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प्रादेशिक

सीएम नायब सिंह सैनी का कांग्रेस पर निशाना, कहा- हुड्डा कार्यकाल में पर्ची-खर्ची से नौकरियां मिलती थी

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भिवानी। भिवानी के तोशाम कस्बा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जन आर्शीवाद रैली में पहुंचे. जहां जनता को संबोधित करते हुए कहा कि तोशाम क्षेत्र चौधरी बंसीलाल की कर्मस्थली रहा है. आज उनकी 97वीं जयंती पर इस क्षेत्र के लोगों को शुभकामनाएं देने के साथ ही यहां से विधायक रही किरण चौधरी को राज्यसभा में जाने के लिए भी शुभकामनाएं देंगे.

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के हरियाणा मांगे हिसाब अभियान पर चोट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से उनके 10 साल के कार्यकाल का हिसाब मांगा. उन्होंने कहा कि हुड्डा कार्यकाल में पर्ची-खर्ची से नौकरियां मिलती थी और किसानों की जमीन दिल्ली में बैठे नेताओं के लिए औने-पौने दामों पर एक्वायर की जाती थी. किसानों को दो से चार रुपए फसल बीमा का मुआवजा मिलता थी. इसका जवाब भूपेंद्र सिंह हुड्डा को देना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने जन आर्शीवाद रैली में पहुंचते ही चौ. बंसीलाल की फोटो पर उनकी 97वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की. उसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में तोशाम के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 1996 में चौ. बंसीलाल व भारतीय जनता पार्टी ने मिलकर सरकार चलाई थी. किरण चौधरी इसी परिपाटी को आगे बढ़ा रही है. उन्होंनें कहा कि तोशाम की जनता ने चौ. बंसीलाल व सुरेंद्र सिंह को कभी अकेला नहीं छोड़ा.

इसी तर्ज पर यहां की जनता किरण चौधरी व उनकी बेटी श्रुति चौधरी का साथ इस क्षेत्र से देती रहेगी. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने लगभग पिछले तीन माह के कार्यकाल की उपलब्धियों का विस्तार से वर्णन करते हुए कच्चे कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी देने, 84 लाख लोगों को हैप्पी कार्ड उपलब्ध करवाने, जरूरतमंदों को 100-100 गज प्लॉट देने, एससी-बीसी वर्ग को धर्मशालाओं के नवीनीकरण के लिए 118 करोड़ रूपये देने सहित विभिन्न उपलब्धियों को गिनवाया.

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गुजरात

गुजरात में अल्प्राजोलम बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, 107 करोड़ रु की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोग गिरफ्तार

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आणंद। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने आणंद जिले में अल्प्राजोलम नाम का पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. एटीएस टीम ने इस दौरान मौके से 107 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे मामले को लेकर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

एजेंसी के अनुसार, एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों ने खंभात शहर के पास एक फैक्ट्री किराए पर ली थी. यहां नींद की गोलियों में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ अल्प्राजोलम का निर्माण कर रहे थे. सहायक पुलिस आयुक्त (एटीएस) हर्ष उपाध्याय ने बताया कि अल्प्राजोलम एक पदार्थ है.

अल्प्राजोलम के दुरुपयोग के कारण यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के दायरे में आता है. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस ने गुरुवार की शाम फैक्ट्री पर छापा मारा. इस दौरान 107 करोड़ रुपये की कीमत का 107 किलोग्राम अल्प्राजोलम पदार्थ मिला. इसी के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अल्प्राजोलम को तैयार करने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) लाइसेंस जारी करता है. यह दवा भी एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में आती है. छापेमारी के समय आरोपियों से जब लाइसेंस मांगा गया तो उनके पास कोई लाइसेंस नहीं था. इस दौरान पांच आरोपी यूनिट का संचालन कर रहे थे, जबकि छठा व्यक्ति रिसीवर था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पांचों आरोपियों ने साइकोट्रोपिक पदार्थ बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर ली थी.

 

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