उत्तर प्रदेश
ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट पेश करने को ASI ने मांगा 8 हफ्ते का समय, अब 8 सितंबर को सुनवाई
वाराणसी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने आज शनिवार को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे और इसकी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट से 8 सप्ताह का समय मांगा है। एएसआई के प्रार्थना पत्र पर जिला जज की अदालत में अब आठ सितंबर को सुनवाई होगी।
बता दें कि जिला जज की अदालत ने सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने और उसकी रिपोर्ट दो सितंबर तक जमा करने के आदेश दिए थे। एसएसआई की टीम चार अगस्त से ही सर्वे कर रही है। इसमें जीपीआर तकनीक का भी सहारा लिया गया है। ज्ञानवापी में सर्वे का काम जारी है, इसलिए रिपोर्ट आज अदालत में दाखिल किए जाने की उम्मीद कम ही थी।
ASI की तरफ से भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने वादिनी के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी और पैरोकार सोहनलाल आर्य के साथ एडीजे प्रथम संजीव सिन्हा की कोर्ट में आवेदन दाखिल किया। एक अधिवक्ता के निधन के कारण अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए आठ सितंबर की तिथि नियत की।
अब सभी की निगाहें कोर्ट पर हैं। क्या अदालत सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए समयसीमा बढ़ाने का प्रार्थना पत्र स्वीकार करेगी, यह जानने को लेकर लोग उत्सुक हैं। अब प्रार्थना पत्र के आधार पर अदालत आदेश देगी। केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने बताया कि ज्ञानवापी का सर्वे फिलहाल जारी है।
उत्तर प्रदेश
मेरठ में घर के अंदर से मिले एक ही परिवार के पांच लोगों के शव, हत्या की आशंका
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक ही परिवार के पांच लोगों के शव उनके घर के अंदर रखे बेड के अंदर से पाए गए। घटना लिसाड़ी गेट थाने के पास सोहेल गार्डन इलाके की है। पुलिस और फोरेंसिक अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। घटना से एक दिन पहले परिवार गायब हो गया था। घटनास्थल पर सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। हालांकि पुलिस मर्डर या सुसाइड पर कुछ भी बोलने से बच रही है।
मरने वालों में पति-पत्नी और तीन बच्चे शामिल हैं। पति की गर्दन काटकर उसे गठरी में बांधकर कमरे से बाहर फेंक दिया गया जबकि पत्नी और बच्चों की हत्या कर उनके शव बेड के बॉक्स में डाल दिये गये। जानकारी के मुताबिक, परिवार बुधवार से लापता था। पड़ोसियों ने बताया कि पिछले 24 घंटे से किसी ने परिवार के किसी सदस्य को देखा नहीं था। जब बदबू आने लगी तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इस मकान में टाइल पत्थर का कारीगर अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहता था।
पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मौतें कैसे हुईं। पड़ोसियों का कहना है कि परिवार शांत स्वभाव का था और किसी से ज्यादा मेलजोल नहीं रखता था।
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