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आध्यात्म

गुरु प्रदोष व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त; कभी न करें ये गलतियां

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Guru Pradosh fast today

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नई दिल्ली। हिंदी पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। इस बार यह त्रयोदशी तिथि आज 2 फरवरी को दोपहर 4 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रही है चूंकि भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में ही की जाती है, इसलिए आज ही प्रदोष व्रत रखना शुभ होगा।

पंचांग के अनुसार, सप्ताह के दिन के हिसाब से प्रदोष व्रत का नाम होता है। आज के दिन गुरुवार होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। आज भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है।

माना जाता है कि माघ मास में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

गुरु प्रदोष व्रत के दिन भगवान की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। जानिए गुरु प्रदोष व्रत के दौरान कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।

गुरु प्रदोष व्रत की शुभ मुहूर्त

गुरु प्रदोष व्रत 02 फरवरी को शाम 04 बजकर 25 मिनट से लेकर 03 फरवरी को शाम 06 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम सूर्यास्त से करीब 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है।

गुरु प्रदोष व्रत पर न करें ये गलतियां

गुरु प्रदोष व्रत के दिन घर को गंदा न रखें। अच्छी तरह से साफ-सफाई करें।

गुरु प्रदोष व्रत के दिन लहसुन-प्याज जैसे तामसिक चीजों का सेवन न करें,तो अच्छा है।

मांस-मदिरा से दूरी बनाकर रखें।

घर में सुख-शांति बनाए रखें। किसी भी तरह की गृह क्लेश या फिर वाद विवाद में न पड़ें।

बिना स्नान किए शिवलिंग को स्पर्श नहीं करना चाहिए।

जो लोग गुरु प्रदोष व्रत को रख रहे रहें है। वह लोग स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र ही धारण करें।

भगवान शिव को हल्दी, केतकी, सिंदूर, तुलसी, नारियल पानी आदि नहीं चढ़ाना चाहिए। इससे वह रुष्ट हो जाते हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता की गारंटी नहीं है। किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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