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अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे के समाधान के लिए भारत ने किया 2 स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन, UNGA में कही यह बात

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India supports 2 state solution to resolve Israel-Palestine issue

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न्यूयार्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने UNGA (संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली) में इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे के समाधान के लिए बातचीत के जरिए 2 स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन किया। इसके साथ ही कहा कि सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर फिलिस्तीन की स्थापना होनी चाहिए, जहां स्वतंत्र इजरायल के साथ शांति से रह सकें।

भारत ने मंगलवार को फिलिस्तीनी लोगों के साथ दीर्घकालिक संबंधों को एक बार फिर दोहराया। इसके साथ ही कहा कि इजरायल-हमास संघर्ष के कारण बड़े पैमाने पर नागरिकों की जान को नुकसान हो रहा है, यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा इस मानवीय संकट से निपटने के लिए सभी पक्षों को अत्यधिक जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है।

रुचिरा कंबोज ने हमास की ओर से बंधक बनाए गए सभी लोगों की बिना किसी शर्त के रिहाई का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के उन सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं, जिससे संघर्ष रुके और फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता दी जा सके। उन्होंने कहा, ‘हम आज एक ऐसे समय पर इकट्ठा हुए हैं जब मध्य पूर्व में चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष के कारण सुरक्षा स्थिति बिगड़ रही है।’

भारत ने भेजी मदद

उन्होंने कहा, ‘बड़े पैमाने पर नागरिक जीवन, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की मौत हो रही है। यह एक खतरनाक मानवीय संकट है। यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है और हम नागरिकों की मौत की निंदा करते हैं।’ इसके अलावा उन्होंने भारत की ओर से भेजे गए मदद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी ओर से 70 टन मानवीय सामान भेजा है, जिसमें 16.5 टन दवा और चिकित्सा आपूर्ति शामिल है।’

भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस

इसके अलावा भारत ने तत्काल बिना शर्त बंधकों के रिहाई की मांग की है। कंबोज ने कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का दृष्टिकोण रखता है। उन्होंने कहा, ‘मैं यह जोड़ना चाहूंगी कि संघर्ष की शुरुआत के बाद से पीएम मोदी और विदेश मंत्री क्षेत्र और उससे अलग के नेताओं के साथ संपर्क में रहे हैं। उन्होंने हर बार कहा है कि संघर्ष को रोकना महत्वपूर्ण है।’ हमास की ओर से 81 बंधकों को अब तक छोड़ा गया है। इजरायल -हमास युद्ध में गाजा के 15000 लोगों की मौत हो गई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे जो बाइडेन

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अमेरिका। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी 14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे। यही उनका विदाई भाषण भी होगा। इसके लिए ह्वाइट हाउस ने तैयारी शुरू कर दी है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले यानि बुधवार को ओवल ऑफिस से बाइडेन का यह विदाई भाषण होगा। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का यह अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।

इससे पहले बाइडेन सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन’’ पर बात करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में बाइडन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था।

बाइडेन की जगह कमला हैरिस से हुआ ट्रंप का मुकाबला

बाइडेन की पीछे हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद अमेरिकियों को देश की पहली महिला राष्ट्रपति मिलने की उम्मीद भी जगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। इस प्रकार ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि बाइडेन का दावा है कि यदि वह नैतिक दबाव में पीछे नहीं हटे होते तो ट्रंप को हरा सकते थे।

 

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