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उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 13371 बच्चों को प्रथम छमाही की क़िस्त जारी

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CM Yogi

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अनाथ बच्चों के जीवन-यापन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अथक प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में कोरोना के दौरान ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता व उनमें से किसी एक की मौत हो गई है उनके भरण-पोषण की व्यवस्था और आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई थी। इस योजना के अन्तर्गत बेसहारा बच्चों को पालन पोषण के लिए प्रतिमाह 4 हजार रुपए तक की धनराशि दी जाती है। साल 2022-23 में 13371 बच्चों के लिए प्रथम छमाही किस्त की धनराशि सभी जिलों को भेजी जा चुकी है। साथ ही 2217 बच्चों को लैपटॉप के लिए जिलों को धनराशि जारी की गई है। इसके अलावा इसी साल 5 बालिकाओं के लिए शादी अनुदान की धनराशि भी जारी की गई है।

अनाथ बच्चों का हो रहा पालन पोषण

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत साल 2022-23 में लगभग 10 हजार से ज्यादा बच्चों को 2500 रुपए प्रतिमाह की दर से दो त्रैमासिक किस्तों की धनराशि दी जा चुकी है। इसके साथ ही 18 साल से कम उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता-पिता या अभिभावक की मौत 1 मार्च 2020 के बाद कोविड के अतिरिक्त किसी अन्य कारण से हो गई है, उन्हें भी योजना के तहत राशि आवंटित हो चुकी है। 18 से 23 साल के ऐसे किशोर जिन्होंने अपने माता-पिता अथवा अभिभावक को कोविड या अन्य कारणों से खो दिया है और कक्षा-12 तक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वो भी इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। सामान्य श्रेणियों में आने वाले बच्चों को प्रति बालक या बालिका को 2500 रुपये की प्रतिमाह सहायता राशि प्रदान की जाती है।

एक परिवार के 2 बच्चों को मिलती है मदद

इस योजना के तहत जिनकी माता तलाकशुदा या परित्यक्ता हैं अथवा जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्य कमाने वाला जेल में है या फिर ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति या बाल वैश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार या पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया है उन्हें भी इस योजना के जरिये आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना का लाभ एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को दिया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

कन्नौज रेलवे स्टेशन पर चल रहे सौंदर्यीकरण कार्य के दौरान बड़ा हादसा, निर्माणाधीन लेंटर अचानक गिरा 20 मजदूरों के दबे होने की आशंका

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कन्नौज। कन्नौज रेलवे स्टेशन पर चल रहे सौंदर्यीकरण कार्य के दौरान शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया. स्टेशन की दूसरी मंजिल पर निर्माणाधीन लेंटर अचानक गिर गया, जिससे वहां काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए. घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई.
जानकारी के मुताबिक रेलवे स्टेशन पर बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा था। दूसरी मंजिल पर छत का लेंटर अचानक गिर पड़ा। लेंटर गिरने के बाद मलबे में 35 से 40 मजदूर दब गए।

ताजा जानकारी के मुताबिक अभी तक मलबे से 23 मजदूरों को निकाला जा चुका है। तीन मजदूरों की हालत गंभीर है। इन्हें लखनऊ रेफर किया गया है। मलबे में दबे हुए बाकी मजदूरों को निकालने के लिए लखनऊ से एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है। मंत्री असीम अरुण ने बताया कि रेस्क्यू अभियान जारी है। जल्द ही सभी दबे हुए मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। मलबे में अभी भी 15 से 20 मजदूरों के दबे होने की आशंका। डीएम, मंत्री, एसपी और रेलवे के अफसर घटनास्थल पर मौजूद हैं।

बताया जाता है कि रेलवे स्टेशन पर सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। इसी के तहत यह निर्माण किया जा रहा था। लेंटर गिरते ही जोरदार आवाज से पूरा इलाका गूंज उठा। घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। वहीं प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने राहत और बचाव का काम तेज करने के निर्देश दिए हैं।

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