद किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने रामनवमी के अवसर पर नगर में साफ सफाई, लोगों के पेयजल की व्यवस्था तथा गर्मी को देखते हुये श्रद्धालुओं के लिए परिवहन निगम एवं नगर विकास विभाग से समन्वय कर इलेक्ट्रिक बसों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था किया जाय कि श्रद्धालुओं को ढाई किमी से ज्यादा चलने की आवश्यकता न हों तथा तुलसी उद्यान आदि स्थानों पर उनके जूते चप्पल रखने की भी व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनवमी त्यौहार के समय चुनाव कार्य भी शुरू हो गया होगा, इसलिए इस अवसर पर मुख्य क्षेत्रों जैसे रामलला मंदिर, हनुमानगढ़ी आदि स्थानों पर स्थायी रूप से पुलिस कार्मिकों एवं अन्य सेवा के लोगों को ड्यूटी लगायी जाए और उन्हें इलेक्शन ड्यूटी से मुक्त रखा जाए।

रामनवमी कार्यक्रम की तैयारी को लेकर जिलाधिकारी नितीश कुमार द्वारा सीएम के समक्ष प्रस्तुतिकरण किया गया। इसमें लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, विद्युत, सूचना, संस्कृति, सामान्य प्रशासन एवं मेला प्रशासन के प्रमुख कार्यों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि विगत वर्ष की अपेक्षा और इस साल बेहतर व्यवस्था की गयी है। पुलिस प्रशासन की ओर से पार्किंग एवं ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने सीएम योगी को अवगत कराया।

मण्डलायुक्त गौरव दयाल ने कहा कि रामलला विराजमान मंदिर के शुरू होने के बाद भीड़ लगातार बढ़ रही है। सभी की सुविधाओं को ध्यान में रखकर नगर निगम, विकास प्राधिकरण, स्वास्थ्य विभाग को बेहतर ढंग से कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने पुलिस व्यवस्था के सम्बंध में बताया कि आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के प्रति पुलिस के व्यवहार को अच्छा रखने के निर्देश दिये गये।

बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक जोन अमरेन्द्र सिंह सेंगर के अलावा सांसद लल्लू सिंह, मेयर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, रामचन्दर यादव, डॉ अमित सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव सहित अन्य पार्टी के पदाधिकारी के अलावा सम्बंधित विभागों के अधिकारी, अभियन्ता, मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज, अपर जिलाधिकारी नगर/मेलाधिकारी सलिल कुमार पटेल, अपर पुलिस अधीक्षक मधुबन कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अतुल सोनकर, मुख्य चिकित्साधिकारी, उपनिदेशक सूचना, उपनिदेशक पर्यटन, विद्युत सहित अन्य विभागों के अभियन्ता, आरटीओ ऋतु सिंह आदि की मौजूदगी रही।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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