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उत्तर प्रदेश

जांच में खुलासा, अखिलेश यादव समेत कई MP-MLA ने जौहर विवि के लिए खोला था खजाना

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opened treasury for Jauhar University

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लखनऊ/ रामपुर। उप्र के रामपुर में सपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री आज़म खान के जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए तत्कालीन लगभग दो दर्जन सांसदों व विधान परिषद सदस्यों (MLC) ने अपने खजाने (विधायक व सांसद निधि) का मुंह खोला था।

विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय व अन्य निर्माण कार्यों के लिए विधायक निधि से भी लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये दिए गए थे। इनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व आजम खां की पत्नी व तत्कालीन राज्य सभा सदस्य व आज़म खान की पत्नी तंजीन फात्मा के नाम भी शामिल हैं।

जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में सरकारी विभागों ने ही नहीं, माननीयों ने भी अपनी निधि से 10 लाख रुपये से लेकर 45 लाख रुपये तक जौहर विश्वविद्यालय के कार्यों के लिए प्रदान किए थे। बताया गया कि बाद में यह मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा था।

कोर्ट के निर्देश पर विधायक निधि की रकम सरकारी कोष में वापस हुई थी। सूत्रों का कहना है कि तंजीन फात्मा ने अपनी सांसद निधि से विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यों के लिए तीन बार में कुल 22.39 लाख रुपये दिए थे।

वहीं, अखिलेश यादव ने अपनी विधायक निधि से विश्वविद्यालय के विधि संकाय में शौचालय के निर्माण के लिए 20 लाख रुपये दिए थे। विधान परिषद सदस्य सरोजनी अग्रवाल ने निधि से सर्वाधिक 45 लाख रुपये दिए थे।

तत्कालीन MLC राजेन्द्र चौधरी, मधु गुप्ता, बुक्कल नवाब, बलराम यादव, रमेश यादव, राम सुंदर दास, यशवंत सिंह, विजय यादव, अंबिका चौधरी, अहमद हसन, लीलावती कुशवाहा, आरएसएस यादव, राम सकल गुर्जर, राम जतन राजभर व अन्य ने भी विधायक निधि से 10 लाख से 30 लाख रुपये तक दिए थे।

विधायक निधि के खर्च को लेकर जारी आदेशों को भी जुटाया जा रहा है। इसे लेकर आयकर विभाग ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से सूचनाएं मांगी हैं।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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