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प्रादेशिक

देश के 8 शहरों में लॉन्च हुआ जियो एयर फाइबर, 599 रु से प्लान शुरु, 1 जीबीपीएस तक मिलेगी स्पीड

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नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने गणेश चतुर्थी के मौके पर देश के 8 मेट्रो शहरों में जियो एयर फाइबर लॉन्च कर दिया है। जियो एयर फाइबर एक इंटीग्रेटिड एंड-टू-एंड सॉल्युशन है जोकि होम एंटरटेनमेंट, स्मार्ट होम सर्विस और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड जैसी सर्विस देगा। कंपनी ने दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और पुणे में जियो एयर फाइबर की सर्विस लाइव कर दी हैं।

एयर फाइबर और एयर फाइबर मैक्स नाम के दो प्लान कंपनी ने बाजार में उतारे हैं। एयर फाइबर प्लान में ग्राहक को दो तरह की स्पीड के प्लान मिलेंगे, 30 एमबीपीएस और 100 एमबीपीएस। कंपनी ने शुरुआती 30 एमबीपीएस प्लान की कीमत 599 रु रखी है। वहीं 100 एमबीपीएस के प्लान की कीमत 899 रु रखी गई है। दोनों ही प्लान्स में ग्राहक को 550 से अधिक डिजिटल चैनल और 14 एंटरटेनमेंट ऐप मिलेंगे। एयर फाइबर प्लान के तहत कंपनी ने 100 एमबीपीएस स्पीड वाला एक 1199 रु का प्लान भी पेश किया है। जिसमें ऊपर मिलने वाले चैनल व ऐप्स के साथ नेटफ्लिक्स, एमेजॉन और जियो सिनेमा जैसे प्रीमियम ऐप्स भी मिलेंगे।

जिन ग्राहकों को इंटरनेट की स्पीड अधिक चाहिए, वे ‘एयर फाइबर मैक्स’ प्लान्स में से कोई एक चुन सकते हैं। कंपनी ने 300 एमबीपीएस से लेकर 1000 एमबीपीएस यानी 1 जीबीपीएस तक के तीन प्लान बाजार में उतारे हैं। 1499 रु में 300 एमबीपीएस की स्पीड मिलेगी। 2499 रु में 500 एमबीपीएस तक की स्पीड ग्राहक को हासिल होगी। और अगर ग्राहक को 1 जीबीपीएस की स्पीड वाला प्लान लेना है तो उसे 3999 रु खर्च करने होंगे। सभी प्लान्स के साथ 550 से अधिक डिजिटल चैनल, 14 एंटरटेनमेंट ऐप और नेटफ्लिक्स, एमेजॉन और जियो सिनेमा जैसे प्रीमियम ऐप्स भी मिलेंगे।

जियो का ऑप्टिकल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर पूरे भारत में 15 लाख किमी से अधिक में फैला हुआ है। कंपनी अपनी जियो फाइबर सर्विस से अब तक 1 करोड़ से अधिक परिसरों को जोड़ चुकी हैं। पर अभी भी करोड़ों परिसर व घर ऐसे हैं, जहां वायर यानी फाइबर कनेक्टिविटी देना काफी मुश्किलों भरा है। जियो एयर फाइबर इस लास्ट माइल कनेक्टिविटी की मुश्किल को आसान बनाएगा। जियो एयर फाइबर के जरिए कंपनी 20 करोड़ घरों और परिसरों तक पहुंचने की उम्मीद कर रही है।

जियो एयर फाइबर के लॉन्च पर रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के चेयरमैन, आकाश अंबानी ने कहा, “हमारी फाइबर-टू-द-होम सर्विस, जियो फाइबर 1 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रही है, हर महीने सैकड़ों हजारों लोग इससे जुड़ रहे हैं। लेकिन अभी भी लाखों घरों और छोटे व्यवसायों को जोड़ा जाना बाकी है।

जियो एयर फाइबर के साथ, हम अपने देश के हर घर को समान गुणवत्ता वाली सेवा के साथ तेजी से कवर करने जा रहे हैं। जियो एयर फाइबर शिक्षा, स्वास्थ्य, निगरानी और स्मार्ट होम में अपने सॉल्युशन्स के माध्यम से लाखों घरों को विश्व स्तरीय डिजिटल मनोरंजन, स्मार्ट होम सेवाओं और ब्रॉडबैंड की सेवाएं देगा।“

जियो एयर फाइबर को ऑनलाइन व ऑफलाइन बुक किया जा सकता है। 60008-60008 पर मिस्ड कॉल देकर या www.jio.com पर विजिट कर बुकिंग प्रक्रिया शुरु की जा सकती है। जियो स्टोर्स से भी जियो एयर फाइबर को खरीदा जा सकता है।

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गुजरात

गुजरात में अल्प्राजोलम बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, 107 करोड़ रु की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोग गिरफ्तार

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आणंद। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने आणंद जिले में अल्प्राजोलम नाम का पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. एटीएस टीम ने इस दौरान मौके से 107 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे मामले को लेकर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

एजेंसी के अनुसार, एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों ने खंभात शहर के पास एक फैक्ट्री किराए पर ली थी. यहां नींद की गोलियों में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ अल्प्राजोलम का निर्माण कर रहे थे. सहायक पुलिस आयुक्त (एटीएस) हर्ष उपाध्याय ने बताया कि अल्प्राजोलम एक पदार्थ है.

अल्प्राजोलम के दुरुपयोग के कारण यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के दायरे में आता है. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस ने गुरुवार की शाम फैक्ट्री पर छापा मारा. इस दौरान 107 करोड़ रुपये की कीमत का 107 किलोग्राम अल्प्राजोलम पदार्थ मिला. इसी के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अल्प्राजोलम को तैयार करने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) लाइसेंस जारी करता है. यह दवा भी एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में आती है. छापेमारी के समय आरोपियों से जब लाइसेंस मांगा गया तो उनके पास कोई लाइसेंस नहीं था. इस दौरान पांच आरोपी यूनिट का संचालन कर रहे थे, जबकि छठा व्यक्ति रिसीवर था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पांचों आरोपियों ने साइकोट्रोपिक पदार्थ बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर ली थी.

 

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