अन्तर्राष्ट्रीय
US: खालिस्तान समर्थकों ने फिर बनाया हिंदू मंदिर को निशाना, दीवारों पर लिखे भारत-विरोधी नारे
वॉशिंगटन। अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित नेवार्क में खालिस्तानी कट्टरपंथियों की एक और शर्मनाक हरकत सामने आई है। यहां कुछ शरारती तत्वों ने एक मंदिर में तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं इन लोगों ने मंदिर की दीवारों पर भारत-विरोधी नारे लिख दिए। इस घटना का कैलिफोर्निया पुलिस ने संज्ञान लिया है और मामले में जांच बिठा दी है।
बताया गया है कि जिस मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया है, वह वॉशिंगटन डीसी से 100 किमी दूर स्थित है। हिंदू अमेरिकी फाउंडेशन की तरफ से सोशल मीडिया पर साझा तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि इस मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हैं।
इतना ही नहीं मंदिर के बोर्ड पर भी भारत-विरोधी चित्रकारी की गई है। हिंदू-अमेरिकी संस्थान ने इस घटना की हेट क्राइम (नफरती अपराध) के तौर पर जांच की मांग की है।
उत्तरी अमेरिका और कनाडा में खालिस्तानियों के निशाने पर मंदिर
गौरतलब है कि उत्तरी अमेरिका और कनाडा में सक्रिय कुछ खालिस्तान समर्थक संगठन लगातार हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। खासकर कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में इसी साल अगस्त में स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया था।
मंदिर के गेट पर खालिस्तान जनमत संग्रह के पोस्टर लगा दिए गए, जिन पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की भी तस्वीर लगी है। पोस्टर में लिखा गया था कि ‘कनाडा 18 जून की हत्या की घटना में भारत की भूमिका की जांच कर रहा है।’
अन्तर्राष्ट्रीय
14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे जो बाइडेन
अमेरिका। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी 14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे। यही उनका विदाई भाषण भी होगा। इसके लिए ह्वाइट हाउस ने तैयारी शुरू कर दी है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले यानि बुधवार को ओवल ऑफिस से बाइडेन का यह विदाई भाषण होगा। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का यह अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।
इससे पहले बाइडेन सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन’’ पर बात करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में बाइडन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था।
बाइडेन की जगह कमला हैरिस से हुआ ट्रंप का मुकाबला
बाइडेन की पीछे हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद अमेरिकियों को देश की पहली महिला राष्ट्रपति मिलने की उम्मीद भी जगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। इस प्रकार ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि बाइडेन का दावा है कि यदि वह नैतिक दबाव में पीछे नहीं हटे होते तो ट्रंप को हरा सकते थे।
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