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उत्तर प्रदेश

उप्र: बुजुर्ग माता-पिता पर किया अत्याचार तो संपत्ति से हो जाएंगे बेदखल, नियमावली में संशोधन पर हो रहा विचार

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If elderly parents are tortured will be evicted from the property UP

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब बूढ़े माता-पिता या वरिष्ठ नागरिकों पर अत्याचार करने पर वारिस उनकी संपत्ति से बेदखल किए जा सकते हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली-2014 में संशोधन करने पर विचार कर रही है।

इस बारे में समाज कल्याण विभाग की ओर से मुख्यमंत्री के सामने शुक्रवार को प्रस्तुतिकरण दिया गया। प्रदेश सरकार प्रस्तावित संशोधनों पर महाधिवक्ता की सलाह लेकर आगे बढ़ेगी। उप्र में केंद्र सरकार के माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 को स्वीकार करते हुए वर्ष 2014 में नियमावली लागू की गई।

राज्य सप्तम विधि आयोग ने इस नियमावली में संशोधन की सिफारिश की है। आयोग का मानना है कि यह नियमावली, केंद्रीय अधिनियम के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हो रही है। अभी नियमावली के तहत बुजुर्गों का ध्यान न रखने पर प्रति माह अधिकतम 10 हजार रुपये भरण-पोषण भत्ता देने या एक माह की सजा का प्रावधान है।

इसलिए सप्तम विधि आयोग ने नियमावली के नियम-22 में तीन उप धाराएं जोड़ने की सिफारिश की है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों का ध्यान न रखने पर बच्चों या नातेदारों को उस संपत्ति से बेदखल करने के प्रावधान की बात की गई है, जिस पर वरिष्ठ नागरिकों का कानूनी अधिकार हो। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित संशोधन के लिए कैबिनेट की मंजूरी आवश्यक होगी।

बेदखली के लिए प्रस्तावित संशोधन

वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं की सुनवाई के लिए हर तहसील में एसडीएम की अध्यक्षता में अधिकरण और जिले में डीएम की अध्यक्षता में अपील अधिकरण है।

प्रस्तावित संशोधनों में कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिक अपनी संपत्ति से किसी की बेदखली के लिए अधिकरण को आवेदन दे सकते हैं। अगर वरिष्ठ नागरिक स्वयं आवेदन करने में असमर्थ हैं तो कोई संस्था भी उनकी ओर से ऐसा आवेदन दाखिल कर सकती है।

-तथ्यों से संतुष्ट होने पर अधिकरण बेदखली का आदेश कर सकता है। संबंधित पक्ष को तीन दिन के भीतर वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति से बेदखली के आदेश का पालन करना होगा।

-ऐसा न किए जाने पर पुलिस की मदद से संपत्ति से बेदखल करने की प्रक्रिया पूरी कर संपत्ति वरिष्ठ नागरिक को सौंप दी जाएगी।

-अधिकरण के आदेश के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक अपील अधिकरण में 60 दिन के भीतर अपील भी कर सकता है।

उत्तर प्रदेश

कन्नौज रेलवे स्टेशन पर चल रहे सौंदर्यीकरण कार्य के दौरान बड़ा हादसा, निर्माणाधीन लेंटर अचानक गिरा 20 मजदूरों के दबे होने की आशंका

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कन्नौज। कन्नौज रेलवे स्टेशन पर चल रहे सौंदर्यीकरण कार्य के दौरान शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया. स्टेशन की दूसरी मंजिल पर निर्माणाधीन लेंटर अचानक गिर गया, जिससे वहां काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए. घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई.
जानकारी के मुताबिक रेलवे स्टेशन पर बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा था। दूसरी मंजिल पर छत का लेंटर अचानक गिर पड़ा। लेंटर गिरने के बाद मलबे में 35 से 40 मजदूर दब गए।

ताजा जानकारी के मुताबिक अभी तक मलबे से 23 मजदूरों को निकाला जा चुका है। तीन मजदूरों की हालत गंभीर है। इन्हें लखनऊ रेफर किया गया है। मलबे में दबे हुए बाकी मजदूरों को निकालने के लिए लखनऊ से एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है। मंत्री असीम अरुण ने बताया कि रेस्क्यू अभियान जारी है। जल्द ही सभी दबे हुए मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। मलबे में अभी भी 15 से 20 मजदूरों के दबे होने की आशंका। डीएम, मंत्री, एसपी और रेलवे के अफसर घटनास्थल पर मौजूद हैं।

बताया जाता है कि रेलवे स्टेशन पर सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। इसी के तहत यह निर्माण किया जा रहा था। लेंटर गिरते ही जोरदार आवाज से पूरा इलाका गूंज उठा। घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। वहीं प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने राहत और बचाव का काम तेज करने के निर्देश दिए हैं।

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