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अन्तर्राष्ट्रीय

पूरे समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते खालिस्तान समर्थक, उनकी संख्या बहुत कम: जयशंकर

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s jaishankar speaks on sikh community in usa

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वॉशिंगटन। अमेरिकी दौरे पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वॉशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खालिस्तान को लेकर किए गए सवाल के जवाब में सिख समुदाय की तारीफ करते हुए कहा कि चरमपंथियों की संख्या बहुत कम है और वह पूरे समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

जयशंकर ने कहा कि ये सभी जानते हैं कि मोदी सरकार सिख समुदाय का कितना ध्यान रखती है। बीते 10 सालों में सिखों के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

विदेश मंत्री ने सिख समुदाय का किया समर्थन

एस जयशंकर ने कहा कि ‘मुझे नहीं लगता कि जो चर्चा (खालिस्तान मुद्दा) आजकल चल रही है, वह पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है। जो आतंकवाद, अलगाववाद की बात कर रहे हैं, वह बहुत ही कम लोग हैं, जिन पर संबंधित सरकारों को कार्रवाई करनी चाहिए, हमें इसे पूरे समुदाय का मामला नहीं मानना चाहिए।’

कनाडा पर साधा निशाना

इस दौरान एस जयशंकर ने कनाडा पर निशाना भी साधा और कहा कि मौजूदा समस्या कनाडाई सरकार द्वारा आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा को छूट देने के चलते हुई है। विदेश मंत्री ने कहा ‘तथ्य ये है कि कनाडा और कनाडाई सरकार के साथ यह समस्या हाल के कुछ सालों में हुई है और यह समस्या आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा को छूट देने के चलते हो रही है।

जयशंकर ने कहा कि कनाडा द्वारा दी जा रही छूट इस बात से भी पता चलती है कि हमने कुछ लोगों का प्रत्यर्पण करने की मांग की थी लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है। जबकि तथ्य ये है कि ये वो लोग हैं जो साफ तौर पर भारत में हिंसा और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं और उन्होंने खुद इसकी घोषणा की है। मतलब यह कोई दबी छिपी बात नहीं है।’

अन्तर्राष्ट्रीय

14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे जो बाइडेन

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अमेरिका। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी 14 जनवरी को अपना आखिरी भाषण देंगे। यही उनका विदाई भाषण भी होगा। इसके लिए ह्वाइट हाउस ने तैयारी शुरू कर दी है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले यानि बुधवार को ओवल ऑफिस से बाइडेन का यह विदाई भाषण होगा। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का यह अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।

इससे पहले बाइडेन सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन’’ पर बात करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट’ में बाइडन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था।

बाइडेन की जगह कमला हैरिस से हुआ ट्रंप का मुकाबला

बाइडेन की पीछे हटने के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। इसके बाद अमेरिकियों को देश की पहली महिला राष्ट्रपति मिलने की उम्मीद भी जगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। इस प्रकार ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि बाइडेन का दावा है कि यदि वह नैतिक दबाव में पीछे नहीं हटे होते तो ट्रंप को हरा सकते थे।

 

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